Saturday, 16 September 2017

Mudra Bank : Pradhaan Mantri Mudra Yojana

मुद्रा बैंक : प्रधान मंत्री मुद्रा योजना
मुद्रा बैंक - Pradhan Mantri mudra yojana in hindi
मुद्रा बैंक: प्रधान मंत्री मुद्रा योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वादे के मुताबिक 8 अप्रैल 2015 को 20 हजार करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड और 3,000 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी कॉर्पस के साथ माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) बैंक का उद्घाटन किया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी, जिसे धरातल पर उतारा गया है।

मुद्रा बैंक किस तरह अर्थव्यवस्था में अंतर पैदा कर सकता है ?

ज्यादातर लोग, खासकर भारत के ग्रामीण और दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले, औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के लाभों के दायरे से बाहर हैं। इस वजह से वे छोटे व्यापार शुरू करने या उन्हें बढ़ाने में मदद के लिए बीमा, कर्ज, उधार और अन्य वित्तीय उपकरणों तक पहुंच ही नहीं पाते। उधार के लिए ज्यादातर लोग स्थानीय साहूकारों पर निर्भर रहते हैं। कर्ज पर बहुत ज्यादा ब्याज चुकाना होता है। अक्सर परिस्थितयां असहनीय हो जाती हैं। इस वजह से पीढ़ियों तक यह गरीब लोग कर्ज के तले दबे रहते हैं। जब व्यापार में नाकामी हाथ लगती है तो यह साहूकार अपनी ताकत और अन्य अपमानजनक तरीकों से कर्ज लेने वालों का जीना दूभर कर देते हैं।

एनएसएसओ के 2013 के सर्वे के मुताबिक, तकरीबन 5.77 करोड़ लघु व्वयसायिक इकाइयां हैं। इनमें से ज्यादातर एकल स्वामित्व के तहत चल रही हैं। इनमें व्यापार, निर्माण, रिटेल और छोटे स्तर की अन्य गतिविधियां शामिल हैं। आप इसकी तुलना संगठित क्षेत्र और बड़ी कंपनियों से कीजिए जो 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं। स्पष्ट तौर पर इन लघु व्यवसायों के पोषण और दोहन की विशाल संभावनाएं हैं और सरकार भी इसे अच्छे-से समझती है। आज, इस क्षेत्र में न तो कोई नियामक है और न ही संगठित वित्तीय बैंकिंग प्रणाली से वित्तीय सहयोग या सहारा मिलता है।

मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैः

1. सूक्ष्म वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता का नियमन और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
2. सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
3. सभी एमएफआई को रजिस्टर करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एमएफआई तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे एमएफआई में प्रतिस्पर्धात्मकत बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
4. कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य प्रक्रिया या दिशानिर्देशों का पालन करना है, उसे बनाने में मुद्रा मदद करेगा।
5. मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
6. सूक्ष्य व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
7. वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा।
8. छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।

प्रमुख उत्पादों की पेशकश

मुद्रा बैंक ने कर्ज लेने वालों को तीन हिस्सों में बांटा है: व्यवसाय शुरू करने वाले, मध्यम स्थिति में कर्ज तलाशने वाले और विकास के अगले स्तर पर जाने की चाहत रखने वाले।

इन तीन हिस्सों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुद्रा बैंक ने तीन कर्ज उपकरणों की शुरुआत की हैः

1. शिशु: इसके दायरे में 50 हजार रुपए तक के कर्ज आते हैं।
2. किशोर: इसके दायरे में 50 हजार से 5 लाख रुपए तक के कर्ज आते हैं।
3. तरुण: इसके दायरे में 5 से 10 लाख रुपए तक के कर्ज आते हैं।

शुरुआत में कुछ ही क्षेत्रों तक योजनाएं सीमित हैं, जैसे- " जमीन परिवहन, सामुदायिक, सामाजिक एवं वैयक्तिक सेवाएं, खाद्य उत्पाद और टेक्सटाइल प्रोडक्ट सेक्टर " । समय के साथ नई योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें और ज्यादा क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।

भविष्य में की जाने वाली कुछ पेशकशः

1. मुद्रा कार्ड
2. पोर्टफोलियो क्रेडिट गारंटी
3. क्रेडिट एनहांसमेंट


मुद्रा लोन पात्रता :
इस योजना के लाभ भारत का कोई भी नागरिक ले सकता हैं। देश का कोई भी व्यक्ति जिसका स्वयं का अथवा किसी के साथ साझे का व्यापार हो वो अपने दस्तावेज़ के जरिये मुद्रा लोन का लाभ उठा सकता हैं।

महत्वपूर्ण दस्तावेज़ :
मुद्रा योजना के तहत लोन प्राप्त करना एक आसान प्रक्रिया हैं लेकिन उसके लिए निम्न दस्तावेजों का होना अनिवार्य हैं :



स्व सत्यापित प्रमाणपत्र एवं दो फोटोग्राफ
जाति प्रमाणपत्र (ST/ SC)
उद्योग से संबंधित दस्तावेज़, लाइसेंस एवं सर्टिफिकेट
उद्योग संबंधी सभी जानकारी
मुद्रा लोन के लिए देश में मुद्रा बैंक को लांच किया गया हैं जिसके साथ मुद्रा कार्ड की भी व्यवस्था शुरू की गई हैं। देश की सबसे बड़ी बैंक SBI बैंक द्वारा मुद्रा योजना के तहत मुद्रा लोन दिया जा रहा हैं।

मुद्रा योजना लाभ :
मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्योगों को शुरू करने के लिए लोन दिया जा रहा हैं ताकि लोन ना मिलने के कारण उद्योगों में काम बंद ना हो. अगर छोटे उद्योग बढ़ेंगे तो देश में रोजगार एवम देश की अर्थव्यवस्था अच्छी होगी .

Phonetic Version
Mudra Bank : Pradhaan Mantri Mudra Yojana
Mudra Bank - Pradhan Mantri mudra yojana in Hindi
Mudra Bank: Pradhaan Mantri Mudra Yojana

PradhanMantri Narendra Modi ne Apne Wade Ke Mutabik 8 April 2015 Ko 20 Hazar Crore Rupaye Ke Corpus Fund Aur 3 , 000 Crore Rupaye Ke Credit Guarantee Corpus Ke Sath Micro Units Development And रिफाइनेंस Agency Limited (Mudra) Bank Ka Inaugration Kiya । Vittmantri Arun jetli ne 2015 - 16 Ke Budget Bhashann Me Iski Ghoshna Ki Thi , Jise Dharatal Par Utara Gaya Hai ।

Mudra Bank Kis Tarah Arthvyavastha Me Antar Paida Kar Sakta Hai ?

Jyadatar Log , KhasKar Bhaarat Ke Gramin Aur Doorasth Hisson Me Rehne Wale , Aupcharik Banking Pranali Ke Labhon Ke Dayre Se Bahar Hain । Is Wajah Se Ve Chhote Vyapar Shuru Karne Ya Unhe Badhane Me Madad Ke Liye Beema , Karz , Udhar Aur Anya Vittiya Upkarnon Tak Pahunch Hee Nahi Pate । Udhar Ke Liye Jyadatar Log Sthaniya Sahukaron Par Nirbhar Rehte Hain । Karz Par Bahut Jyada Byaj chukana Hota Hai । Aksar परिस्थितयां असहनीय Ho Jati Hain । Is Wajah Se Peedhiyon Tak Yah Garib Log Karz Ke Tale Dabe Rehte Hain । Jab Vyapar Me नाकामी Hath Lagti Hai To Yah saahukaar Apni Takat Aur Anya ApmanJanak Tareeko Se Karz Lene Walon Ka Jeena दूभर Kar Dete Hain ।

NSSO Ke 2013 Ke Survey Ke Mutabik , Takriban 5.77 Crore Laghu व्वयसायिक Ikaiyan Hain । Inme Se Jyadatar Aikal Swamitva Ke Tahat Chal Rahi Hain । Inme Vyapar , Nirmann , Retail Aur Chhote Str Ki Anya Gatividhiyan Shamil Hain । Aap Iski Tulna SanGathit Shetra Aur Badi Kampaniyon Se Kijiye Jo 1.25 Crore Logon Ko Rojgar Dete Hain । Spashta Taur Par In Laghu Vyawsayon Ke Poshnn Aur Dohan Ki Vishal Sambhavanayein Hain Aur Sarkaar Bhi Ise Achhe - Se Samajhti Hai । Aaj , Is Shetra Me n To Koi Niyamak Hai Aur n Hee SanGathit Vittiya Banking Pranali Se Vittiya Sahyog Ya Sahara Milta Hai ।

