Saturday, 16 September 2017

Mudra Bank : Pradhaan Mantri Mudra Yojana

मुद्रा बैंक : प्रधान मंत्री मुद्रा योजना
मुद्रा बैंक - Pradhan Mantri mudra yojana in hindi
मुद्रा बैंक: प्रधान मंत्री मुद्रा योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वादे के मुताबिक 8 अप्रैल 2015 को 20 हजार करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड और 3,000 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी कॉर्पस के साथ माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) बैंक का उद्घाटन किया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी, जिसे धरातल पर उतारा गया है।

मुद्रा बैंक किस तरह अर्थव्यवस्था में अंतर पैदा कर सकता है ?

ज्यादातर लोग, खासकर भारत के ग्रामीण और दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले, औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के लाभों के दायरे से बाहर हैं। इस वजह से वे छोटे व्यापार शुरू करने या उन्हें बढ़ाने में मदद के लिए बीमा, कर्ज, उधार और अन्य वित्तीय उपकरणों तक पहुंच ही नहीं पाते। उधार के लिए ज्यादातर लोग स्थानीय साहूकारों पर निर्भर रहते हैं। कर्ज पर बहुत ज्यादा ब्याज चुकाना होता है। अक्सर परिस्थितयां असहनीय हो जाती हैं। इस वजह से पीढ़ियों तक यह गरीब लोग कर्ज के तले दबे रहते हैं। जब व्यापार में नाकामी हाथ लगती है तो यह साहूकार अपनी ताकत और अन्य अपमानजनक तरीकों से कर्ज लेने वालों का जीना दूभर कर देते हैं।

एनएसएसओ के 2013 के सर्वे के मुताबिक, तकरीबन 5.77 करोड़ लघु व्वयसायिक इकाइयां हैं। इनमें से ज्यादातर एकल स्वामित्व के तहत चल रही हैं। इनमें व्यापार, निर्माण, रिटेल और छोटे स्तर की अन्य गतिविधियां शामिल हैं। आप इसकी तुलना संगठित क्षेत्र और बड़ी कंपनियों से कीजिए जो 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं। स्पष्ट तौर पर इन लघु व्यवसायों के पोषण और दोहन की विशाल संभावनाएं हैं और सरकार भी इसे अच्छे-से समझती है। आज, इस क्षेत्र में न तो कोई नियामक है और न ही संगठित वित्तीय बैंकिंग प्रणाली से वित्तीय सहयोग या सहारा मिलता है।

मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैः

1. सूक्ष्म वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता का नियमन और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
2. सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
3. सभी एमएफआई को रजिस्टर करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एमएफआई तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे एमएफआई में प्रतिस्पर्धात्मकत बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
4. कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य प्रक्रिया या दिशानिर्देशों का पालन करना है, उसे बनाने में मुद्रा मदद करेगा।
5. मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
6. सूक्ष्य व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
7. वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा।
8. छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।

प्रमुख उत्पादों की पेशकश

मुद्रा बैंक ने कर्ज लेने वालों को तीन हिस्सों में बांटा है: व्यवसाय शुरू करने वाले, मध्यम स्थिति में कर्ज तलाशने वाले और विकास के अगले स्तर पर जाने की चाहत रखने वाले।

इन तीन हिस्सों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुद्रा बैंक ने तीन कर्ज उपकरणों की शुरुआत की हैः

1. शिशु: इसके दायरे में 50 हजार रुपए तक के कर्ज आते हैं।
2. किशोर: इसके दायरे में 50 हजार से 5 लाख रुपए तक के कर्ज आते हैं।
3. तरुण: इसके दायरे में 5 से 10 लाख रुपए तक के कर्ज आते हैं।

शुरुआत में कुछ ही क्षेत्रों तक योजनाएं सीमित हैं, जैसे- " जमीन परिवहन, सामुदायिक, सामाजिक एवं वैयक्तिक सेवाएं, खाद्य उत्पाद और टेक्सटाइल प्रोडक्ट सेक्टर " । समय के साथ नई योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें और ज्यादा क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।

भविष्य में की जाने वाली कुछ पेशकशः

1. मुद्रा कार्ड
2. पोर्टफोलियो क्रेडिट गारंटी
3. क्रेडिट एनहांसमेंट


मुद्रा लोन पात्रता :
इस योजना के लाभ भारत का कोई भी नागरिक ले सकता हैं। देश का कोई भी व्यक्ति जिसका स्वयं का अथवा किसी के साथ साझे का व्यापार हो वो अपने दस्तावेज़ के जरिये मुद्रा लोन का लाभ उठा सकता हैं।

महत्वपूर्ण दस्तावेज़ :
मुद्रा योजना के तहत लोन प्राप्त करना एक आसान प्रक्रिया हैं लेकिन उसके लिए निम्न दस्तावेजों का होना अनिवार्य हैं :



स्व सत्यापित प्रमाणपत्र एवं दो फोटोग्राफ
जाति प्रमाणपत्र (ST/ SC)
उद्योग से संबंधित दस्तावेज़, लाइसेंस एवं सर्टिफिकेट
उद्योग संबंधी सभी जानकारी
मुद्रा लोन के लिए देश में मुद्रा बैंक को लांच किया गया हैं जिसके साथ मुद्रा कार्ड की भी व्यवस्था शुरू की गई हैं। देश की सबसे बड़ी बैंक SBI बैंक द्वारा मुद्रा योजना के तहत मुद्रा लोन दिया जा रहा हैं।

मुद्रा योजना लाभ :
मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्योगों को शुरू करने के लिए लोन दिया जा रहा हैं ताकि लोन ना मिलने के कारण उद्योगों में काम बंद ना हो. अगर छोटे उद्योग बढ़ेंगे तो देश में रोजगार एवम देश की अर्थव्यवस्था अच्छी होगी .

Phonetic Version
Mudra Bank : Pradhaan Mantri Mudra Yojana
Mudra Bank - Pradhan Mantri mudra yojana in Hindi
Mudra Bank: Pradhaan Mantri Mudra Yojana

PradhanMantri Narendra Modi ne Apne Wade Ke Mutabik 8 April 2015 Ko 20 Hazar Crore Rupaye Ke Corpus Fund Aur 3 , 000 Crore Rupaye Ke Credit Guarantee Corpus Ke Sath Micro Units Development And रिफाइनेंस Agency Limited (Mudra) Bank Ka Inaugration Kiya । Vittmantri Arun jetli ne 2015 - 16 Ke Budget Bhashann Me Iski Ghoshna Ki Thi , Jise Dharatal Par Utara Gaya Hai ।

Mudra Bank Kis Tarah Arthvyavastha Me Antar Paida Kar Sakta Hai ?

Jyadatar Log , KhasKar Bhaarat Ke Gramin Aur Doorasth Hisson Me Rehne Wale , Aupcharik Banking Pranali Ke Labhon Ke Dayre Se Bahar Hain । Is Wajah Se Ve Chhote Vyapar Shuru Karne Ya Unhe Badhane Me Madad Ke Liye Beema , Karz , Udhar Aur Anya Vittiya Upkarnon Tak Pahunch Hee Nahi Pate । Udhar Ke Liye Jyadatar Log Sthaniya Sahukaron Par Nirbhar Rehte Hain । Karz Par Bahut Jyada Byaj chukana Hota Hai । Aksar परिस्थितयां असहनीय Ho Jati Hain । Is Wajah Se Peedhiyon Tak Yah Garib Log Karz Ke Tale Dabe Rehte Hain । Jab Vyapar Me नाकामी Hath Lagti Hai To Yah saahukaar Apni Takat Aur Anya ApmanJanak Tareeko Se Karz Lene Walon Ka Jeena दूभर Kar Dete Hain ।

