भारतीय शहर अहमदाबाद को 08 जुलाई 2017 को यूनेस्को द्वारा भारत की पहली वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के रूप में मान्यता प्रदान की गयी. यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के 41वें सेशन में इसे भारत के पहले वैश्विक धरोहर वाले शहर के रूप में मान्यता दी गई.इसी श्रेणी में विश्व के अन्य शहरों जैसे पेरिस, एडिनबर्ग, गाले (श्रीलंका) कायरो एवं कुछ अन्य शहर शामिल हैं। अहमदाबाद के नाम पर 20 से अधिक देशों ने सहमति प�
��रकट की. अहमदाबाद को तुर्की, लेबनान, ट्यूनीशिया, पुर्तगाल, पेरू, कजाकिस्तान, वियतनाम, फिनलैंड, अज़रबैजान, जामैका, क्रोएशिया, ज़िम्बाब्वे, तंजानिया, दक्षिण कोरिया, अंगोलम और क्यूबा जैसे देशों ने समर्थन दिया.इन देशों द्वारा कहा गया कि अहमदाबाद में हिन्दू, मुस्लिम तथा जैन समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं इसलिए इसे वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल किया जाना चाहिए. वर्ष 2011 में अह�
�दाबाद को यूनेस्को की संभावित सूची में डाला गया था.अहमदाबाद के नगर निगम आयुक्त, मुकेश कुमार के अनुसार इस शहर में 2600 से अधिक विरासत स्थल हैं जिसमें से लगभग 24 शहरों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित किया गया है। <br/> <br/> अहमदाबाद
अहमदाबाद की स्थापना सुल्तान अहमद शाह द्वारा 15वीं सदी में साबरमती नदी के किनारे की गयी थी.
यूनेस्को द्वारा बताया गया कि यह शहर वास्तुकला का शानदार नमूना प्रस्तुत करता है जिसमें छोटे किले, क़िलेबंद शहर की दीवारों और दरवाज़ों के साथ कई मस्जिदों और मकबरे दर्शनीय स्थलों में शामिल हैं।
भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अहमदाबाद प्रमुख शिविर आधार रहा है। इसी शहर में महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की और स्वुतंत्रता संघर्ष से जुड़ें अनेक आन्दोमलन की शुरुआत भी यहीं से हुई थी.
पश्चिम भारत में बसा ये शहर, समुद्र से 174 फ़ुट की ऊंचाई पर स्थित है। शहर में कंकरिया और वस्त्रापुर तालाब दो झीलें हैं। <br/> विश्व धरोहर स्थलइसे मानवता के लिए ऐसे महत्वपूर्ण स्थानों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिन्हें आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना आवश्यक है। ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण की पहल यूनेस्को द्वारा की गयी. इस संबंध में एक अंतरराष्ट्रीय संधि क�
� गयी जो कि विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर संरक्षण को बल देती है। इसे वर्ष 1972 में लागू किया गया. इसके अंतर्गत तीन श्रेणियां आती हैं – प्राकृतिक धरोहर स्थल – ऐसे भौतिक या भौगोलिक प्राकृतिक स्थान जो भौतिक और भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत सुंदर या वैज्ञानिक महत्व के हों तथा यहां पाए जाने वाले जीव-जन्तु विलुप्ति के कगार पर खड़े हों. इस प्रकार के स्थानों को प्राकृतिक धरोहर स्थल के
रूप में जाना जाता है।सांस्कृतिक धरोहर स्थल - इस श्रेणी की धरोहर में स्मारक, स्थापत्य की इमारतें, मूर्तिकारी, चित्रकारी, स्थापत्य की झलक वाले, शिलालेख, गुफा आवास और वैश्विक महत्व वाले स्थान, इमारतों का समूह, अकेली इमारतें या आपस में संबंधित इमारतों का समूह, स्थापत्य में किया मानव का काम या प्रकृति और मानव के संयुक्त प्रयास का प्रतिफल, जो कि ऐतिहासिक, सौंदर्य, जातीय, मानवविज्ञान य�
�� वैश्विक दृष्टि से महत्व की हो, शामिल की जाती हैं।मिश्रित धरोहर स्थल - इस श्रेणी के अंतर्गत् वह धरोहर स्थल आते हैं जो कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों ही रूपों में महत्वपूर्ण होती हैं।यूनेस्को द्वारा घोषित किये गये भारतीय विश्व धरोहर स्थल हैं - <br/> काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क (1985) केवलादेव राष्ट्रीय पार्क (1985) मानस वन्यजीव सेंक्चुरी (1985) नंदा देवी (1988) तथा फूलों की घाटी (2005),सुदरबन राष्�
��्रीय पार्क (1987) <br/>
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Who: अहमदाबाद
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Where: यूनेस्को
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What: वर्ल्ड हेरिटेज सिटी
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When: 08 जुलाई 2017
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Indian Shahar Ahmedabad Ko 08 July 2017 Ko UNESCO Dwara Bhaarat Ki Pehli World Heritable City Ke Roop Me Manyata Pradan Ki Gayi. UNESCO World Heritable कमिटी Ke 41वें Session Me Ise Bhaarat Ke Pehle Vaishwik Dharohar Wale Shahar Ke Roop Me Manyata Dee Gayi.Isi Series Me Vishwa Ke Anya Shaharon Jaise Paris , एडिनबर्ग , गाले (ShriLanka) कायरो Aivam Kuch Anya Shahar Shamil Hain । Ahmedabad Ke Naam Par 20 Se Adhik Deshon ne Sahmati Prakat Ki. Ahmedabad Ko Turkey , Lebanon , Tunisia , Purtgal , Peru , Kajakistan , Vietnam , Finland , Azerbaijan , जामैका , Croatia , ज़िम्बाब्वे , Tanzania , Dakshinn Korea , अंगोलम Aur Cuba Jaise Deshon ne Samarthan Diya.In Deshon Dwara Kahaa Gaya Ki Ahmedabad Me Hindu , Muslim Tatha Jain Samuday Ke Log मिलजुल Kar Rehte Hain Isliye Ise World Heritable City Ki Soochi Me Shamil Kiya Jana Chahiye. Year 2011 Me Ahmedabad Ko UNESCO Ki Sambhavit
Soochi Me Dala Gaya Tha.Ahmedabad Ke Nagar Nigam Ayukt , mukesh Kumar Ke Anusaar Is Shahar Me 2600 Se Adhik Virasat Sthal Hain Jisme Se Lagbhag 24 Shaharon Ko Indian Puratatv Sarvekshann (ASI) Dwara Sanrakshit Kiya Gaya Hai । <br/> <br/> Ahmedabad
अहमदाबाद Ki Sthapanaa Sultan Ahmad Shah Dwara 15th Sadee Me SabarMati Nadi Ke Kinare Ki Gayi Thi.