Mudra Bank Ke Pramukh Uddeshya Is Prakar Hain

1. Sukshma Vitt Ke Rinndata Aur कर्जगृहिता Ka Niyaman Aur Sukshma Vitt Pranali Me Niyaman Aur Samaweshi Bhagidari Ko Sunishchit Karte Hue Use Sthayitv Pradan Karna ।
2. Sukshma Vitt Sansthaon (एमएफआई) Aur Chhote VyaPariyon , रिटेलर्स , SwaSahayta Samuhon Aur Vyaktiyon Ko Udhar Dene Wali Agencies Ko Vitt Aivam Udhar Gatividhiyon Me Sahyog Dena ।
3. Sabhi एमएफआई Ko Register Karna Aur Pehli Baar Pradarshan Ke Str (परफॉर्मंस Rating) Aur अधिमान्यता Ki Pranali Shuru Karna । Isse Karz Lene Se Pehle Akalan Aur Us एमएफआई Tak Pahunchne Me Madad Milegi , Jo Unki Jaruraton Ko Puri Karte Ho Aur Jiska Purana Record Sabse Jyada SantoshJanak Hai । Isse एमएफआई Me प्रतिस्पर्धात्मकत Badhegi । Iska Fayda Karz Lene Walon Ko Milega ।
4. Karz Lene Walon Ko DhanchaGat DishaNirdesh Uplabdh Karana , Jin Par Amal Karte Hue Vyapar Me नाकामी Se Bacha Jaa Sake Ya Samay Par Uchit Kadam Uthaye Jaa Sake । डिफॉल्ट Ke Case Me Bakaya Paise Ki Vasooli Ke Liye Kis Sweekary Prakriya Ya DishaNirdeshon Ka Palan Karna Hai , Use Banane Me Mudra Madad Karega ।
5. मानकीकृत Niyam - Patra Taiyaar Karna , Jo Bhavishya Me Sukshma Vyavsaay Ki Reedh Banega ।
6. सूक्ष्य Vyawsayon Ko Diye Jane Wale Karz Ke Liye Guarantee Dene Ke Liye Credit Guarantee Scheme Banayega ।
7. Vitarit Ki Gayi Punji Ki Nigrani , Karz Lene Aur Dene Ki Prakriya Me Madad Ke Liye Uchit Taknik Muhaiya Karayega ।
8. Chhote Aur Sukshma Vyawsayon Ko Prabhavi Dhag Se Chhote Karz Muhaiya Karane Ki Prabhavi Pranali Viksit Karne Ke Liye PradhanMantri Mudra Yojana Ke Tahat Upyukt Dhancha Taiyaar Karna ।

Pramukh Utpadon Ki Peshkash

Mudra Bank ne Karz Lene Walon Ko Teen Hisson Me Banta Hai: Vyavsaay Shuru Karne Wale , Madhyam Sthiti Me Karz तलाशने Wale Aur Vikash Ke Agle Str Par Jane Ki Chaahat Rakhne Wale ।

In Teen Hisson Ki Jaruraton Ko Pura Karne Ke Liye Mudra Bank ne Teen Karz Upkarnon Ki Shuruat Ki Hain

1. Shishu: Iske Dayre Me 50 Hazar Rupaye Tak Ke Karz Aate Hain ।
2. Kishor: Iske Dayre Me 50 Hazar Se 5 Lakh Rupaye Tak Ke Karz Aate Hain ।
3. Tarun: Iske Dayre Me 5 Se 10 Lakh Rupaye Tak Ke Karz Aate Hain ।

Shuruat Me Kuch Hee Area Tak Yojnayein Simit Hain , Jaise - " Jamin Parivahan , Samudayik , Samajik Aivam Vaiyaktik Sewayein , Khadya Utpaad Aur Textile Product Sector " । Samay Ke Sath Naee Yojnayein Shuru Ki Jayengi , Jinme Aur Jyada Area Ko Shamil Kiya Jayega ।

Bhavishya Me Ki Jane Wali Kuch पेशकशः

1. Mudra Card
2. Portfolio Credit Guarantee
3. Credit एनहांसमेंट


Mudra Loan patrata :
Is Yojana Ke Labh Bhaarat Ka Koi Bhi Nagrik Le Sakta Hain । Desh Ka Koi Bhi Vyakti Jiska Swayam Ka Athvaa Kisi Ke Sath Saajhe Ka Vyapar Ho Wo Apne Dastawej Ke Jariye Mudra Loan Ka Labh Utha Sakta Hain ।

Mahatvapurnn Dastawej :
Mudra Yojana Ke Tahat Loan Prapt Karna Ek Asaan Prakriya Hain Lekin Uske Liye Nimn Dastawejon Ka Hona Anivarya Hain :



Swa Satyapit PramaanPatra Aivam Do Photograph
Jati PramaanPatra (ST/ SC)
Udyog Se Sambandhit Dastawej , Licence Aivam Certificate
Udyog Sambandhi Sabhi Jankari
Mudra Loan Ke Liye Desh Me Mudra Bank Ko Launch Kiya Gaya Hain Jiske Sath Mudra Card Ki Bhi Vyavastha Shuru Ki Gayi Hain । Desh Ki Sabse Badi Bank SBI Bank Dwara Mudra Yojana Ke Tahat Mudra Loan Diya Jaa Raha Hain ।

Mudra Yojana Labh :
Mudra Yojana Ke Tahat Chhote Udyogon Ko Shuru Karne Ke Liye Loan Diya Jaa Raha Hain Taki Loan Na Milne Ke Karan Udyogon Me Kaam Band Na Ho. Agar Chhote Udyog बढ़ेंगे To Desh Me Rojgar Aivam Desh Ki Arthvyavastha Achhi Hogi .

UNDP Me Nikli Bharti , Shighra Kare Awedan

UNDP में निकली भर्ती, शीघ्र करे आवेदन

यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम UNDP 2017 में नौकरी हेतु आवेदन प्राप्ति की अधिसूचना जरी की गई है। पात्र उम्मीदवार अपना आवेदन यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम UNDP में 28/09/2017 से पहले जमा कर सकते हैं। जो कि आवेदन करने की अंतिम तिथि है। अगर आप आवेदन के लिए इच्छुक है, तो आप पात्रता मापदंड,नौकरी विवरण, पदों की संख्या, चयन प्रक्रिया, वेतन, आवेदन शुल्क, आवेदन प्रक्रिया आदि को ध्यानपूर्वक देखकर, पढ़कर आवेदन कर सकते है। नौकरी से जुड़ी पूर्ण जानकारी आप नीचे विस्तार से जान सकते है।

रिक्ति का नाम: एन यू एन वी समन्वय एसोसिएट

शिक्षा की आवश्यकता: Post Graduate

कुल रिक्ति भरने के लिए: 01 पद

वेतन सीमा: उल्लेखित नहीं है

नौकरी करने का स्थान: गुवाहाटी

आवेदन करने की अंतिम तिथि: 28/09/2017

चयन प्रक्रिया:
चयन या तो लिखित परीक्षा / कार्मिक साक्षात्कार / अन्य मोड के आधार पर यूनाइटेड नेशन्स डेवलपमेंट प्रोग्राम UNDP मानदंड या निर्णय द्वारा किया जाएगा।


आवेदन कैसे करे ?
इच्छुक उम्मीदवार शैक्षिक योग्यता के सभी विवरणों के साथ अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर सकते हैं साथ ही समर्थन दस्तावेज (प्रमाणित प्रतियां)। ईमेल आईडी, संपर्क नंबर और पूरा डाक पता आपके आवेदनों के साथ उल्लेख किया जाना चाहिए।
योग्यता मानदंडों के आधार पर साक्षात्कार में भाग लेने के लिए लघु और सूचीबद्ध उम्मीदवारों को ईमेल और फोन के माध्यम से सूचित किया जाएगा और नियुक्ति विशुद्ध रूप से अस्थायी है।
साक्षात्कार में भाग लेने के लिए या चयनित होने पर पोस्ट में शामिल होने के लिए कोई टीए / डीए भुगतान नहीं किया जाएगा।

नौकरी के लिए पता : United Nations Development Programme, Guwahati

महत्वपूर्ण तिथियाँ:
इस जॉब के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि: 28/09/2017

Phonetic Version
UNDP Me Nikli Bharti , Shighra Kare Awedan

United Nations Development Program UNDP 2017 Me Naukri Hetu Awedan Prapti Ki Adhisoochna Zari Ki Gayi Hai । Patra Ummidwar Apna Awedan United Nations Development Program UNDP Me 28/09/2017 Se Pehle Jama Kar Sakte Hain । Jo Ki Awedan Karne Ki Antim Tithi Hai । Agar Aap Awedan Ke Liye Ichhuk Hai , To Aap patrata MaapDand , Naukri Vivarann , Padon Ki Sankhya , Chayan Prakriya , Vetan , Awedan Shulk , Awedan Prakriya Aadi Ko DhyanPoorvak Dekhkar , Padhkar Awedan Kar Sakte Hai । Naukri Se Judi Poorn Jankari Aap Niche Vistar Se Jaan Sakte Hai ।

Rikti Ka Naam: N U N V Samnvya Associate

Shiksha Ki Aavashyakta: Post Graduate

Kul Rikti Bharne Ke Liye: 01 Pad

Vetan Seema: Ullekhit Nahi Hai

Naukri Karne Ka Sthan: Guwahati

Awedan Karne Ki Antim Tithi: 28/09/2017

Chayan Prakriya:
Chayan Ya To Likhit Pariksha / Kaarmik Interview / Anya Mod Ke Aadhaar Par United Nations Development Program UNDP Mandand Ya Decision Dwara Kiya Jayega ।


Awedan Kaise Kare ?
Ichhuk Ummidwar Shaikshik Yogyata Ke Sabhi Vivarannon Ke Sath Apne Dastawej Prastut Kar Sakte Hain Sath Hee Samarthan Dastawej (Pramanit Pratiyan) । E-Mail ID , Sampark Number Aur Pura Daak Pata Apke Awedanon Ke Sath Ullekh Kiya Jana Chahiye ।
Yogyata Mandandon Ke Aadhaar Par Interview Me Bhag Lene Ke Liye Laghu Aur Soochibaddh Ummidwaron Ko E-Mail Aur Phone Ke Madhyam Se Suchit Kiya Jayega Aur Niyukti Vishuddh Roop Se Asthayi Hai ।
Interview Me Bhag Lene Ke Liye Ya Chaynit Hone Par Post Me Shamil Hone Ke Liye Koi TA / DA Bhugtan Nahi Kiya Jayega ।