NSSO Ke 2013 Ke Survey Ke Mutabik , Takriban 5.77 Crore Laghu व्वयसायिक Ikaiyan Hain । Inme Se Jyadatar Aikal Swamitva Ke Tahat Chal Rahi Hain । Inme Vyapar , Nirmann , Retail Aur Chhote Str Ki Anya Gatividhiyan Shamil Hain । Aap Iski Tulna SanGathit Shetra Aur Badi Kampaniyon Se Kijiye Jo 1.25 Crore Logon Ko Rojgar Dete Hain । Spashta Taur Par In Laghu Vyawsayon Ke Poshnn Aur Dohan Ki Vishal Sambhavanayein Hain Aur Sarkaar Bhi Ise Achhe - Se Samajhti Hai । Aaj , Is Shetra Me n To Koi Niyamak Hai Aur n Hee SanGathit Vittiya Banking Pranali Se Vittiya Sahyog Ya Sahara Milta Hai ।

Mudra Bank Ke Pramukh Uddeshya Is Prakar Hain

1. Sukshma Vitt Ke Rinndata Aur कर्जगृहिता Ka Niyaman Aur Sukshma Vitt Pranali Me Niyaman Aur Samaweshi Bhagidari Ko Sunishchit Karte Hue Use Sthayitv Pradan Karna ।
2. Sukshma Vitt Sansthaon (एमएफआई) Aur Chhote VyaPariyon , रिटेलर्स , SwaSahayta Samuhon Aur Vyaktiyon Ko Udhar Dene Wali Agencies Ko Vitt Aivam Udhar Gatividhiyon Me Sahyog Dena ।
3. Sabhi एमएफआई Ko Register Karna Aur Pehli Baar Pradarshan Ke Str (परफॉर्मंस Rating) Aur अधिमान्यता Ki Pranali Shuru Karna । Isse Karz Lene Se Pehle Akalan Aur Us एमएफआई Tak Pahunchne Me Madad Milegi , Jo Unki Jaruraton Ko Puri Karte Ho Aur Jiska Purana Record Sabse Jyada SantoshJanak Hai । Isse एमएफआई Me प्रतिस्पर्धात्मकत Badhegi । Iska Fayda Karz Lene Walon Ko Milega ।
4. Karz Lene Walon Ko DhanchaGat DishaNirdesh Uplabdh Karana , Jin Par Amal Karte Hue Vyapar Me नाकामी Se Bacha Jaa Sake Ya Samay Par Uchit Kadam Uthaye Jaa Sake । डिफॉल्ट Ke Case Me Bakaya Paise Ki Vasooli Ke Liye Kis Sweekary Prakriya Ya DishaNirdeshon Ka Palan Karna Hai , Use Banane Me Mudra Madad Karega ।
5. मानकीकृत Niyam - Patra Taiyaar Karna , Jo Bhavishya Me Sukshma Vyavsaay Ki Reedh Banega ।
6. सूक्ष्य Vyawsayon Ko Diye Jane Wale Karz Ke Liye Guarantee Dene Ke Liye Credit Guarantee Scheme Banayega ।
7. Vitarit Ki Gayi Punji Ki Nigrani , Karz Lene Aur Dene Ki Prakriya Me Madad Ke Liye Uchit Taknik Muhaiya Karayega ।
8. Chhote Aur Sukshma Vyawsayon Ko Prabhavi Dhag Se Chhote Karz Muhaiya Karane Ki Prabhavi Pranali Viksit Karne Ke Liye PradhanMantri Mudra Yojana Ke Tahat Upyukt Dhancha Taiyaar Karna ।

Pramukh Utpadon Ki Peshkash

Mudra Bank ne Karz Lene Walon Ko Teen Hisson Me Banta Hai: Vyavsaay Shuru Karne Wale , Madhyam Sthiti Me Karz तलाशने Wale Aur Vikash Ke Agle Str Par Jane Ki Chaahat Rakhne Wale ।

In Teen Hisson Ki Jaruraton Ko Pura Karne Ke Liye Mudra Bank ne Teen Karz Upkarnon Ki Shuruat Ki Hain

1. Shishu: Iske Dayre Me 50 Hazar Rupaye Tak Ke Karz Aate Hain ।
2. Kishor: Iske Dayre Me 50 Hazar Se 5 Lakh Rupaye Tak Ke Karz Aate Hain ।
3. Tarun: Iske Dayre Me 5 Se 10 Lakh Rupaye Tak Ke Karz Aate Hain ।

Shuruat Me Kuch Hee Area Tak Yojnayein Simit Hain , Jaise - " Jamin Parivahan , Samudayik , Samajik Aivam Vaiyaktik Sewayein , Khadya Utpaad Aur Textile Product Sector " । Samay Ke Sath Naee Yojnayein Shuru Ki Jayengi , Jinme Aur Jyada Area Ko Shamil Kiya Jayega ।

Bhavishya Me Ki Jane Wali Kuch पेशकशः

1. Mudra Card
2. Portfolio Credit Guarantee
3. Credit एनहांसमेंट


Mudra Loan patrata :
Is Yojana Ke Labh Bhaarat Ka Koi Bhi Nagrik Le Sakta Hain । Desh Ka Koi Bhi Vyakti Jiska Swayam Ka Athvaa Kisi Ke Sath Saajhe Ka Vyapar Ho Wo Apne Dastawej Ke Jariye Mudra Loan Ka Labh Utha Sakta Hain ।

Mahatvapurnn Dastawej :
Mudra Yojana Ke Tahat Loan Prapt Karna Ek Asaan Prakriya Hain Lekin Uske Liye Nimn Dastawejon Ka Hona Anivarya Hain :



Swa Satyapit PramaanPatra Aivam Do Photograph
Jati PramaanPatra (ST/ SC)
Udyog Se Sambandhit Dastawej , Licence Aivam Certificate
Udyog Sambandhi Sabhi Jankari
Mudra Loan Ke Liye Desh Me Mudra Bank Ko Launch Kiya Gaya Hain Jiske Sath Mudra Card Ki Bhi Vyavastha Shuru Ki Gayi Hain । Desh Ki Sabse Badi Bank SBI Bank Dwara Mudra Yojana Ke Tahat Mudra Loan Diya Jaa Raha Hain ।

Mudra Yojana Labh :
Mudra Yojana Ke Tahat Chhote Udyogon Ko Shuru Karne Ke Liye Loan Diya Jaa Raha Hain Taki Loan Na Milne Ke Karan Udyogon Me Kaam Band Na Ho. Agar Chhote Udyog बढ़ेंगे To Desh Me Rojgar Aivam Desh Ki Arthvyavastha Achhi Hogi .

UNDP Me Nikli Bharti , Shighra Kare Awedan

UNDP में निकली भर्ती, शीघ्र करे आवेदन

यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम UNDP 2017 में नौकरी हेतु आवेदन प्राप्ति की अधिसूचना जरी की गई है। पात्र उम्मीदवार अपना आवेदन यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम UNDP में 28/09/2017 से पहले जमा कर सकते हैं। जो कि आवेदन करने की अंतिम तिथि है। अगर आप आवेदन के लिए इच्छुक है, तो आप पात्रता मापदंड,नौकरी विवरण, पदों की संख्या, चयन प्रक्रिया, वेतन, आवेदन शुल्क, आवेदन प्रक्रिया आदि को ध्यानपूर्वक देखकर, पढ़कर आवेदन कर सकते है। नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते है।

रिक्ति का नाम: एन यू एन वी समन्वय एसोसिएट

शिक्षा की आवश्यकता: Post Graduate

कुल रिक्ति भरने के लिए: 01 पद

वेतन सीमा: उल्लेखित नहीं है

नौकरी करने का स्थान: गुवाहाटी

आवेदन करने की अंतिम तिथि: 28/09/2017

चयन प्रक्रिया:
चयन या तो लिखित परीक्षा / कार्मिक साक्षात्कार / अन्य मोड के आधार पर यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम UNDP मानदंड या निर्णय द्वारा किया जाएगा।


आवेदन कैसे करे ?
इच्छुक उम्मीदवार शैक्षिक योग्यता के सभी विवरणों के साथ अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं साथ ही समर्थन दस्तावेज (प्रमाणित प्रतियां)। ईमेल आईडी, संपर्क नंबर और पूरा डाक पता आपके आवेदनों के साथ उल्लेख किया जाना चाहिए।
योग्यता मानदंडों के आधार पर साक्षात्कार में भाग लेने के लिए लघु और सूचीबद्ध उम्मीदवारों को ईमेल और फोन के माध्यम से सूचित किया जाएगा और नियुक्ति विशुद्ध रूप से अस्थायी है।
साक्षात्कार में भाग लेने के लिए या चयनित होने पर पोस्ट में शामिल होने के लिए कोई टीए / डीए भुगतान नहीं किया जाएगा।