यूनेस्को Dwara Bataya Gaya Ki Yah Shahar Vastukala Ka Shandaar Namuna Prastut Karta Hai Jisme Chhote Kile , क़िलेबंद Shahar Ki Diwaron Aur दरवाज़ों Ke Sath Kai Masjidon Aur Makbare Darshaniy Sthalon Me Shamil Hain ।
भारतीय Swatantrata Sangharsh Ke Dauran Ahmedabad Pramukh Shivir Aadhaar Raha Hai । Isi Shahar Me Mahatma Gandhi ne SabarMati Aashram Ki Sthapanaa Ki Aur स्वुतंत्रता Sangharsh Se जुड़ें Anek आन्दोमलन Ki Shuruat Bhi Yahin Se Hui Thi.
पश्चिम Bhaarat Me Basa Ye Shahar , Samudra Se 174 फ़ुट Ki Unchai Par Sthit Hai । Shahar Me कंकरिया Aur वस्त्रापुर Talab Do Jhilen Hain । <br/> Vishwa Dharohar स्थलइसे मानवता Ke Liye Aise Mahatvapurnn Sthano Ke Roop Me Paribhashit Kiya Jaa Sakta Hai Jinhe Aage Ane Wali पीढ़ियों Ke Liye Sanrakshit Karna Awashyak Hai । Aise Mahatvapurnn Sthalon Ke Sanrakhshan Ki Pahal UNESCO Dwara Ki Gayi. Is Sambandh Me Ek Antarrashtriya Sandhi Ki Gayi Jo Ki Vishwa Sanskritik Aur Prakritik Dharohar Sanrakhshan Ko Bal Deti Hai । Ise Year 1972 Me Lagu Kiya Gaya. Iske Antargat Teen Shreniyan Aati Hain - Prakritik Dharohar Sthal - Aise Bhautik Ya Geogrophical Prakritik Sthan Jo Bhautik Aur Geogrophical Drishti Se Atyant Sundar Ya Vaigyanik Mahatva Ke Ho Tatha Yahan Paye Jane Wale Jeev - Jantu विलुप्ति Ke Kagar Par Khadae Ho. Is Prakar Ke Sthano Ko Prakritik Dharohar Sthal Ke
Roop Me Jana Jata Hai । Sanskritik Dharohar Sthal - Is Series Ki Dharohar Me Smarak , Sthapatya Ki Imartein , मूर्तिकारी , Chitrakari , Sthapatya Ki Jhalak Wale , Shilalekh , Gufa Aawas Aur Vaishwik Mahatva Wale Sthan , Imaraton Ka Samuh , Akeli Imartein Ya Aapas Me Sambandhit Imaraton Ka Samuh , Sthapatya Me Kiya Manav Ka Kaam Ya Prakriti Aur Manav Ke Sanyukt Prayas Ka Pratifal , Jo Ki Aitihasik , Saundary , Jateey , मानवविज्ञान Ya Vaishwik Drishti Se Mahatva Ki Ho , Shamil Ki Jati Hain । Mishrit Dharohar Sthal - Is Series Ke अंतर्गत् Wah Dharohar Sthal Aate Hain Jo Ki Prakritik Aur Sanskritik Dono Hee Roopo Me Mahatvapurnn Hoti Hain । UNESCO Dwara Ghosit Kiye Gaye Indian Vishwa Dharohar Sthal Hain - <br/> KaziRanga Rashtriya Park (1985) Kevaladev Rashtriya Park (1985) Manas VanyaJeev सेंक्चुरी (1985) Nanda Devi (1988) Tatha Foolon Ki Ghati (2005) , सुदरबन Rashtriya Park (1987) <br
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Who: Ahmedabad
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Where: UNESCO
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What: World Heritable City
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When: 08 July 2017
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