Naukri Ke Liye Pata : United Nations Development Programme , Guwahati

Mahatvapurnn Dates:
Is Job Ke Liye Awedan Karne Ki Antim Tithi: 28/09/2017

Friday, 15 September 2017

Narendra Anwla - 7

नरेन्द्र आँवला-7
यह फ्रांसिस (हाथी झूल) किस्म के बीजू पौधों से चयनित किस्म है। यह शीघ्र फलने वाली, नियमित एवं अत्यधिक फलन देने वाली किस्म है। इस किस्म में प्रति शाखा में औसत मादा फूलों की संख्या 9.7 तक पायी जाती है। यह मध्यम समय (मध्य नवम्बर से मध्य दिसम्बर) तक पक कर तैयार हो जाती है। यह किस्म उत्तक क्षय रोग से मुक्त है। फल मध्यम से बड़े आकार, के ऊपर तिकोने, चिकनी सतह तथा हल्के पीले रंग वाले होते हैं। गूदे में रेशे की मात्रा एन ए-6 किस्म से थोड़ी अधिक होती है। इस किस्म की प्रमुख समस्या अधिक फलत के कारण इसकी शाखाओं को टूटना है। अतः फल वृद्धि के समय शाखाओं में सहारा देना उचित होता है यह किस्म च्यवनप्राश, चटनी, अचार, जैम एवं स्क्वैश बनाने हेतु अच्छी पायी गयी है। इस किस्म को राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल तथा तमिलनाडु के क्षेत्रों में अच्छी तरह अपनाया गया है।

Phonetic Version
Narendra Anwla - 7
Yah French (Hathi Jhool) Kism Ke Biju Paudhon Se Chaynit Kism Hai । Yah Shighra फलने Wali , Niyamit Aivam Atyadhik फलन Dene Wali Kism Hai । Is Kism Me Prati Shakha Me Average Mada Foolon Ki Sankhya 9.7 Tak Payi Jati Hai । Yah Madhyam Samay (Madhy November Se Madhy December) Tak पक Kar Taiyaar Ho Jati Hai । Yah Kism Uttak Kshay Rog Se Mukt Hai । Fal Madhyam Se Bade Akaar , Ke Upar तिकोने , Chikni Satah Tatha Halke Pile Rang Wale Hote Hain । गूदे Me Reshe Ki Matra N A - 6 Kism Se Thodi Adhik Hoti Hai । Is Kism Ki Pramukh Samasya Adhik Falat Ke Karan Iski Shakhaon Ko टूटना Hai । Atah: Fal Vridhi Ke Samay Shakhaon Me Sahara Dena Uchit Hota Hai Yah Kism Chyawanprash , Chatni , AChar , Zam Aivam स्क्वैश Banane Hetu Achhi Payi Gayi Hai । Is Kism Ko Rajasthan , Bihar , Madhy Pradesh , Uttaranchal Tatha Tamilnadu Ke Area Me Achhi Tarah Apnaya Gaya Hai ।

Narendra Anwla - 6

नरेन्द्र आँवला-6
यह चकैइया किस्म से चयनित किस्म है जो मध्यम समय (मध्य नवम्बर से मध्य दिसम्बर) में पक कर तैयार हो जाती है। पेड़ फैलाव लिए अधिक उत्पादन देने वाले होते हैं। (फलों का आकार मध्यम से बड़ा गोल, सतह चिकनी, हरी पीली, चमकदार, आकर्षक) गूदा रेशाहीन एवं मुलायम होता है। यह किस्म मुरब्बा, जैम एवं कैन्डी बनाने हेतु उपयुक्त पायी जाती है।

Phonetic Version
Narendra Anwla - 6
Yah चकैइया Kism Se Chaynit Kism Hai Jo Madhyam Samay (Madhy November Se Madhy December) Me पक Kar Taiyaar Ho Jati Hai । Ped Failaav Liye Adhik Utpadan Dene Wale Hote Hain । (Falon Ka Akaar Madhyam Se Bada Gol , Satah Chikni , Hari Peeli , Chamakdaar , Akarshak) Gooda रेशाहीन Aivam Mulayam Hota Hai । Yah Kism मुरब्बा , Zam Aivam कैन्डी Banane Hetu Upyukt Payi Jati Hai ।

Anwla Ki Kism Krishna (N.A. - 5)

आँवला की किस्म कृष्णा (एन.ए.-5)
यह बनारसी किस्म से चयनित एक अगेती किस्म है जो अक्टूबर से मध्य नवम्बर में पक कर तैयार हो जाती है। इस किस्म के फल बड़े ऊपर से तिकोने, फल की सतह चिकनी, सफेद हरी पीली तथा लाल धब्बेदार होती है। फल का गूदा गुलाबी हरे रंग का, कम रेशायुक्त तथा अत्यधिक कसैला होता है। फल मध्यम भंडारण क्षमता वाले होते हैं। अपेक्षाकृत अधिक मादा फूल आने के कारण, इस किस्म की उत्पादन क्षमता बनारसी किस्म की अपेक्षा अधिक होती है। यह किस्म मुरब्बा, कैन्डी एवं जूस बनाने हेतु अत्यंत उपयुक्त पायी गयी है।

Phonetic Version
Anwla Ki Kism Krishna (N.A. - 5)
Yah Banarasi Kism Se Chaynit Ek Ageti Kism Hai Jo October Se Madhy November Me पक Kar Taiyaar Ho Jati Hai । Is Kism Ke Fal Bade Upar Se तिकोने , Fal Ki Satah Chikni , Safed Hari Peeli Tatha Laal धब्बेदार Hoti Hai । Fal Ka Gooda Gulabi Hare Rang Ka , Kam रेशायुक्त Tatha Atyadhik कसैला Hota Hai । Fal Madhyam Bhandaran Shamta Wale Hote Hain । Apekshakrit Adhik Mada Fool Ane Ke Karan , Is Kism Ki Utpadan Shamta Banarasi Kism Ki Apeksha Adhik Hoti Hai । Yah Kism मुरब्बा , कैन्डी Aivam Juice Banane Hetu Atyant Upyukt Payi Gayi Hai ।

Anwla Ki Kism Kanchan (N A - 4)

आँवला की किस्म कंचन (एन ए-4)
यह चकइया किस्म से चयनित किस्म है। इस किस्म में मादा फूलों की संख्या अधिक (4-7 मादा फूल प्रति शाखा) होने के कारण यह अधिक फलत नियमित रूप से देती है। फल मध्यम आकार के गोल एवं हल्के पीले रंग के व अधिक गुदायुक्त होते है। रेशेयुक्त होने के कारण यह किस्म गूदा निकालने हेतु एवं अन्य परिरक्षित पदार्थ बनने हेतु औद्योगिक इकाईयों द्वारा पसंद की जाती है। यह मध्यम समय में परिपक्व होने वाले किस्म हैं (मध्य नवम्बर से मध्य दिसम्बर) तथा महाराष्ट्र एवं गुजरात के शुष्क एवं अर्धशुष्क क्षेत्रों में सफलतापूर्वक उगायी जा रही है।

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Anwla Ki Kism Kanchan (N A - 4)
Yah चकइया Kism Se Chaynit Kism Hai । Is Kism Me Mada Foolon Ki Sankhya Adhik (4 - 7 Mada Fool Prati Shakha) Hone Ke Karan Yah Adhik Falat Niyamit Roop Se Deti Hai । Fal Madhyam Akaar Ke Gol Aivam Halke Pile Rang Ke Wa Adhik गुदायुक्त Hote Hai । Resheyukt Hone Ke Karan Yah Kism Gooda Nikalne Hetu Aivam Anya परिरक्षित Padarth Banne Hetu Audyogik Ikaiyon Dwara Pasand Ki Jati Hai । Yah Madhyam Samay Me Paripakw Hone Wale Kism Hain (Madhy November Se Madhy December) Tatha Maharashtra Aivam Gujarat Ke Shushk Aivam अर्धशुष्क Area Me SafalTapoorvak Ugayi Jaa Rahi Hai ।

Anwle Ki Kismein

आँवले की किस्में
पूर्व में आँवला की तीन प्रमुख किस्में यथा बनारसी, फ्रांसिस (हाथी झूल) एवं चकैइया हुआ करती थी। इन किस्मों की अपनी खूबियाँ एवं कमियाँ रही हैं। बनारसी किस्म में फलों का गिरना एवं फलों का कम भंडारण क्षमता, फ्रान्सिस किस्म में यद्यपि बड़े आकार के फल लगते हैं परन्तु उत्तक क्षय रोग अधिक होता है। चकैइया के फलों में अधिक रेशा एवं एकान्तर फलन की समस्या के कारण इन किस्मों के रोपण को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए। पारम्परिक किस्मों की इन सब समस्याओं के निदान हेतु नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, फैजाबाद ने कुछ नयी किस्मों का चयन किया है जिनका संक्षिप्त विवरण निम्न है:

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Anwle Ki Kismein
Poorv Me Anwla Ki Teen Pramukh Kismein Yatha Banarasi , French (Hathi Jhool) Aivam चकैइया Hua Karti Thi । In Kismon Ki Apni Khoobiyaan Aivam Kamiyan Rahi Hain । Banarasi Kism Me Falon Ka Girna Aivam Falon Ka Kam Bhandaran Shamta , फ्रान्सिस Kism Me Yadyapi Bade Akaar Ke Fal Lagte Hain Parantu Uttak Kshay Rog Adhik Hota Hai । चकैइया Ke Falon Me Adhik Resha Aivam एकान्तर फलन Ki Samasya Ke Karan In Kismon Ke Ropann Ko Protsahit Nahi Karna Chahiye । Paramparik Kismon Ki In Sab Samasyaon Ke Nidaan Hetu Narendra Dev Krishi Aivam Prodyogik VishwaVidyalaya , कुमारगंज , Faizabad ne Kuch Nayi Kismon Ka Chayan Kiya Hai Jinka Sankshipt Vivarann Nimn Hai:

Anwle Ki Kheti Ke Liye Bhumi

आँवले की खेती के लिए भूमि
आँवला एक सहिष्णु फल है और बलुई भूमि से लेकर चिकनी मिट्टी तक में सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। गहरी उर्वर बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती हेतु सर्वोत्तम पायी जाती है। बंजर, कम अम्लीय एवं ऊसर भूमि (पी.एच. मान 6.5-9.5, विनियम शील सोडियम 30-35 प्रतिशत एवं विद्युत् चालकता 9.0 म्होज प्रति सें.मी. तक) में भी इसकी खेती सम्भव है। भारी मृदायें तथा ऐसी मृदायें जिनमें पानी का स्तर काफी ऊँचा हो, इसकी खेती हेतु अनुपयुक्त पायी गई हैं।

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Anwle Ki Kheti Ke Liye Bhumi
Anwla Ek Sahishnnu Fal Hai Aur Balui Bhumi Se Lekar Chikni Mitti Tak Me SafalTapoorvak Ugaya Jaa Sakta Hai । Gahri Urvar Balui Domat Mitti Iski Kheti Hetu Sarvottam Payi Jati Hai । Banjar , Kam Amliya Aivam Oosar Bhumi (P.H. Maan 6.5 - 9.5 , Viniyam Sheel Sodium 30 - 35 Pratishat Aivam Vidyut Chalakta 9.0 म्होज Prati सें.Mee. Tak) Me Bhi Iski Kheti Sambhav Hai । Bhari मृदायें Tatha Aisi मृदायें Jinme Pani Ka Str Kafi Uncha Ho , Iski Kheti Hetu Anupayukt Payi Gayi Hain ।

Anwle Ki Kheti Ke Liye Jalwayu

आँवले की खेती के लिए जलवायु
आँवला एक शुष्क उपोष्ण (जहाँ जाड़ा एवं गर्मी स्पष्ट रूप से पड़ती है) क्षेत्र का पौधा है परन्तु इसकी खेती उष्ण जलवायु में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है। भारत में इसकी खेती समुद्र तटीय क्षेत्रों से 1800 मीटर ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सफलतापूर्वक की जा सकती है। जाड़े में आँवले के नये बगीचों में पाले का हानिकारक प्रभाव पड़ता है परन्तु एक पूर्ण विकसित आँवले का वृक्ष 0-460 सेंटीग्रेट तापमान तक सहन करने की क्षमता रखता है। गर्म वातावरण, पुष्प कलिकाओं के निकलने हेतु सहायक होता है जबकि जुलाई-अगस्त माह में अधिक आर्द्रता का वातावरण सुसुप्त छोटे फलों की वृद्धि हेतु सहायक होता है। वर्षा ऋतु में शुष्क काल में छोटे फल अधिकता में गिरते हैं तथा नए छोटे फलों के निकलने में देरी होती है।

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Anwle Ki Kheti Ke Liye Jalwayu
Anwla Ek Shushk Uposhnn (Jahan जाड़ा Aivam Garmi Spashta Roop Se Padti Hai) Shetra Ka Paudha Hai Parantu Iski Kheti Ushnn Jalwayu Me Bhi SafalTapoorvak Ki Jaa Sakti Hai । Bhaarat Me Iski Kheti Samudra Tatiya Area Se 1800 Meter Unchai Wale Area Me SafalTapoorvak Ki Jaa Sakti Hai । Jade Me Anwle Ke Naye Bagichon Me Pale Ka HaniKaarak Prabhav Padta Hai Parantu Ek Poorn Viksit Anwle Ka Vriksh 0 - 460 सेंटीग्रेट Tapaman Tak Sahan Karne Ki Shamta Rakhta Hai । Garm Watavaran , Pushp कलिकाओं Ke Nikalne Hetu Sahayak Hota Hai Jabki July - August Month Me Adhik Aadrata Ka Watavaran SuSupt Chhote Falon Ki Vridhi Hetu Sahayak Hota Hai । Varsha Ritu Me Shushk Kaal Me Chhote Fal Adhikta Me Girte Hain Tatha Naye Chhote Falon Ke Nikalne Me Deri Hoti Hai ।

Anwle Ka Upyog

आँवले का उपयोग
आँवले के पौधों के प्रत्येक भाग का आर्थिक महत्व है। इसके फलों में विटामिन 'सी' की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है। इसके अतिरिक्त इसके फल लवण, कार्बोहाइड्रेट, फास्फोरस, कैल्शियम, लोहा, रेशा एवं अन्य विटामिनों के भी धनी होते हैं। इसमें पानी 81.2%, प्रोटीन 0.50%, वसा 0.10%, रेशा 3.40%, कार्बोहाइड्रेट 14.00%, कैल्शियम 0.05%, फोस्फोरस 0.02%, लोहा 1.20 (मिली ग्रा./100 ग्रा.), विटामिन 'सी' 400-1300 (मिली ग्रा./100 ग्रा.), विटामिन 'बी' 30.00 (माइक्रो ग्रा./100 ग्रा.) पाये जाते है। भारत में औषधीय गुणों से युक्त फलों में आँवले का अत्यंत महत्व है। शायद यह फल ही एक ऐसा फल है जो आयुर्वेदिक औषधि के रूप में पूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्रयुक्त होता है। हिन्दू शास्त्र के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि तुलसी एवं आँवले के फलों से सिक्त जल से स्नान करना गंगा जल से स्नान करने के तुल्य है।
इसका फल तीक्ष्ण शीतलता दायक एवं मूत्रक और मृदुरेचक होता है। एक चम्मच आँवले के रस को यदि शहद के साथ मिला कर सेवन किया जाय तो इससे कई प्रकार के विकार जैसे क्षय रोग, दमा, खून का बहना, स्कर्वी, मधुमेह, खून की कमी, स्मरण शक्ति की दुर्बलता, कैंसर अवसाद एवं अन्य मस्तिष्क विकार एन्फ़्जलुएन्जा, ठंडक, समय से पहले बुढ़ापा एवं बालों का झड़ना एवं सफेद होने से बचा जा सकता है। प्राय: ऐसा देखा गया है कि यदि एक चम्मच ताजे आँवले का रस, एक कप करेले के रस में मिश्रित करके दो महीने तक प्राय: काल सेवन किया जाय तो प्राकृतिक इन्सुलिन का श्राव बढ़ जाता है। इस प्रकार यह मधुमेह रोग में रक्त मधु को नियंत्रित करके शरीर को स्वस्थ करता है। साथ ही रक्त की कमी, सामान्य दुर्बलता तथा अन्य कई परेशानियों से मुक्ति दिलाता है। इसका प्रतिदिन प्रात: सेवन करने से कुछ ही दिनों में शरीर में नई स्फूर्ति आती है। यदि ताजे फल प्राप्त न हों तो इसके सूखे चूर्ण को शहद के साथ मिश्रित करके सेवन किया जा सकता है। त्रिफला, च्यवनप्राश, अमृतकलश ख्याति प्राप्त स्वदेशी आयुर्वेदिक औषधियाँ हैं, जो मुख्यत: आँवले के फलों से बनायी जाती हैं। आँवला के इन्हीं गुणों के कारण इसे 'रसायन' एवं 'मेखा रसायन' (बुद्धि का विकास करने वाला) की श्रेणी में रखा गया है। आँवले के फलों का प्रयोग लिखने की स्याही एवं बाल रंगने के द्रव्य में भी किया जाता है। इसकी पत्तियों को पानी में उबालने के पश्चात उस पानी से कुल्ला करने पर मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं। ऐसा इसकी पत्तियों में विद्यमान टैनिन एवं फिनोल की अधिकता के कारण होता है। यही नहीं, आँवले के फल को यदि खाया जाय तो वह मृदुरेंचक (पेट साफ़) का कार्य करता है एवं इसकी जड़ का सेवन पीलिया रोग को दूर करने में सहायक होता है। हिन्दू पौराणिक साहित्य में आँवले एवं तुलसी की लकड़ी की माला पहनना काफी शुभ माना गया है। इस प्रकार आँवला की लकड़ी भी उपयोगी है।