नौकरी के लिए पता : United Nations Development Programme, Guwahati

महत्वपूर्ण तिथियाँ:
इस जॉब के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: 28/09/2017

Phonetic Version
UNDP Me Nikli Bharti , Shighra Kare Awedan

United Nations Development Program UNDP 2017 Me Naukri Hetu Awedan Prapti Ki Adhisoochna Zari Ki Gayi Hai । Patra Ummidwar Apna Awedan United Nations Development Program UNDP Me 28/09/2017 Se Pehle Jama Kar Sakte Hain । Jo Ki Awedan Karne Ki Antim Tithi Hai । Agar Aap Awedan Ke Liye Ichhuk Hai , To Aap patrata MaapDand , Naukri Vivarann , Padon Ki Sankhya , Chayan Prakriya , Vetan , Awedan Shulk , Awedan Prakriya Aadi Ko DhyanPoorvak Dekhkar , Padhkar Awedan Kar Sakte Hai । Naukri Se Judi Poorn Jankari Aap Niche Vistar Se Jaan Sakte Hai ।

Rikti Ka Naam: N U N V Samnvya Associate

Shiksha Ki Aavashyakta: Post Graduate

Kul Rikti Bharne Ke Liye: 01 Pad

Vetan Seema: Ullekhit Nahi Hai

Naukri Karne Ka Sthan: Guwahati

Awedan Karne Ki Antim Tithi: 28/09/2017

Chayan Prakriya:
Chayan Ya To Likhit Pariksha / Kaarmik Interview / Anya Mod Ke Aadhaar Par United Nations Development Program UNDP Mandand Ya Decision Dwara Kiya Jayega ।


Awedan Kaise Kare ?
Ichhuk Ummidwar Shaikshik Yogyata Ke Sabhi Vivarannon Ke Sath Apne Dastawej Prastut Kar Sakte Hain Sath Hee Samarthan Dastawej (Pramanit Pratiyan) । E-Mail ID , Sampark Number Aur Pura Daak Pata Apke Awedanon Ke Sath Ullekh Kiya Jana Chahiye ।
Yogyata Mandandon Ke Aadhaar Par Interview Me Bhag Lene Ke Liye Laghu Aur Soochibaddh Ummidwaron Ko E-Mail Aur Phone Ke Madhyam Se Suchit Kiya Jayega Aur Niyukti Vishuddh Roop Se Asthayi Hai ।
Interview Me Bhag Lene Ke Liye Ya Chaynit Hone Par Post Me Shamil Hone Ke Liye Koi TA / DA Bhugtan Nahi Kiya Jayega ।

Naukri Ke Liye Pata : United Nations Development Programme , Guwahati

Mahatvapurnn Dates:
Is Job Ke Liye Awedan Karne Ki Antim Tithi: 28/09/2017

Friday, 15 September 2017

Narendra Anwla - 7

नरेन्द्र आँवला-7
यह फ्रांसिस (हाथी झूल) किस्म के बीजू पौधों से चयनित किस्म है। यह शीघ्र फलने वाली, नियमित एवं अत्यधिक फलन देने वाली किस्म है। इस किस्म में प्रति शाखा में औसत मादा फूलों की संख्या 9.7 तक पायी जाती है। यह मध्यम समय (मध्य नवम्बर से मध्य दिसम्बर) तक पक कर तैयार हो जाती है। यह किस्म उत्तक क्षय रोग से मुक्त है। फल मध्यम से बड़े आकार, के ऊपर तिकोने, चिकनी सतह तथा हल्के पीले रंग वाले होते हैं। गूदे में रेशे की मात्रा एन ए-6 किस्म से थोड़ी अधिक होती है। इस किस्म की प्रमुख समस्या अधिक फलत के कारण इसकी शाखाओं को टूटना है। अतः फल वृद्धि के समय शाखाओं में सहारा देना उचित होता है यह किस्म च्यवनप्राश, चटनी, अचार, जैम एवं स्क्वैश बनाने हेतु अच्छी पायी गयी है। इस किस्म को राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल तथा तमिलनाडु के क्षेत्रों में अच्छी तरह अपनाया गया है।

Phonetic Version
Narendra Anwla - 7
Yah French (Hathi Jhool) Kism Ke Biju Paudhon Se Chaynit Kism Hai । Yah Shighra फलने Wali , Niyamit Aivam Atyadhik फलन Dene Wali Kism Hai । Is Kism Me Prati Shakha Me Average Mada Foolon Ki Sankhya 9.7 Tak Payi Jati Hai । Yah Madhyam Samay (Madhy November Se Madhy December) Tak पक Kar Taiyaar Ho Jati Hai । Yah Kism Uttak Kshay Rog Se Mukt Hai । Fal Madhyam Se Bade Akaar , Ke Upar तिकोने , Chikni Satah Tatha Halke Pile Rang Wale Hote Hain । गूदे Me Reshe Ki Matra N A - 6 Kism Se Thodi Adhik Hoti Hai । Is Kism Ki Pramukh Samasya Adhik Falat Ke Karan Iski Shakhaon Ko टूटना Hai । Atah: Fal Vridhi Ke Samay Shakhaon Me Sahara Dena Uchit Hota Hai Yah Kism Chyawanprash , Chatni , AChar , Zam Aivam स्क्वैश Banane Hetu Achhi Payi Gayi Hai । Is Kism Ko Rajasthan , Bihar , Madhy Pradesh , Uttaranchal Tatha Tamilnadu Ke Area Me Achhi Tarah Apnaya Gaya Hai ।

Narendra Anwla - 6

नरेन्द्र आँवला-6
यह चकैइया किस्म से चयनित किस्म है जो मध्यम समय (मध्य नवम्बर से मध्य दिसम्बर) में पक कर तैयार हो जाती है। पेड़ फैलाव लिए अधिक उत्पादन देने वाले होते हैं। (फलों का आकार मध्यम से बड़ा गोल, सतह चिकनी, हरी पीली, चमकदार, आकर्षक) गूदा रेशाहीन एवं मुलायम होता है। यह किस्म मुरब्बा, जैम एवं कैन्डी बनाने हेतु उपयुक्त पायी जाती है।

Phonetic Version
Narendra Anwla - 6
Yah चकैइया Kism Se Chaynit Kism Hai Jo Madhyam Samay (Madhy November Se Madhy December) Me पक Kar Taiyaar Ho Jati Hai । Ped Failaav Liye Adhik Utpadan Dene Wale Hote Hain । (Falon Ka Akaar Madhyam Se Bada Gol , Satah Chikni , Hari Peeli , Chamakdaar , Akarshak) Gooda रेशाहीन Aivam Mulayam Hota Hai । Yah Kism मुरब्बा , Zam Aivam कैन्डी Banane Hetu Upyukt Payi Jati Hai ।

Anwla Ki Kism Krishna (N.A. - 5)

आँवला की किस्म कृष्णा (एन.ए.-5)
यह बनारसी किस्म से चयनित एक अगेती किस्म है जो अक्टूबर से मध्य नवम्बर में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म के फल बड़े ऊपर से तिकोने, फल की सतह चिकनी, सफेद हरी पीली तथा लाल धब्बेदार होती है। फल का गूदा गुलाबी हरे रंग का, कम रेशायुक्त तथा अत्यधिक कसैला होता है। फल मध्यम भंडारण क्षमता वाले होते हैं। अपेक्षाकृत अधिक मादा फूल आने के कारण, इस किस्म की उत्पादन क्षमता बनारसी किस्म की अपेक्षा अधिक होती है। यह किस्म मुरब्बा, कैन्डी एवं जूस बनाने हेतु अत्यंत उपयुक्त पायी गयी है।

