Friday 11 March 2016

Siwana Fort Barmer RAJASTHAN HISTORY IN HINDI

सिवाना दुर्ग (Siwana Fort)Barmer

Siwana का Durg Jodhpur से 54 मील पश्चिम की ओर है। इसके पूर्व में नागौर, पश्चिम में malani, उत्तर में Pachpadra और दक्षिण में जालौर है। वैसे तो यह Durg चारों ओर रेतीले भाग से घिरा हुआ है परंतु इसके साथ-साथ यहां छप्पन के पहाड़ों का सिलसिला पुर्व-पश्चिम की सीध में 48 मील तक फैला हुआ है। इस पहाड़ी सिलसिले के अंतगर्त haldeshwar का पहाड़ सबसे ऊँचा है, जिस पर Siwana का सुदृढ़ Durg बना है।

Siwana के Durg का बड़ा गौरवशाली इतिहास है। प्रारंभ में यह प्रदेश पंवारों के आधीन था। इस वंश में वीर नारायण बड़ा प्रतापी शासक हुआ। उसी ने Siwana Durg को बनवाया था। तदन्तर यह Durg Chauhanों के अधिकार में आ गया। जब Allauddin ने Gujarat और Malwa को अपने अधिकार में लिया, तो इन प्रांतों में आवागमन के मार्ग को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक हो गया था कि वह मार्ग में पड़ने वाले Durgों पर भी नियंत्रण करे। इस नीति के अनुसार उसने Chittod तथा Ranthambhore को अपने अधिकार में कर लिया। परंतु Marwad से इन प्रांतों में जाने के मार्ग तब तक सुरक्षित नही हो सकते थे जब तक जलौर और Siwana के Durgों पर इसका अधिकार नही हो जाता। इस समय Siwana Chauhan शासक शीतलदेव के नियंत्रण में था। सीतलदेव ने Chittod तथा Ranthambhore जैसे सुदृढ़ Durgों को खिलजी शक्ति के सामने धराशायी होते हुए देखा था। इस कारण उसके मन में भय तो था, परंतु उसने Siwana के Durg की स्वतंत्रता को बनाए रखने की कामना भी थी। वह बिना युद्ध लड़े किलों को शत्रुओं के हाथ में सौंप देना अपने वंश, परंपरा और सम्मान के विरुद्ध समझता था। उसने कई रावों और रावतों को युद्ध में परास्त किया था एवं उसकी धाक सारे Rajasthan में जमी हुई थी। अत: उसके लिए बिना युद्ध लड़े खिलजियों को Durg सौंप देना असंभव था।

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