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Anwle Ka Upyog
Anwle Ke Paudhon Ke Pratyek Bhag Ka Aarthik Mahatva Hai । Iske Falon Me Vitamin 'Si' Ki Atyadhik Matra Payi Jati Hai । Iske Atirikt Iske Fal Lawan , Carbohydrate , Phoshphorus , Calcium , Loha , Resha Aivam Anya विटामिनों Ke Bhi Dhani Hote Hain । Isme Pani 81.20th , Protein 0.50th , Vasa 0.100th , Resha 3.40th , Carbohydrate 14.000 , Calcium 0.050 , फोस्फोरस 0.02 , Loha 1.20 (Mili ग्रा./100 ग्रा.) , Vitamin 'Si' 400 - 1300 (Mili ग्रा./100 ग्रा.) , Vitamin 'B' 30.00 (Micro ग्रा./100 ग्रा.) Paye Jate Hai । Bhaarat Me Aushadhiy Gunnon Se Yukt Falon Me Anwle Ka Atyant Mahatva Hai । Shayad Yah Fal Hee Ek Aisa Fal Hai Jo ayurvedic Aushadhi Ke Roop Me Poorn Swasthya Ke Liye Prayukt Hota Hai । Hindu Shasatr Ke Anusaar Aisa Kahaa Jata Hai Ki Tulsi Aivam Anwle Ke Falon Se सिक्त Jal Se Snan Karna Ganga Jal Se Snan Karne Ke Tuly Hai ।
Iska Fal Teekshan Sheetalta Dayak Aivam मूत्रक Aur मृदुरेचक Hota Hai । Ek Chammach Anwle Ke Ras Ko Yadi Shahad Ke Sath Mila Kar Sevan Kiya Jaay To Isse Kai Prakar Ke Vikar Jaise Kshay Rog , Dama , Khoon Ka Bahna , Scurvy , Madhumeh , Khoon Ki Kami , Smarann Shakti Ki Durbalta , Cancer Awsad Aivam Anya Mastishk Vikar एन्फ़्जलुएन्जा , Thandak , Samay Se Pehle बुढ़ापा Aivam Balon Ka Jhadna Aivam Safed Hone Se Bacha Jaa Sakta Hai । Pray: Aisa Dekha Gaya Hai Ki Yadi Ek Chammach Taze Anwle Ka Ras , Ek Cup करेले Ke Ras Me Mishrit Karke Do Mahine Tak Pray: Kaal Sevan Kiya Jaay To Prakritik Insuline Ka श्राव Badh Jata Hai । Is Prakar Yah Madhumeh Rog Me Rakt Madhu Ko Niyantrit Karke Sharir Ko Swasth Karta Hai । Sath Hee Rakt Ki Kami , Samanya Durbalta Tatha Anya Kai परेशानियों Se Mukti Dilata Hai । Iska Pratidin Praat: Sevan Karne Se Kuch Hee Dino Me Sharir Me Naee स्फूर्ति Aati Hai । Yadi Taze Fal Prapt n Ho To Iske Sookhe Choorn Ko Shahad Ke Sath Mishrit Karke Sevan Kiya Jaa Sakta Hai । त्रिफला , Chyawanprash , अमृतकलश Khyati Prapt Swadeshi ayurvedic Aushadhiyan Hain , Jo Mukhyat: Anwle Ke Falon Se Banaayi Jati Hain । Anwla Ke Inhi Gunnon Ke Karan Ise 'Rasayan' Aivam 'मेखा Rasayan' (Buddhi Ka Vikash Karne Wala) Ki Series Me Rakha Gaya Hai । Anwle Ke Falon Ka Prayog Likhne Ki Syahi Aivam Bal Rangne Ke Dravy Me Bhi Kiya Jata Hai । Iski Pattiyon Ko Pani Me Ubalne Ke Paschaat Us Pani Se Kulla Karne Par Munh Ke Chhale Theek Ho Jate Hain । Aisa Iski Pattiyon Me Vidyaman Tenin Aivam फिनोल Ki Adhikta Ke Karan Hota Hai । Yahi Nahi , Anwle Ke Fal Ko Yadi khaya Jaay To Wah मृदुरेंचक (Pet Saaf) Ka Karya Karta Hai Aivam Iski Jad Ka Sevan Piliya Rog Ko Door Karne Me Sahayak Hota Hai । Hindu Paurannik Sahitya Me Anwle Aivam Tulsi Ki Lakadi Ki Mala Pahanna Kafi Shubh Mana Gaya Hai । Is Prakar Anwla Ki Lakadi Bhi Upyogi Hai ।

Anwla Shetra Aivam Vitarann

आँवला क्षेत्र एवं वितरण
आँवले के प्राकृतिक रूप से उगे वृक्ष भारत, श्रीलंका, क्यूबा, पोर्ट रिको, हवाई, फ्लोरिडा, ईरान, इराक, जावा, ट्रिनिडाड, पाकिस्तान, मलाया, चीन, और पनामा में पाये जाते हैं। परन्तु इसकी खेती भारतवर्ष के उत्तर प्रदेश प्रांत में ज्यादा प्रचलित है। आज कल आँवले का सघन वृक्षारोपण उत्तर प्रदेश के लवणीय एवं क्षारीय मृदाओं वाले बीहड़ एवं खादर वाले जिलों, जैसे आगरा, मथुरा, इटावा एवं फतेहपुर एवं बुन्देलखण्ड के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में सफलतापूर्वक किया जा रहा है। इसके अलावा आँवले के क्षेत्र अन्य प्रदेशों जैसे, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु के अर्ध शुष्क क्षेत्रों में, हरियाणा के अरावली क्षेत्रों में, पंजाब, उत्तरांचल एवं हिमाचल में तेजी से बढ़ रहे हैं। एक नये आंकड़े के अनुसार भारतवर्ष में आँवले का क्षेत्रफल लगभग 50,000 हेक्टेयर तथा कुल उत्पादन लगभग 1.5 लाख टन आँका गया है। झारखंड राज्य के शुष्क एवं अर्धशुष्क जिलों जैसे – लातेहार, डाल्टनगंज, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, देवधर आदि में आँवला उत्पादन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

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Anwla Shetra Aivam Vitarann
Anwle Ke Prakritik Roop Se Uge Vriksh Bhaarat , ShriLanka , Cuba , Port रिको , Hawai , Florida , Eeran , Iraq , JAVA , ट्रिनिडाड , Pakistan , Malaya , China , Aur Panama Me Paye Jate Hain । Parantu Iski Kheti BhaaratVarsh Ke Uttar Pradesh Praant Me Jyada Prachalit Hai । Aaj Kal Anwle Ka Saghan VrikshaRopann Uttar Pradesh Ke Lavanniya Aivam Shariya Mridao Wale Beehad Aivam Khadar Wale Zilon , Jaise Agra , Mathura , Itawa Aivam Fatehpur Aivam Bundelkhand Ke Ardh Shushk Area Me SafalTapoorvak Kiya Jaa Raha Hai । Iske ALava Anwle Ke Shetra Anya Pradeshon Jaise , Maharashtra , Gujarat , Rajasthan , Andhrapradesh , Karnataka , Tamilnadu Ke Ardh Shushk Area Me , Hariyana Ke Aravali Area Me , Punjab , Uttaranchal Aivam Himachal Me Teji Se Badh Rahe Hain । Ek Naye Ankde Ke Anusaar BhaaratVarsh Me Anwle Ka Shetrafal Lagbhag 50 , 000 Hectare Tatha Kul Utpadan Lagbhag 1.5 Lakh Ton आँका Gaya Hai । Jharkhand Rajya Ke Shushk Aivam अर्धशुष्क Zilon Jaise - लातेहार , डाल्टनगंज , चतरा , Kodarma , Giridih , Devdhar Aadi Me Anwla Utpadan Ki Apaar Sambhavanayein Maujood Hain ।

Anwla Ki Kheti

आंवला की खेती

सामान्य जानकारी: आँवला युफ़ोरबिएसी परिवार का पौधा है। यह भारतीय मूल का एक महत्वपूर्ण फल है। भारत केविभिन्न क्षेत्रों में इसे विभिन्न नामों, जैसे, हिंदी में 'आँवला', संस्कृत में 'धात्री' या 'आमलकी', बंगाली एवं उड़ीया में, 'अमला' या 'आमलकी', तमिल एवं मलयालम में, 'नेल्ली', तेलगु में 'अमलाकामू, गुरुमुखी में, 'अमोलफल', तथा अंग्रेजी में 'ऐम्बलिक', 'माइरोबालान' या इंडियन गूजबेरी के नाम से जाना जाता है। अपने अद्वितीय औषधीय एवं पोषक गुणों के कारण, भारतीय पौराणिक साहित्य जैसे वेद, स्कन्दपुराण, शिवपुराण, पदमपुराण, रामायण, कादम्बरी, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता में इसका वर्णन मिलता है। महर्षि चरक ने इस फल को जीवन दात्री अथवा अमृतफल के समान लाभकारी माना है। अतः इसे अमृत फल तथा कल्प वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। आँवले की विशेषतायें हैं, प्रति इकाई उच्च उत्पादकता (15-20 टन/हेक्टेयर), विभिन्न प्रकार की भूमि (ऊसर, बीहड़, खादर, शुष्क, अर्धशुष्क, कांडी, घाड़) हेतु उपयुक्तता, पोषण एवं औषधीय (विटामिन सी, खनिज, फिनॉल, टैनिन) गुणों से भरपूर तथा विभिन्न रूपों में (खाद्य, प्रसाधन, आयुर्वेदिक) उपयोग के कारण आँवला 21वी सदी का प्रमुख फल हो सकता है। धर्म परायण हिन्दू इसके फलों एवं वृक्ष को अत्यंत पवित्र मानते हैं तथा इसका पौराणिक महत्व भी है। ऐसा कहा जाता है कि यदि कार्तिक मास में इसके वृक्ष के नीचे बैठ कर विष्णु की पूजा की जाये तो स्वर्ग की प्राप्ति होती है। यदि तुलसी का पौधा नहीं मिले तो भगवान विष्णु की पूजा आँवले के वृक्ष के नीचे बैठ कर की जा सकती है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि आँवले के वृक्ष के नीचे पिण्ड दान करने से पितरों को मुक्ति प्राप्त होती है। हिन्दू धर्म के अनुसार कार्तिक मास में कम से कम एक दिन आँवले के वृक्ष के नीचे भोजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जब इसके फल परिपक्व होते है। हिन्दू धर्म के अनुसार आँवले के फल का लगातार 40 दिनों तक सेवन करते रहने वाले व्यक्ति में नई शारीरिक स्फूर्ति आती है तथा कायाकल्प हो जाता है।