Phonetic Version
Anwla Ki Kism Krishna (N.A. - 5)
Yah Banarasi Kism Se Chaynit Ek Ageti Kism Hai Jo October Se Madhy November Me पक Kar Taiyaar Ho Jati Hai । Is Kism Ke Fal Bade Upar Se तिकोने , Fal Ki Satah Chikni , Safed Hari Peeli Tatha Laal धब्बेदार Hoti Hai । Fal Ka Gooda Gulabi Hare Rang Ka , Kam रेशायुक्त Tatha Atyadhik कसैला Hota Hai । Fal Madhyam Bhandaran Shamta Wale Hote Hain । Apekshakrit Adhik Mada Fool Ane Ke Karan , Is Kism Ki Utpadan Shamta Banarasi Kism Ki Apeksha Adhik Hoti Hai । Yah Kism मुरब्बा , कैन्डी Aivam Juice Banane Hetu Atyant Upyukt Payi Gayi Hai ।

Anwla Ki Kism Kanchan (N A - 4)

आँवला की किस्म कंचन (एन ए-4)
यह चकइया किस्म से चयनित किस्म है। इस किस्म में मादा फूलों की संख्या अधिक (4-7 मादा फूल प्रति शाखा) होने के कारण यह अधिक फलत नियमित रूप से देती है। फल मध्यम आकार के गोल एवं हल्के पीले रंग के व अधिक गुदायुक्त होते है। रेशेयुक्त होने के कारण यह किस्म गूदा निकालने हेतु एवं अन्य परिरक्षित पदार्थ बनने हेतु औद्योगिक इकाईयों द्वारा पसंद की जाती है। यह मध्यम समय में परिपक्व होने वाले किस्म हैं (मध्य नवम्बर से मध्य दिसम्बर) तथा महाराष्ट्र एवं गुजरात के शुष्क एवं अर्धशुष्क क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उगायी जा रही है।

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Anwla Ki Kism Kanchan (N A - 4)
Yah चकइया Kism Se Chaynit Kism Hai । Is Kism Me Mada Foolon Ki Sankhya Adhik (4 - 7 Mada Fool Prati Shakha) Hone Ke Karan Yah Adhik Falat Niyamit Roop Se Deti Hai । Fal Madhyam Akaar Ke Gol Aivam Halke Pile Rang Ke Wa Adhik गुदायुक्त Hote Hai । Resheyukt Hone Ke Karan Yah Kism Gooda Nikalne Hetu Aivam Anya परिरक्षित Padarth Banne Hetu Audyogik Ikaiyon Dwara Pasand Ki Jati Hai । Yah Madhyam Samay Me Paripakw Hone Wale Kism Hain (Madhy November Se Madhy December) Tatha Maharashtra Aivam Gujarat Ke Shushk Aivam अर्धशुष्क Area Me SafalTapoorvak Ugayi Jaa Rahi Hai ।

Anwle Ki Kismein

आँवले की किस्में
पूर्व में आँवला की तीन प्रमुख किस्में यथा बनारसी, फ्रांसिस (हाथी झूल) एवं चकैइया हुआ करती थी। इन किस्मों की अपनी खूबियाँ एवं कमियाँ रही हैं। बनारसी किस्म में फलों का गिरना एवं फलों का कम भंडारण क्षमता, फ्रान्सिस किस्म में यद्यपि बड़े आकार के फल लगते हैं परन्तु उत्तक क्षय रोग अधिक होता है। चकैइया के फलों में अधिक रेशा एवं एकान्तर फलन की समस्या के कारण इन किस्मों के रोपण को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। पारम्परिक किस्मों की इन सब समस्याओं के निदान हेतु नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, फैजाबाद ने कुछ नयी किस्मों का चयन किया है जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न है:

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Anwle Ki Kismein
Poorv Me Anwla Ki Teen Pramukh Kismein Yatha Banarasi , French (Hathi Jhool) Aivam चकैइया Hua Karti Thi । In Kismon Ki Apni Khoobiyaan Aivam Kamiyan Rahi Hain । Banarasi Kism Me Falon Ka Girna Aivam Falon Ka Kam Bhandaran Shamta , फ्रान्सिस Kism Me Yadyapi Bade Akaar Ke Fal Lagte Hain Parantu Uttak Kshay Rog Adhik Hota Hai । चकैइया Ke Falon Me Adhik Resha Aivam एकान्तर फलन Ki Samasya Ke Karan In Kismon Ke Ropann Ko Protsahit Nahi Karna Chahiye । Paramparik Kismon Ki In Sab Samasyaon Ke Nidaan Hetu Narendra Dev Krishi Aivam Prodyogik VishwaVidyalaya , कुमारगंज , Faizabad ne Kuch Nayi Kismon Ka Chayan Kiya Hai Jinka Sankshipt Vivarann Nimn Hai:

Anwle Ki Kheti Ke Liye Bhumi

आँवले की खेती के लिए भूमि
आँवला एक सहिष्णु फल है और बलुई भूमि से लेकर चिकनी मिट्टी तक में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। गहरी उर्वर बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती हेतु सर्वोत्तम पायी जाती है। बंजर, कम अम्लीय एवं ऊसर भूमि (पी.एच. मान 6.5-9.5, विनियम शील सोडियम 30-35 प्रतिशत एवं विद्युत् चालकता 9.0 म्होज प्रति सें.मी. तक) में भी इसकी खेती सम्भव है। भारी मृदायें तथा ऐसी मृदायें जिनमें पानी का स्तर काफी ऊँचा हो, इसकी खेती हेतु अनुपयुक्त पायी गई हैं।

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Anwle Ki Kheti Ke Liye Bhumi
Anwla Ek Sahishnnu Fal Hai Aur Balui Bhumi Se Lekar Chikni Mitti Tak Me SafalTapoorvak Ugaya Jaa Sakta Hai । Gahri Urvar Balui Domat Mitti Iski Kheti Hetu Sarvottam Payi Jati Hai । Banjar , Kam Amliya Aivam Oosar Bhumi (P.H. Maan 6.5 - 9.5 , Viniyam Sheel Sodium 30 - 35 Pratishat Aivam Vidyut Chalakta 9.0 म्होज Prati सें.Mee. Tak) Me Bhi Iski Kheti Sambhav Hai । Bhari मृदायें Tatha Aisi मृदायें Jinme Pani Ka Str Kafi Uncha Ho , Iski Kheti Hetu Anupayukt Payi Gayi Hain ।

Anwle Ki Kheti Ke Liye Jalwayu

आँवले की खेती के लिए जलवायु
आँवला एक शुष्क उपोष्ण (जहाँ जाड़ा एवं गर्मी स्पष्ट रूप से पड़ती है) क्षेत्र का पौधा है परन्तु इसकी खेती उष्ण जलवायु में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है। भारत में इसकी खेती समुद्र तटीय क्षेत्रों से 1800 मीटर ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है। जाड़े में आँवले के नये बगीचों में पाले का हानिकारक प्रभाव पड़ता है परन्तु एक पूर्ण विकसित आँवले का वृक्ष 0-460 सेंटीग्रेट तापमान तक सहन करने की क्षमता रखता है। गर्म वातावरण, पुष्प कलिकाओं के निकलने हेतु सहायक होता है जबकि जुलाई-अगस्त माह में अधिक आर्द्रता का वातावरण सुसुप्त छोटे फलों की वृद्धि हेतु सहायक होता है। वर्षा ऋतु में शुष्क काल में छोटे फल अधिकता में गिरते हैं तथा नए छोटे फलों के निकलने में देरी होती है।

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Anwle Ki Kheti Ke Liye Jalwayu
Anwla Ek Shushk Uposhnn (Jahan जाड़ा Aivam Garmi Spashta Roop Se Padti Hai) Shetra Ka Paudha Hai Parantu Iski Kheti Ushnn Jalwayu Me Bhi SafalTapoorvak Ki Jaa Sakti Hai । Bhaarat Me Iski Kheti Samudra Tatiya Area Se 1800 Meter Unchai Wale Area Me SafalTapoorvak Ki Jaa Sakti Hai । Jade Me Anwle Ke Naye Bagichon Me Pale Ka HaniKaarak Prabhav Padta Hai Parantu Ek Poorn Viksit Anwle Ka Vriksh 0 - 460 सेंटीग्रेट Tapaman Tak Sahan Karne Ki Shamta Rakhta Hai । Garm Watavaran , Pushp कलिकाओं Ke Nikalne Hetu Sahayak Hota Hai Jabki July - August Month Me Adhik Aadrata Ka Watavaran SuSupt Chhote Falon Ki Vridhi Hetu Sahayak Hota Hai । Varsha Ritu Me Shushk Kaal Me Chhote Fal Adhikta Me Girte Hain Tatha Naye Chhote Falon Ke Nikalne Me Deri Hoti Hai ।

Anwle Ka Upyog

आँवले का उपयोग
आँवले के पौधों के प्रत्येक भाग का आर्थिक महत्व है। इसके फलों में विटामिन 'सी' की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है। इसके अतिरिक्त इसके फल लवण, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, लोहा, रेशा एवं अन्य विटामिनों के भी धनी होते हैं। इसमें पानी 81.2%, प्रोटीन 0.50%, वसा 0.10%, रेशा 3.40%, कार्बोहाइड्रेट 14.00%, कैल्शियम 0.05%, फोस्फोरस 0.02%, लोहा 1.20 (मिली ग्रा./100 ग्रा.), विटामिन 'सी' 400-1300 (मिली ग्रा./100 ग्रा.), विटामिन 'बी' 30.00 (माइक्रो ग्रा./100 ग्रा.) पाये जाते है। भारत में औषधीय गुणों से युक्त फलों में आँवले का अत्यंत महत्व है। शायद यह फल ही एक ऐसा फल है जो आयुर्वेदिक औषधि के रूप में पूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्रयुक्त होता है। हिन्दू शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि तुलसी एवं आँवले के फलों से सिक्त जल से स्नान करना गंगा जल से स्नान करने के तुल्य है।
इसका फल तीक्ष्ण शीतलता दायक एवं मूत्रक और मृदुरेचक होता है। एक चम्मच आँवले के रस को यदि शहद के साथ मिला कर सेवन किया जाय तो इससे कई प्रकार के विकार जैसे क्षय रोग, दमा, खून का बहना, स्कर्वी, मधुमेह, खून की कमी, स्मरण शक्ति की दुर्बलता, कैंसर अवसाद एवं अन्य मस्तिष्क विकार एन्फ़्जलुएन्जा, ठंडक, समय से पहले बुढ़ापा एवं बालों का झड़ना एवं सफेद होने से बचा जा सकता है। प्राय: ऐसा देखा गया है कि यदि एक चम्मच ताजे आँवले का रस, एक कप करेले के रस में मिश्रित करके दो महीने तक प्राय: काल सेवन किया जाय तो प्राकृतिक इन्सुलिन का श्राव बढ़ जाता है। इस प्रकार यह मधुमेह रोग में रक्त मधु को नियंत्रित करके शरीर को स्वस्थ करता है। साथ ही रक्त की कमी, सामान्य दुर्बलता तथा अन्य कई परेशानियों से मुक्ति दिलाता है। इसका प्रतिदिन प्रात: सेवन करने से कुछ ही दिनों में शरीर में नई स्फूर्ति आती है। यदि ताजे फल प्राप्त न हों तो इसके सूखे चूर्ण को शहद के साथ मिश्रित करके सेवन किया जा सकता है। त्रिफला, च्यवनप्राश, अमृतकलश ख्याति प्राप्त स्वदेशी आयुर्वेदिक औषधियाँ हैं, जो मुख्यत: आँवले के फलों से बनायी जाती हैं। आँवला के इन्हीं गुणों के कारण इसे 'रसायन' एवं 'मेखा रसायन' (बुद्धि का विकास करने वाला) की श्रेणी में रखा गया है। आँवले के फलों का प्रयोग लिखने की स्याही एवं बाल रंगने के द्रव्य में भी किया जाता है। इसकी पत्तियों को पानी में उबालने के पश्चात उस पानी से कुल्ला करने पर मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं। ऐसा इसकी पत्तियों में विद्यमान टैनिन एवं फिनोल की अधिकता के कारण होता है। यही नहीं, आँवले के फल को यदि खाया जाय तो वह मृदुरेंचक (पेट साफ़) का कार्य करता है एवं इसकी जड़ का सेवन पीलिया रोग को दूर करने में सहायक होता है। हिन्दू पौराणिक साहित्य में आँवले एवं तुलसी की लकड़ी की माला पहनना काफी शुभ माना गया है। इस प्रकार आँवला की लकड़ी भी उपयोगी है।

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Anwle Ka Upyog
Anwle Ke Paudhon Ke Pratyek Bhag Ka Aarthik Mahatva Hai । Iske Falon Me Vitamin 'Si' Ki Atyadhik Matra Payi Jati Hai । Iske Atirikt Iske Fal Lawan , Carbohydrate , Phoshphorus , Calcium , Loha , Resha Aivam Anya विटामिनों Ke Bhi Dhani Hote Hain । Isme Pani 81.20th , Protein 0.50th , Vasa 0.100th , Resha 3.40th , Carbohydrate 14.000 , Calcium 0.050 , फोस्फोरस 0.02 , Loha 1.20 (Mili ग्रा./100 ग्रा.) , Vitamin 'Si' 400 - 1300 (Mili ग्रा./100 ग्रा.) , Vitamin 'B' 30.00 (Micro ग्रा./100 ग्रा.) Paye Jate Hai । Bhaarat Me Aushadhiy Gunnon Se Yukt Falon Me Anwle Ka Atyant Mahatva Hai । Shayad Yah Fal Hee Ek Aisa Fal Hai Jo ayurvedic Aushadhi Ke Roop Me Poorn Swasthya Ke Liye Prayukt Hota Hai । Hindu Shasatr Ke Anusaar Aisa Kahaa Jata Hai Ki Tulsi Aivam Anwle Ke Falon Se सिक्त Jal Se Snan Karna Ganga Jal Se Snan Karne Ke Tuly Hai ।
Iska Fal Teekshan Sheetalta Dayak Aivam मूत्रक Aur मृदुरेचक Hota Hai । Ek Chammach Anwle Ke Ras Ko Yadi Shahad Ke Sath Mila Kar Sevan Kiya Jaay To Isse Kai Prakar Ke Vikar Jaise Kshay Rog , Dama , Khoon Ka Bahna , Scurvy , Madhumeh , Khoon Ki Kami , Smarann Shakti Ki Durbalta , Cancer Awsad Aivam Anya Mastishk Vikar एन्फ़्जलुएन्जा , Thandak , Samay Se Pehle बुढ़ापा Aivam Balon Ka Jhadna Aivam Safed Hone Se Bacha Jaa Sakta Hai । Pray: Aisa Dekha Gaya Hai Ki Yadi Ek Chammach Taze Anwle Ka Ras , Ek Cup करेले Ke Ras Me Mishrit Karke Do Mahine Tak Pray: Kaal Sevan Kiya Jaay To Prakritik Insuline Ka श्राव Badh Jata Hai । Is Prakar Yah Madhumeh Rog Me Rakt Madhu Ko Niyantrit Karke Sharir Ko Swasth Karta Hai । Sath Hee Rakt Ki Kami , Samanya Durbalta Tatha Anya Kai परेशानियों Se Mukti Dilata Hai । Iska Pratidin Praat: Sevan Karne Se Kuch Hee Dino Me Sharir Me Naee स्फूर्ति Aati Hai । Yadi Taze Fal Prapt n Ho To Iske Sookhe Choorn Ko Shahad Ke Sath Mishrit Karke Sevan Kiya Jaa Sakta Hai । त्रिफला , Chyawanprash , अमृतकलश Khyati Prapt Swadeshi ayurvedic Aushadhiyan Hain , Jo Mukhyat: Anwle Ke Falon Se Banaayi Jati Hain । Anwla Ke Inhi Gunnon Ke Karan Ise 'Rasayan' Aivam 'मेखा Rasayan' (Buddhi Ka Vikash Karne Wala) Ki Series Me Rakha Gaya Hai । Anwle Ke Falon Ka Prayog Likhne Ki Syahi Aivam Bal Rangne Ke Dravy Me Bhi Kiya Jata Hai । Iski Pattiyon Ko Pani Me Ubalne Ke Paschaat Us Pani Se Kulla Karne Par Munh Ke Chhale Theek Ho Jate Hain । Aisa Iski Pattiyon Me Vidyaman Tenin Aivam फिनोल Ki Adhikta Ke Karan Hota Hai । Yahi Nahi , Anwle Ke Fal Ko Yadi khaya Jaay To Wah मृदुरेंचक (Pet Saaf) Ka Karya Karta Hai Aivam Iski Jad Ka Sevan Piliya Rog Ko Door Karne Me Sahayak Hota Hai । Hindu Paurannik Sahitya Me Anwle Aivam Tulsi Ki Lakadi Ki Mala Pahanna Kafi Shubh Mana Gaya Hai । Is Prakar Anwla Ki Lakadi Bhi Upyogi Hai ।