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Anwla Ki Kheti

Samanya Jankari: Anwla युफ़ोरबिएसी Pariwar Ka Paudha Hai । Yah Bharateey Mool Ka Ek Mahatvapurnn Fal Hai । Bhaarat केविभिन्न Area Me Ise Vibhinn Namo , Jaise , Hindi Me 'Anwla' , Sanskrit Me 'धात्री' Ya 'आमलकी' , Bangali Aivam उड़ीया Me , 'अमला' Ya 'आमलकी' , Tamil Aivam Malayalam Me , 'नेल्ली' , तेलगु Me 'अमलाकामू , Gurumukhi Me , 'अमोलफल' , Tatha Angreji Me 'ऐम्बलिक' , 'माइरोबालान' Ya Indian गूजबेरी Ke Naam Se Jana Jata Hai । Apne Advitiya Aushadhiy Aivam Poshak Gunnon Ke Karan , Bharateey Paurannik Sahitya Jaise Ved , स्कन्दपुराण , शिवपुराण , पदमपुराण , Ramayann , kadambari , Charak Sanhita , सुश्रुत Sanhita Me Iska Varnnan Milta Hai । Maharshi Charak ne Is Fal Ko Jeevan दात्री Athvaa अमृतफल Ke Saman Labhkari Mana Hai । Atah: Ise Amrit Fal Tatha Kalp Vriksh Ke Naam Se Bhi Jana Jata Hai । Anwle Ki विशेषतायें Hain , Prati Ikai Uchh Utpadakta (15 - 20 Ton/Hectare) , Vibhinn Prakar Ki Bhumi (Oosar , Beehad , Khadar , Shushk , अर्धशुष्क , कांडी , घाड़) Hetu Upyuktata , Poshnn Aivam Aushadhiy (Vitamin Si , Khanij , Phenol , Tenin) Gunnon Se Bharpoor Tatha Vibhinn Roopo Me (Khadya , Prasadhan , ayurvedic) Upyog Ke Karan Anwla 21वी Sadee Ka Pramukh Fal Ho Sakta Hai । Dharm परायण Hindu Iske Falon Aivam Vriksh Ko Atyant Pavitra Mante Hain Tatha Iska Paurannik Mahatva Bhi Hai । Aisa Kahaa Jata Hai Ki Yadi Kartik Maas Me Iske Vriksh Ke Niche Baith Kar Vishnnu Ki Pooja Ki Jaye To Swarg Ki Prapti Hoti Hai । Yadi Tulsi Ka Paudha Nahi Mile To Bhagwan Vishnnu Ki Pooja Anwle Ke Vriksh Ke Niche Baith Kar Ki Jaa Sakti Hai । Hindu Dharm Me Aisi Manyata Hai Ki Anwle Ke Vriksh Ke Niche Pind Dan Karne Se Pitaron Ko Mukti Prapt Hoti Hai । Hindu Dharm Ke Anusaar Kartik Maas Me Kam Se Kam Ek Din Anwle Ke Vriksh Ke Niche Bhojan Karna Atyant Shubh Mana Jata Hai , Jab Iske Fal Paripakw Hote Hai । Hindu Dharm Ke Anusaar Anwle Ke Fal Ka Lagataar 40 Dino Tak Sevan Karte Rehne Wale Vyakti Me Naee Sharirik स्फूर्ति Aati Hai Tatha कायाकल्प Ho Jata Hai ।

Wednesday, 13 September 2017

Janani Shishu Surakshaa Karyakram (JSSY)

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसवाई)

नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य की सुविधाएं न मिलने के कारण मृत्यु की समस्या का निवारण करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने (जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम) एक जून 2011 को गर्भवती महिलाओं तथा रूग्ण नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए शुरू किया था। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों योजना के क्रियान्वयन शुरू कर दी है। इस योजना के अंतर्गत मुफ्त सेवा प्रदान करने पर बल दिया गया है। इसमें गर्भवती महिलाओं तथा रूग्ण नवजात शिशुओं को खर्चों से मुक्त रखा गया है।
इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाएं को मुफ्त दवाएं एवं खाद्य, मुफ्त इलाज, जरूरत पड़ने पर मुफ्त खून दिया जाना, सामान्य प्रजनन के मामले में तीन दिनों एवं सी-सेक्शन के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषाहार दिया जाता है। इसमें घर से केंद्र जाने एवं वापसी के लिए मुफ्त यातायात सुविधा प्रदान की जाती है। इसी प्रकार की सुविधा सभी बीमार नवजात शिशुओं के लिए दी जाती है। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हर साल लगभग एक करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को योजना का लाभ मिला है।
इस कार्यक्रम में प्रसुताओं को मिलने वाली सुविधाएँ
1. निःशुल्क संस्थागत प्रसव - जननी सुरक्षा कार्यक्रम की शुरूआत यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि प्रत्येक गर्भवती महिला तथा एक माह तक रूग्ण नवजात शिशुओं को बिना किसी लागत तथा खर्चे के स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती है ।
2. आवश्यकता पड़ने पर निःशुल्क सीजेरियन ऑपरेशन - जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में मुफ्त प्रजनन सुविधाएं (सीजेरियन ऑपरेशन समेत) उपलब्ध करायी जाती हैं।
3. निःशुल्क दवाईयां एवं आवश्यक सामग्री- गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में दवाएं दी जाती हैं इनमें आयरन फॉलिक अम्ल जैसे सप्लीमेंट भी शामिल हैं।
4. निःशुल्क जाँच सुविधाएँ - इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को खून, पेशाब की जांच, अल्ट्रा-सोनोग्राफी आदि अनिवार्य और वांछित जांच भी मुफ्त कराई जाती है।
5. निःशुल्क भोजन - सेवा केंद्रों में सामान्य डिलीवरी होने पर तीन दिन तथा सीजेरियन डिलीवरी के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषाहार दिया जाता है । जन्म से 30 दिनों तक रूग्ण नवजात शिशु हेतु सभी दवाएं और अपेक्षित खाद्य मुफ्त में मुहैया कराया जाता है ।
6. निःशुल्क रक्त सुविधा- आवश्यकता पड़ने पर मुफ्त खून भी दिया जाता है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत ओपीडी फीस एवं प्रवेश प्रभारों के अलावा अन्य प्रकार के खर्चे करने से मुक्त रखा गया है।
7. निःशुल्क वाहन सुविधा- घर से केंद्र जाने और आने के लिए भी मुफ्त में वाहन सुविधा दी जाती है ।
जन्म के 30 दिन तक नवजात शिशु को मिलने वाली सुविधाएँ
इस कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र में प्रजनन कराने से माता के साथ-साथ शिशु की भी सुरक्षा रहती है । जो इस प्रकार से हैं-
1. निःशुल्क ईलाज
2. निःशुल्क दवाईयां एवं आवश्यक सामग्री
3. निःशुल्क जाँच सुविधाएँ
4. निःशुल्क रक्त सुविधा- माता के साथ-साथ नवजात शिशु की भी मुफ्त जांच की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर मुफ्त में खून भी दिया जाता है ।
5. निःशुल्क रेफरल सुविधाएँ/आवश्यक ट्रांसपोर्ट सेवाएँ
6. व्यय में छूट (यूजर चार्जेज), रूग्ण नवजात शिशुओं पर खर्चा कम करना पड़ता है ।
जननी शिशु सुरक्षा योजना की विशेषताएं
योजना के तहत गर्भवती महिला, जननी व नवजात शिशु लाभान्वित होंगे। सभी को सरकारी चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी। जिसमें संस्थागत प्रसव, सिजेरियन ऑपरेशन, दवाईयां व अन्य सामग्री, लैब जांच, भोजन, ब्लड एवं रेफरल ट्रांसपोर्ट पूर्णत: निःशुल्क रहेंगे। कार्यक्रम शुरू करने का मुख्य उद्देश्य मातृ मृत्यु दर तथा शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाना है। योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को राजकीय चिकित्सा संस्थानों में प्रसव कराने पर प्रसव संबंधी पूर्ण व्यय का वहन, प्रसवपूर्व, प्रसव के दौरान व प्रसव पश्चात दवाईयां व अन्य कंज्युमेबल्स निःशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। जांच भी निःशुल्क होगी। संस्थागत प्रसव होने पर तीन दिन तथा सिजेरियन ऑपरेशन होने पर सात दिन निःशुल्क भोजन दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाएँ इस प्रकार हैं-
1. गर्भवती महिलाओं तथा रूग्ण नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी ।
2. इस योजना के अंतर्गत बिना व्यय की सेवा प्रदान करने पर जोर दिया गया है । इससे गर्भवती महिलाओं को प्रजनन व्यय की चिंता से वे मुक्त होगी ।
3. गर्भवती महिलाएं को मुफ्त दवाएं एवं खाद्य, मुफ्त इलाज, जरूरत पड़ने पर मुफ्त खून दिया जायेगा ।
4. सामान्य प्रजनन के मामले में तीन दिनों एवं सी-सेक्शन के मामले में सात दिनों तक मुफ्त पोषणहार दिया जायेगा ।
5. इस योजना के अंतर्गत घर से केंद्र जाने एवं वापसी के लिए मुफ्त यातायात सुविधा प्रदान की जाएगी । इसी प्रकार की सुविधा सभी बीमार नवजात शिशुओं के लिए दी जाती है।
6. इस कार्यक्रम से मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) एवं शिशु मृत्यु दर काफी हद तक कम हुई है, इसमें और सुधार किए जाने की आवश्यकता है ।
7. वर्ष 2005 में शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के बाद संस्थागत शिशु जन्म में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है ।

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Janani Shishu Surakshaa Karyakram (JSSY)