Anwla Shetra Aivam Vitarann

आँवला क्षेत्र एवं वितरण
आँवले के प्राकृतिक रूप से उगे वृक्ष भारत, श्रीलंका, क्यूबा, पोर्ट रिको, हवाई, फ्लोरिडा, ईरान, इराक, जावा, ट्रिनिडाड, पाकिस्तान, मलाया, चीन, और पनामा में पाये जाते हैं। परन्तु इसकी खेती भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश प्रांत में ज्यादा प्रचलित है। आज कल आँवले का सघन वृक्षारोपण उत्तर प्रदेश के लवणीय एवं क्षारीय मृदाओं वाले बीहड़ एवं खादर वाले जिलों, जैसे आगरा, मथुरा, इटावा एवं फतेहपुर एवं बुन्देलखण्ड के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इसके अलावा आँवले के क्षेत्र अन्य प्रदेशों जैसे, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में, हरियाणा के अरावली क्षेत्रों में, पंजाब, उत्तरांचल एवं हिमाचल में तेजी से बढ़ रहे हैं। एक नये आंकड़े के अनुसार भारतवर्ष में आँवले का क्षेत्रफल लगभग 50,000 हेक्टेयर तथा कुल उत्पादन लगभग 1.5 लाख टन आँका गया है। झारखंड राज्य के शुष्क एवं अर्धशुष्क जिलों जैसे – लातेहार, डाल्टनगंज, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, देवधर आदि में आँवला उत्पादन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

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Anwla Shetra Aivam Vitarann
Anwle Ke Prakritik Roop Se Uge Vriksh Bhaarat , ShriLanka , Cuba , Port रिको , Hawai , Florida , Eeran , Iraq , JAVA , ट्रिनिडाड , Pakistan , Malaya , China , Aur Panama Me Paye Jate Hain । Parantu Iski Kheti BhaaratVarsh Ke Uttar Pradesh Praant Me Jyada Prachalit Hai । Aaj Kal Anwle Ka Saghan VrikshaRopann Uttar Pradesh Ke Lavanniya Aivam Shariya Mridao Wale Beehad Aivam Khadar Wale Zilon , Jaise Agra , Mathura , Itawa Aivam Fatehpur Aivam Bundelkhand Ke Ardh Shushk Area Me SafalTapoorvak Kiya Jaa Raha Hai । Iske ALava Anwle Ke Shetra Anya Pradeshon Jaise , Maharashtra , Gujarat , Rajasthan , Andhrapradesh , Karnataka , Tamilnadu Ke Ardh Shushk Area Me , Hariyana Ke Aravali Area Me , Punjab , Uttaranchal Aivam Himachal Me Teji Se Badh Rahe Hain । Ek Naye Ankde Ke Anusaar BhaaratVarsh Me Anwle Ka Shetrafal Lagbhag 50 , 000 Hectare Tatha Kul Utpadan Lagbhag 1.5 Lakh Ton आँका Gaya Hai । Jharkhand Rajya Ke Shushk Aivam अर्धशुष्क Zilon Jaise - लातेहार , डाल्टनगंज , चतरा , Kodarma , Giridih , Devdhar Aadi Me Anwla Utpadan Ki Apaar Sambhavanayein Maujood Hain ।

Anwla Ki Kheti

आंवला की खेती

सामान्य जानकारी: आँवला युफ़ोरबिएसी परिवार का पौधा है। यह भारतीय मूल का एक महत्वपूर्ण फल है। भारत केविभिन्न क्षेत्रों में इसे विभिन्न नामों, जैसे, हिंदी में 'आँवला', संस्कृत में 'धात्री' या 'आमलकी', बंगाली एवं उड़ीया में, 'अमला' या 'आमलकी', तमिल एवं मलयालम में, 'नेल्ली', तेलगु में 'अमलाकामू, गुरुमुखी में, 'अमोलफल', तथा अंग्रेजी में 'ऐम्बलिक', 'माइरोबालान' या इंडियन गूजबेरी के नाम से जाना जाता है। अपने अद्वितीय औषधीय एवं पोषक गुणों के कारण, भारतीय पौराणिक साहित्य जैसे वेद, स्कन्दपुराण, शिवपुराण, पदमपुराण, रामायण, कादम्बरी, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता में इसका वर्णन मिलता है। महर्षि चरक ने इस फल को जीवन दात्री अथवा अमृतफल के समान लाभकारी माना है। अतः इसे अमृत फल तथा कल्प वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। आँवले की विशेषतायें हैं, प्रति इकाई उच्च उत्पादकता (15-20 टन/हेक्टेयर), विभिन्न प्रकार की भूमि (ऊसर, बीहड़, खादर, शुष्क, अर्धशुष्क, कांडी, घाड़) हेतु उपयुक्तता, पोषण एवं औषधीय (विटामिन सी, खनिज, फिनॉल, टैनिन) गुणों से भरपूर तथा विभिन्न रूपों में (खाद्य, प्रसाधन, आयुर्वेदिक) उपयोग के कारण आँवला 21वी सदी का प्रमुख फल हो सकता है। धर्म परायण हिन्दू इसके फलों एवं वृक्ष को अत्यंत पवित्र मानते हैं तथा इसका पौराणिक महत्व भी है। ऐसा कहा जाता है कि यदि कार्तिक मास में इसके वृक्ष के नीचे बैठ कर विष्णु की पूजा की जाये तो स्वर्ग की प्राप्ति होती है। यदि तुलसी का पौधा नहीं मिले तो भगवान विष्णु की पूजा आँवले के वृक्ष के नीचे बैठ कर की जा सकती है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि आँवले के वृक्ष के नीचे पिण्ड दान करने से पितरों को मुक्ति प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म के अनुसार कार्तिक मास में कम से कम एक दिन आँवले के वृक्ष के नीचे भोजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जब इसके फल परिपक्व होते है। हिन्दू धर्म के अनुसार आँवले के फल का लगातार 40 दिनों तक सेवन करते रहने वाले व्यक्ति में नई शारीरिक स्फूर्ति आती है तथा कायाकल्प हो जाता है।

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Anwla Ki Kheti

Samanya Jankari: Anwla युफ़ोरबिएसी Pariwar Ka Paudha Hai । Yah Bharateey Mool Ka Ek Mahatvapurnn Fal Hai । Bhaarat केविभिन्न Area Me Ise Vibhinn Namo , Jaise , Hindi Me 'Anwla' , Sanskrit Me 'धात्री' Ya 'आमलकी' , Bangali Aivam उड़ीया Me , 'अमला' Ya 'आमलकी' , Tamil Aivam Malayalam Me , 'नेल्ली' , तेलगु Me 'अमलाकामू , Gurumukhi Me , 'अमोलफल' , Tatha Angreji Me 'ऐम्बलिक' , 'माइरोबालान' Ya Indian गूजबेरी Ke Naam Se Jana Jata Hai । Apne Advitiya Aushadhiy Aivam Poshak Gunnon Ke Karan , Bharateey Paurannik Sahitya Jaise Ved , स्कन्दपुराण , शिवपुराण , पदमपुराण , Ramayann , kadambari , Charak Sanhita , सुश्रुत Sanhita Me Iska Varnnan Milta Hai । Maharshi Charak ne Is Fal Ko Jeevan दात्री Athvaa अमृतफल Ke Saman Labhkari Mana Hai । Atah: Ise Amrit Fal Tatha Kalp Vriksh Ke Naam Se Bhi Jana Jata Hai । Anwle Ki विशेषतायें Hain , Prati Ikai Uchh Utpadakta (15 - 20 Ton/Hectare) , Vibhinn Prakar Ki Bhumi (Oosar , Beehad , Khadar , Shushk , अर्धशुष्क , कांडी , घाड़) Hetu Upyuktata , Poshnn Aivam Aushadhiy (Vitamin Si , Khanij , Phenol , Tenin) Gunnon Se Bharpoor Tatha Vibhinn Roopo Me (Khadya , Prasadhan , ayurvedic) Upyog Ke Karan Anwla 21वी Sadee Ka Pramukh Fal Ho Sakta Hai । Dharm परायण Hindu Iske Falon Aivam Vriksh Ko Atyant Pavitra Mante Hain Tatha Iska Paurannik Mahatva Bhi Hai । Aisa Kahaa Jata Hai Ki Yadi Kartik Maas Me Iske Vriksh Ke Niche Baith Kar Vishnnu Ki Pooja Ki Jaye To Swarg Ki Prapti Hoti Hai । Yadi Tulsi Ka Paudha Nahi Mile To Bhagwan Vishnnu Ki Pooja Anwle Ke Vriksh Ke Niche Baith Kar Ki Jaa Sakti Hai । Hindu Dharm Me Aisi Manyata Hai Ki Anwle Ke Vriksh Ke Niche Pind Dan Karne Se Pitaron Ko Mukti Prapt Hoti Hai । Hindu Dharm Ke Anusaar Kartik Maas Me Kam Se Kam Ek Din Anwle Ke Vriksh Ke Niche Bhojan Karna Atyant Shubh Mana Jata Hai , Jab Iske Fal Paripakw Hote Hai । Hindu Dharm Ke Anusaar Anwle Ke Fal Ka Lagataar 40 Dino Tak Sevan Karte Rehne Wale Vyakti Me Naee Sharirik स्फूर्ति Aati Hai Tatha कायाकल्प Ho Jata Hai ।

Wednesday, 13 September 2017

Janani Shishu Surakshaa Karyakram (JSSY)

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसवाई)

नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य की सुविधाएं न मिलने के कारण मृत्यु की समस्या का निवारण करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने (जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम) एक जून 2011 को गर्भवती महिलाओं तथा रूग्ण नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया था। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों योजना के क्रियान्वयन शुरू कर दी है। इस योजना के अंतर्गत मुफ्त सेवा प्रदान करने पर बल दिया गया है। इसमें गर्भवती महिलाओं तथा रूग्ण नवजात शिशुओं को खर्चों से मुक्त रखा गया है।
इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाएं को मुफ्त दवाएं एवं खाद्य, मुफ्त इलाज, जरूरत पड़ने पर मुफ्त खून दिया जाना, सामान्य प्रजनन के मामले में तीन दिनों एवं सी-सेक्शन के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषाहार दिया जाता है। इसमें घर से केंद्र जाने एवं वापसी के लिए मुफ्त यातायात सुविधा प्रदान की जाती है। इसी प्रकार की सुविधा सभी बीमार नवजात शिशुओं के लिए दी जाती है। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हर साल लगभग एक करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को योजना का लाभ मिला है।
इस कार्यक्रम में प्रसुताओं को मिलने वाली सुविधाएँ
1. निःशुल्क संस्थागत प्रसव - जननी सुरक्षा कार्यक्रम की शुरूआत यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि प्रत्येक गर्भवती महिला तथा एक माह तक रूग्ण नवजात शिशुओं को बिना किसी लागत तथा खर्चे के स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है ।
2. आवश्यकता पड़ने पर निःशुल्क सीजेरियन ऑपरेशन - जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त प्रजनन सुविधाएं (सीजेरियन ऑपरेशन समेत) उपलब्ध करायी जाती हैं।
3. निःशुल्क दवाईयां एवं आवश्यक सामग्री- गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में दवाएं दी जाती हैं इनमें आयरन फॉलिक अम्ल जैसे सप्लीमेंट भी शामिल हैं।
4. निःशुल्क जाँच सुविधाएँ - इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को खून, पेशाब की जांच, अल्ट्रा-सोनोग्राफी आदि अनिवार्य और वांछित जांच भी मुफ्त कराई जाती है।
5. निःशुल्क भोजन - सेवा केंद्रों में सामान्य डिलीवरी होने पर तीन दिन तथा सीजेरियन डिलीवरी के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषाहार दिया जाता है । जन्म से 30 दिनों तक रूग्ण नवजात शिशु हेतु सभी दवाएं और अपेक्षित खाद्य मुफ्त में मुहैया कराया जाता है ।
6. निःशुल्क रक्त सुविधा- आवश्यकता पड़ने पर मुफ्त खून भी दिया जाता है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत ओपीडी फीस एवं प्रवेश प्रभारों के अलावा अन्य प्रकार के खर्चे करने से मुक्त रखा गया है।
7. निःशुल्क वाहन सुविधा- घर से केंद्र जाने और आने के लिए भी मुफ्त में वाहन सुविधा दी जाती है ।
जन्म के 30 दिन तक नवजात शिशु को मिलने वाली सुविधाएँ
इस कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र में प्रजनन कराने से माता के साथ-साथ शिशु की भी सुरक्षा रहती है । जो इस प्रकार से हैं-
1. निःशुल्क ईलाज
2. निःशुल्क दवाईयां एवं आवश्यक सामग्री
3. निःशुल्क जाँच सुविधाएँ
4. निःशुल्क रक्त सुविधा- माता के साथ-साथ नवजात शिशु की भी मुफ्त जांच की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर मुफ्त में खून भी दिया जाता है ।
5. निःशुल्क रेफरल सुविधाएँ/आवश्यक ट्रांसपोर्ट सेवाएँ
6. व्यय में छूट (यूजर चार्जेज), रूग्ण नवजात शिशुओं पर खर्चा कम करना पड़ता है ।
जननी शिशु सुरक्षा योजना की विशेषताएं
योजना के तहत गर्भवती महिला, जननी व नवजात शिशु लाभान्वित होंगे। सभी को सरकारी चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी। जिसमें संस्थागत प्रसव, सिजेरियन ऑपरेशन, दवाईयां व अन्य सामग्री, लैब जांच, भोजन, ब्लड एवं रेफरल ट्रांसपोर्ट पूर्णत: निःशुल्क रहेंगे। कार्यक्रम शुरू करने का मुख्य उद्देश्य मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाना है। योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रसव कराने पर प्रसव संबंधी पूर्ण व्यय का वहन, प्रसवपूर्व, प्रसव के दौरान व प्रसव पश्चात दवाईयां व अन्य कंज्युमेबल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। जांच भी निःशुल्क होगी। संस्थागत प्रसव होने पर तीन दिन तथा सिजेरियन ऑपरेशन होने पर सात दिन निःशुल्क भोजन दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएँ इस प्रकार हैं-
1. गर्भवती महिलाओं तथा रूग्ण नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी ।
2. इस योजना के अंतर्गत बिना व्यय की सेवा प्रदान करने पर जोर दिया गया है । इससे गर्भवती महिलाओं को प्रजनन व्यय की चिंता से वे मुक्त होगी ।
3. गर्भवती महिलाएं को मुफ्त दवाएं एवं खाद्य, मुफ्त इलाज, जरूरत पड़ने पर मुफ्त खून दिया जायेगा ।
4. सामान्य प्रजनन के मामले में तीन दिनों एवं सी-सेक्शन के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषणहार दिया जायेगा ।
5. इस योजना के अंतर्गत घर से केंद्र जाने एवं वापसी के लिए मुफ्त यातायात सुविधा प्रदान की जाएगी । इसी प्रकार की सुविधा सभी बीमार नवजात शिशुओं के लिए दी जाती है।
6. इस कार्यक्रम से मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) एवं शिशु मृत्यु दर काफी हद तक कम हुई है, इसमें और सुधार किए जाने की आवश्यकता है ।
7. वर्ष 2005 में शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के बाद संस्थागत शिशु जन्म में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है ।