Navjat Shisuon Ko Swasthya Ki Suvidhayein n Milne Ke Karan Mrityu की समस्या Ka Niwaran Karne Ke Liye Swasthya Aivam Pariwar Kalyann Mantralaya ne (Janani Shishu Surakshaa Karyakram) Ek June 2011 Ko Garbhwati Mahilaon Tatha Rugn Navjat Shisuon Ko Behtar Swasthya Suvidhayein Pradan Karne Ke Liye Shuru Kiya Tha । Sabhi Rajyon Aur Kendra Shashit Pradeshon Yojana Ke Kriyanvayan Shuru Kar Dee Hai । Is Yojana Ke Antargat Muft Sewa Pradan Karne Par Bal Diya Gaya Hai । Isme Garbhwati Mahilaon Tatha Rugn Navjat Shisuon Ko Kharchon Se Mukt Rakha Gaya Hai ।
Is Yojana Ke Tahat , Garbhwati Mahilayein Ko Muft dawayein Aivam Khadya , Muft Ilaaj , Jarurat Padne Par Muft Khoon Diya Jana , Samanya Prajanan Ke Mamale Me Teen Dino Aivam Si - Section Ke Mamale Me Saat Dino Tak Muft Poshahar Diya Jata Hai । Isme Ghar Se Kendra Jane Aivam vaapasi Ke Liye Muft Yatayat Suvidha Pradan Ki Jati Hai । Isi Prakar Ki Suvidha Sabhi Bimar Navjat Shisuon Ke Liye Dee Jati Hai । Is Karyakram Ke Tahat Gramin Aivam Sahari Area Me Har Sal Lagbhag Ek Crore Se Adhik Garbhwati Mahilaon Aivam Navjat Shisuon Ko Yojana Ka Labh Mila Hai ।
Is Karyakram Me Prasutaon Ko Milne Wali Suvidhayein
1. Ni:shulk Sansthagat Prasav - Janani Surakshaa Karyakram Ki Shurooaat Yah Sunishchit Karne Ke Liye Ki Gayi Hai Ki Pratyek Garbhwati Mahila Tatha Ek Month Tak Rugn Navjat Shisuon Ko Bina Kisi Lagat Tatha Kharche Ke Swasthya Sewayein Pradan Ki Jati Hai ।
2. Aavashyakta Padne Par Ni:shulk Cesarean Operation - Janani Shishu Surakshaa Karyakram Ke Antargat Sarakari Swasthya Kendro Me Muft Prajanan Suvidhayein (Cesarean Operation Samet) Uplabdh Karayi Jati Hain ।
3. Ni:shulk dawaiyan Aivam Awashyak Samagri - Garbhwati Mahilaon Ko Muft Me dawayein Dee Jati Hain Inme Iron Follic Aml Jaise Supplement Bhi Shamil Hain ।
4. Ni:shulk Janch Suvidhayein - Iske Sath Hee Garbhwati Mahilaon Ko Khoon , Peshab Ki Janch , ultra - Sonography Aadi Anivarya Aur vanchit Janch Bhi Muft Karayi Jati Hai ।
5. Ni:shulk Bhojan - Sewa Kendro Me Samanya Delivery Hone Par Teen Din Tatha Cesarean Delivery Ke Mamale Me Saat Dino Tak Muft Poshahar Diya Jata Hai । Janm Se 30 Dino Tak Rugn Navjat Shishu Hetu Sabhi dawayein Aur Apekshit Khadya Muft Me Muhaiya Karaya Jata Hai ।
6. Ni:shulk Rakt Suvidha - Aavashyakta Padne Par Muft Khoon Bhi Diya Jata Hai । Janani Shishu Surakshaa Karyakram Ke Antargat OPD Fees Aivam Pravesh Prabharon Ke ALava Anya Prakar Ke Kharche Karne Se Mukt Rakha Gaya Hai ।
7. Ni:shulk Wahan Suvidha - Ghar Se Kendra Jane Aur Ane Ke Liye Bhi Muft Me Wahan Suvidha Dee Jati Hai ।
Janm Ke 30 Din Tak Navjat Shishu Ko Milne Wali Suvidhayein
Is Karyakram Ke Antargat Kendra Me Prajanan Karane Se Mata Ke Sath - Sath Shishu Ki Bhi Surakshaa Rehti Hai । Jo Is Prakar Se Hain -
1. Ni:shulk Ilaj
2. Ni:shulk dawaiyan Aivam Awashyak Samagri
3. Ni:shulk Janch Suvidhayein
4. Ni:shulk Rakt Suvidha - Mata Ke Sath - Sath Navjat Shishu Ki Bhi Muft Janch Ki Jati Hai Aur Aavashyakta Padne Par Muft Me Khoon Bhi Diya Jata Hai ।
5. Ni:shulk Referral Suvidhayein/Awashyak Transport Sewayein
6. Vyay Me Chhoot (User Charges) , Rugn Navjat Shisuon Par Kharcha Kam Karna Padta Hai ।
Janani Shishu Surakshaa Yojana Ki Visheshtayein
Yojana Ke Tahat Garbhwati Mahila , Janani Wa Navjat Shishu Labhanvit Honge । Sabhi Ko Sarakari Chikitsa Sansthanon Me Swasthya Sewayein Ni:shulk Uplabdh Karwai Jayengi । Jisme Sansthagat Prasav , Cesarean Operation , dawaiyan Wa Anya Samagri , Lab Janch , Bhojan , Blood Aivam Referral Transport Purnnt: Ni:shulk Rahenge । Karyakram Shuru Karne Ka Mukhya Uddeshya Matri Mrityu Dar Tatha Shishu Mrityu Dar Me Bhi Kami Lana Hai । Yojana Ke Tahat Sabhi Garbhwati Mahilaon Ko Rajkiya Chikitsa Sansthanon Me Prasav Karane Par Prasav Sambandhi Poorn Vyay Ka Vahan , PrasavPoorv , Prasav Ke Dauran Wa Prasav Paschaat dawaiyan Wa Anya Consumables Ni:shulk Uplabdh Karwaye Jayenge । Janch Bhi Ni:shulk Hogi । Sansthagat Prasav Hone Par Teen Din Tatha Cesarean Operation Hone Par Saat Din Ni:shulk Bhojan Diya Jayega ।
Is Karyakram Ke Antargat Milne Wali Swasthya Sewayein Is Prakar Hain -
1. Garbhwati Mahilaon Tatha Rugn Navjat Shisuon Ko Behtar Swasthya Suvidhayein Pradan Ki Jayegi ।
2. Is Yojana Ke Antargat Bina Vyay Ki Sewa Pradan Karne Par Jor Diya Gaya Hai । Isse Garbhwati Mahilaon Ko Prajanan Vyay Ki Chinta Se Ve Mukt Hogi ।
3. Garbhwati Mahilayein Ko Muft dawayein Aivam Khadya , Muft Ilaaj , Jarurat Padne Par Muft Khoon Diya Jayega ।
4. Samanya Prajanan Ke Mamale Me Teen Dino Aivam Si - Section Ke Mamale Me Saat Dino Tak Muft PoshanHaar Diya Jayega ।
5. Is Yojana Ke Antargat Ghar Se Kendra Jane Aivam vaapasi Ke Liye Muft Yatayat Suvidha Pradan Ki Jayegi । Isi Prakar Ki Suvidha Sabhi Bimar Navjat Shisuon Ke Liye Dee Jati Hai ।
6. Is Karyakram Se Matri Mrityu Dar (MMR) Aivam Shishu Mrityu Dar Kafi Had Tak Kam Hui Hai , Isme Aur Sudhar Kiye Jane Ki Aavashyakta Hai ।
7. Varsh 2005 Me Shuru Ki Gayi Janani Surakshaa Yojana (JSSY) Ke Baad Sansthagat Shishu Janm Me Ullekhaniy Vridhi Hui Hai ।

Thursday, 20 July 2017

1857 Ki Kranti Kuch Mahatvapurnn Tathya Yah Bhaarat Me Mahabahrat Ke

1857 की क्रांति कुछ महत्वपूर्ण तथ्य


यह भारत में महाभारत के बाद लड़ा गया सबसे बडा युद्ध था। इस संग्राम की मूल प्रेरणा स्वधर्म की रक्षा के लिये स्वराज की स्थापना करना था। यह स्वाधीनता हमें बिना संघर्ष, बिना खड़ग-ढ़ाल के नहीं मिली, लाखों व्यक्तियों द्वारा इस महायज्ञ में स्वयं की आहुति देने से मिली है।

लार्ड डलहौजी ने 10 साल के अन्दर भारत की 21 हजार जमींदारियां जब्त कर ली और हजारों पुराने घरानों को बर्बाद कर दिया।

ब्रितानियों ने अपने अनुकूल नवशिक्षित वर्ग तैयार किया तथा भारतीय शिक्षा पर द्विसूत्रीय शिक्षा प्रणाली लागू की ताकि ये लोग ब्रितानी सरकार को चलाने में मदद कर सके।

ब्रिटिश सरकार ने 1834 में सभी स्कूलों में बाइबिल का अध्ययन अनिवार्य बना दिया क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी के सभी अधिकारी सामान्यत: अपने व्यापारिक काम के साथ-साथ ईसाई मत का प्रचार करते हुए लोगों को धर्मांतरित करना अपना धार्मिक कर्तव्य मानते थे।

विश्व में चित्तौड ही एक मात्र वह स्थान है, जहाँ 900 साल तक आजादी की लड़ाई लड़ी गई।

भारत में ब्रिटिश सरकार के शासन काल के समय जहां-जहां ब्रितानियों का राज था वहाँ आम लोग उनके सामने घुड़सवारी नहीं कर पाते थे।