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Janani Shishu Surakshaa Karyakram (JSSY)

Navjat Shisuon Ko Swasthya Ki Suvidhayein n Milne Ke Karan Mrityu की समस्या Ka Niwaran Karne Ke Liye Swasthya Aivam Pariwar Kalyann Mantralaya ne (Janani Shishu Surakshaa Karyakram) Ek June 2011 Ko Garbhwati Mahilaon Tatha Rugn Navjat Shisuon Ko Behtar Swasthya Suvidhayein Pradan Karne Ke Liye Shuru Kiya Tha । Sabhi Rajyon Aur Kendra Shashit Pradeshon Yojana Ke Kriyanvayan Shuru Kar Dee Hai । Is Yojana Ke Antargat Muft Sewa Pradan Karne Par Bal Diya Gaya Hai । Isme Garbhwati Mahilaon Tatha Rugn Navjat Shisuon Ko Kharchon Se Mukt Rakha Gaya Hai ।
Is Yojana Ke Tahat , Garbhwati Mahilayein Ko Muft dawayein Aivam Khadya , Muft Ilaaj , Jarurat Padne Par Muft Khoon Diya Jana , Samanya Prajanan Ke Mamale Me Teen Dino Aivam Si - Section Ke Mamale Me Saat Dino Tak Muft Poshahar Diya Jata Hai । Isme Ghar Se Kendra Jane Aivam vaapasi Ke Liye Muft Yatayat Suvidha Pradan Ki Jati Hai । Isi Prakar Ki Suvidha Sabhi Bimar Navjat Shisuon Ke Liye Dee Jati Hai । Is Karyakram Ke Tahat Gramin Aivam Sahari Area Me Har Sal Lagbhag Ek Crore Se Adhik Garbhwati Mahilaon Aivam Navjat Shisuon Ko Yojana Ka Labh Mila Hai ।
Is Karyakram Me Prasutaon Ko Milne Wali Suvidhayein
1. Ni:shulk Sansthagat Prasav - Janani Surakshaa Karyakram Ki Shurooaat Yah Sunishchit Karne Ke Liye Ki Gayi Hai Ki Pratyek Garbhwati Mahila Tatha Ek Month Tak Rugn Navjat Shisuon Ko Bina Kisi Lagat Tatha Kharche Ke Swasthya Sewayein Pradan Ki Jati Hai ।
2. Aavashyakta Padne Par Ni:shulk Cesarean Operation - Janani Shishu Surakshaa Karyakram Ke Antargat Sarakari Swasthya Kendro Me Muft Prajanan Suvidhayein (Cesarean Operation Samet) Uplabdh Karayi Jati Hain ।
3. Ni:shulk dawaiyan Aivam Awashyak Samagri - Garbhwati Mahilaon Ko Muft Me dawayein Dee Jati Hain Inme Iron Follic Aml Jaise Supplement Bhi Shamil Hain ।
4. Ni:shulk Janch Suvidhayein - Iske Sath Hee Garbhwati Mahilaon Ko Khoon , Peshab Ki Janch , ultra - Sonography Aadi Anivarya Aur vanchit Janch Bhi Muft Karayi Jati Hai ।
5. Ni:shulk Bhojan - Sewa Kendro Me Samanya Delivery Hone Par Teen Din Tatha Cesarean Delivery Ke Mamale Me Saat Dino Tak Muft Poshahar Diya Jata Hai । Janm Se 30 Dino Tak Rugn Navjat Shishu Hetu Sabhi dawayein Aur Apekshit Khadya Muft Me Muhaiya Karaya Jata Hai ।
6. Ni:shulk Rakt Suvidha - Aavashyakta Padne Par Muft Khoon Bhi Diya Jata Hai । Janani Shishu Surakshaa Karyakram Ke Antargat OPD Fees Aivam Pravesh Prabharon Ke ALava Anya Prakar Ke Kharche Karne Se Mukt Rakha Gaya Hai ।
7. Ni:shulk Wahan Suvidha - Ghar Se Kendra Jane Aur Ane Ke Liye Bhi Muft Me Wahan Suvidha Dee Jati Hai ।
Janm Ke 30 Din Tak Navjat Shishu Ko Milne Wali Suvidhayein
Is Karyakram Ke Antargat Kendra Me Prajanan Karane Se Mata Ke Sath - Sath Shishu Ki Bhi Surakshaa Rehti Hai । Jo Is Prakar Se Hain -
1. Ni:shulk Ilaj
2. Ni:shulk dawaiyan Aivam Awashyak Samagri
3. Ni:shulk Janch Suvidhayein
4. Ni:shulk Rakt Suvidha - Mata Ke Sath - Sath Navjat Shishu Ki Bhi Muft Janch Ki Jati Hai Aur Aavashyakta Padne Par Muft Me Khoon Bhi Diya Jata Hai ।
5. Ni:shulk Referral Suvidhayein/Awashyak Transport Sewayein
6. Vyay Me Chhoot (User Charges) , Rugn Navjat Shisuon Par Kharcha Kam Karna Padta Hai ।
Janani Shishu Surakshaa Yojana Ki Visheshtayein
Yojana Ke Tahat Garbhwati Mahila , Janani Wa Navjat Shishu Labhanvit Honge । Sabhi Ko Sarakari Chikitsa Sansthanon Me Swasthya Sewayein Ni:shulk Uplabdh Karwai Jayengi । Jisme Sansthagat Prasav , Cesarean Operation , dawaiyan Wa Anya Samagri , Lab Janch , Bhojan , Blood Aivam Referral Transport Purnnt: Ni:shulk Rahenge । Karyakram Shuru Karne Ka Mukhya Uddeshya Matri Mrityu Dar Tatha Shishu Mrityu Dar Me Bhi Kami Lana Hai । Yojana Ke Tahat Sabhi Garbhwati Mahilaon Ko Rajkiya Chikitsa Sansthanon Me Prasav Karane Par Prasav Sambandhi Poorn Vyay Ka Vahan , PrasavPoorv , Prasav Ke Dauran Wa Prasav Paschaat dawaiyan Wa Anya Consumables Ni:shulk Uplabdh Karwaye Jayenge । Janch Bhi Ni:shulk Hogi । Sansthagat Prasav Hone Par Teen Din Tatha Cesarean Operation Hone Par Saat Din Ni:shulk Bhojan Diya Jayega ।
Is Karyakram Ke Antargat Milne Wali Swasthya Sewayein Is Prakar Hain -
1. Garbhwati Mahilaon Tatha Rugn Navjat Shisuon Ko Behtar Swasthya Suvidhayein Pradan Ki Jayegi ।
2. Is Yojana Ke Antargat Bina Vyay Ki Sewa Pradan Karne Par Jor Diya Gaya Hai । Isse Garbhwati Mahilaon Ko Prajanan Vyay Ki Chinta Se Ve Mukt Hogi ।
3. Garbhwati Mahilayein Ko Muft dawayein Aivam Khadya , Muft Ilaaj , Jarurat Padne Par Muft Khoon Diya Jayega ।
4. Samanya Prajanan Ke Mamale Me Teen Dino Aivam Si - Section Ke Mamale Me Saat Dino Tak Muft PoshanHaar Diya Jayega ।
5. Is Yojana Ke Antargat Ghar Se Kendra Jane Aivam vaapasi Ke Liye Muft Yatayat Suvidha Pradan Ki Jayegi । Isi Prakar Ki Suvidha Sabhi Bimar Navjat Shisuon Ke Liye Dee Jati Hai ।
6. Is Karyakram Se Matri Mrityu Dar (MMR) Aivam Shishu Mrityu Dar Kafi Had Tak Kam Hui Hai , Isme Aur Sudhar Kiye Jane Ki Aavashyakta Hai ।
7. Varsh 2005 Me Shuru Ki Gayi Janani Surakshaa Yojana (JSSY) Ke Baad Sansthagat Shishu Janm Me Ullekhaniy Vridhi Hui Hai ।