क्रांति के समय प्रत्येक गाँव में रोटी भेजी जाती थी जिसे सब मिलकर खाते व क्रांति का संकल्प करते थे। कई रोटियाँ बनकर आस पास के गाँवो में जाती। सिपाहियों के पास कमल के फ़ूल जाते व हर सैनिक इसे हाथ में लेकर क्रांति की शपथ लेता था।

दिल्ली पर चारों तरफ़ से ब्रितानियों ने हमला किया जिसमें पहले ही दिन उनके तीन मोर्चों के प्रमुख कमांडर भयंकर रू प से घायल हुए, 66 अधिकारी व 404 जवान मृत हुए।

बनारस के आसपास जनरल नील ने बदले की भावना से भयंकर अत्याचार किए। हजारों लोगों को फ़ांसी देना, गाँव जलाकर लोगों को जिन्दा जलाना जैसे कई प्रकार के अत्याचार किए। वे बड़े वृक्ष की हर डाली पर लोगों को फ़ांसी पर लटकाते चले गये।

24 जुलाई को क्रांतिकारी पीर अली को ब्रितानियों ने पटना में फ़ांसी देते ही दानापुर की पलटन ने संग्राम प्रारम्भ कर दिया। उन्होंने जगदीशपुर के 80 साल के वयोवृद्ध राजपूत कुंवरसिंह को अपना नेता बनाया। कुंवरसिंह ने इस उम्र में जिस तरह से कई लड़ाईयां लड़ी वह वास्तव में प्रेरणादायी है। उनकी प्रेरणा से पटना आरा, गया, छपरा, मोतीहरी, मुज्जफ़रनगर आदि स्थानों पर भी क्रांति हो पाई थी।

भारत के वीर सेनानी तांत्या टोपे को ब्रितानियों ने 7 अप्रेल 1859 की सुबह गिरफ़्तार किया और 15 अप्रैल को ग्वालियर के निकट शिवपुरी में सैनिक न्यायालय में मुकदमे का नाटक किया गया और उनको फ़ांसी देने की घोषणा की गई। 18 अप्रैल 1859 को शाम 7 बजे उन्होंने वीर योद्धा की तरह खुद ही अपनी गर्दन फ़ांसी के फंदे में डाली व अनंत यात्रा पर निकल पडे।

यह बात सरासर झूठ है कि 1857 की क्रांति केवल सिपाही विद्रोह था क्योंकि शहीद हुए 3 लाख लोगों में आधे से ज्यादा आम लोग थे। जब इतनी बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं तो वह विद्रोह नहीं बल्कि क्रांति या संग्राम कहलाता है।

केवल दिल्ली में 27,000 लोगों को फ़ांसी दी ग़यी।

भगवा, विरसा मुंडा जैसे कई जनजाति नेता, क्रांतिकारी वसुदेव, बलदेव फड़के से लेकर सावरकर, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे कई दीवाने एवं सुभाष की आजाद हिन्द फ़ौज तथा गाँधीजी का अहिंसक आंदोलन आदि सभी ने इसी 1857 की क्रांति से प्रेरणा पाई थी।

इस क्रांति के समय मुम्बई में 1213, बंगाल में 1994, मद्रास में 1044 सैनिकों के कोर्ट मार्शल किये गये थे।

इस आंदोलन में तीन लाख से भी अधिक लोग शहीद हुए, अकेले अवध में 1 लाख 20 हजार लोगों ने अपनी आहुति दी थी। लखनऊ में 20 हजार, इलाहबाद में 6000 लोगों को ब्रितानियों ने सरेआम कत्ल किया था।

1857 के स्वाधीनता संग्राम के बाद 1857 में ईस्ट इंडिया कम्पनी के 100 पॉन्ड की कीमत का शेयर 10000 पॉन्ड में खरीदकर ब्रिटिश सरकार ने भारत पर अपना अधिकार कर लिया था।

1857 Ki Kranti Kuch Mahatvapurnn Tathya


Yah Bhaarat Me Mahabahrat Ke Baad Lada Gaya Sabse Bada Yudhh Tha । Is Sangram Ki Mool Prerna Swadharm Ki Raksha Ke Liye SwaRaj Ki Sthapanaa Karna Tha । Yah Swadheenta Hamein Bina Sangharsh , Bina Khadag - Dhal Ke Nahi Mili , Lacs Vyaktiyon Dwara Is MahaYagya Me Swayam Ki Aahuti Dene Se Mili Hai ।

Lord Dalhauji ne 10 Sal Ke Andar Bhaarat Ki 21 Hazar Jameendariyan Jabt Kar Lee Aur HaJaron Purane gharanon Ko BarBaad Kar Diya ।

Britanian ne Apne Anukool NavShikshit Warg Taiyaar Kiya Tatha Indian Shiksha Par DwiSutreey Shiksha Pranali Lagu Ki Taki Ye Log Britani Sarkaar Ko Chalane Me Madad Kar Sake ।

British Sarkaar ne 1834 Me Sabhi Schools Me Bible Ka Adhyayan Anivarya Banaa Diya Kyonki East India Company Ke Sabhi Adhikari Samanyatah: Apne Vyaparik Kaam Ke Sath - Sath Isai Mat Ka Prachar Karte Hue Logon Ko Dharmantarit Karna Apna Dharmik Kartvya Mante The ।

Vishwa Me Chittaud Hee Ek Matra Wah Sthan Hai , Jahan 900 Sal Tak Aajadi Ki Ladai Ladi Gayi ।

Bhaarat Me British Sarkaar Ke Shashan Kaal Ke Samay Jahan - Jahan Britanian Ka Raj Tha Wahan Aam Log Unke Samne GhudSawari Nahi Kar Pate The ।

Kranti Ke Samay Pratyek Village Me Roti Bheji Jati Thi Jise Sab Milkar Khate Wa Kranti Ka SanKalp Karte The । Kai Rotiyan Bankar Aas Paas Ke Ganvo Me Jati । Sipahiyon Ke Paas Kamal Ke Fool Jate Wa Har Sainik Ise Hath Me Lekar Kranti Ki Sapath Leta Tha ।

Delhi Par Charo Taraf Se Britanian ne Hamla Kiya Jisme Pehle Hee Din Unke Teen Morchon Ke Pramukh Commander Bhayankar Roo प Se Ghayal Hue , 66 Adhikari Wa 404 Jawan Mrita Hue ।

Banaras Ke AasPaas General Neel ne Badle Ki Bhawna Se Bhayankar Atyachar Kiye । HaJaron Logon Ko Fansi Dena , Village Jalakar Logon Ko Jinda Jalana Jaise Kai Prakar Ke Atyachar Kiye । Ve Bade Vriksh Ki Har Dali Par Logon Ko Fansi Par Latkate Chale Gaye ।

24 July Ko Krantikari Peer Ali Ko Britanian ne Patana Me Fansi Dete Hee DanaPur Ki Paltan ne Sangram Prarambh Kar Diya । Unhonne Jagadishpur Ke 80 Sal Ke VayoVridhh Rajput Kunvarsingh Ko Apna Neta Banaya । Kunvarsingh ne Is Umra Me Jis Tarah Se Kai Ladaiyan Ladi Wah Wastav Me PrernaDayi Hai । Unki Prerna Se Patana Aara , Gaya , Chhapra , MotiHari , MuzaffarNagar Aadi Sthano Par Bhi Kranti Ho Pai Thi ।

Bhaarat Ke Veer Senani Tantya Tope Ko Britanian ne 7 April 1859 Ki Subah Giraftaar Kiya Aur 15 April Ko Gwalior Ke Nikat Shivpuri Me Sainik Nyayalaya Me Mukadme Ka Natak Kiya Gaya Aur Unko Fansi Dene Ki Ghoshna Ki Gayi । 18 April 1859 Ko Sham 7 Baje Unhonne Veer Yoddha Ki Tarah Khud Hee Apni Gardan Fansi Ke Fande Me Dali Wa Anant Yatra Par Nikal Pade ।

Yah Baat Sarasar Jhooth Hai Ki 1857 Ki Kranti Kewal Sipahi Vidroh Tha Kyonki Shahid Hue 3 Lakh Logon Me Adhe Se Jyada Aam Log The । Jab Itni Badi Sankhya Me Log Shamil Hote Hain To Wah Vidroh Nahi Balki Kranti Ya Sangram Kehlata Hai ।

Kewal Delhi Me 27 , 000 Logon Ko Fansi Dee Gayi ।

Bhagwa , Virsa Munda Jaise Kai JanJati Neta , Krantikari Vasudev , Baldev Fadke Se Lekar Sawarkar , chandrashekhar Azad , Bhagat Singh Jaise Kai Deewane Aivam Subhash Ki Azad Hind Fauj Tatha Gandhiji Ka AHinsak Andolan Aadi Sabhi ne Isi 1857 Ki Kranti Se Prerna Pai Thi ।

Is Kranti Ke Samay Mumbai Me 1213 , Bangal Me 1994 , Madras Me 1044 Sainiko Ke Court Marshal Kiye Gaye The ।

Is Andolan Me Teen Lakh Se Bhi Adhik Log Shahid Hue , Akele Avadh Me 1 Lakh 20 Hazar Logon ne Apni Aahuti Dee Thi । Lucknow Me 20 Hazar , Ilahbaad Me 6000 Logon Ko Britanian ne SareAam Katl Kiya Tha ।

1857 Ke Swadheenta Sangram Ke Baad 1857 Me East India Company Ke 100 Pond Ki Keemat Ka Share 10000 Pond Me KhareedKar British Sarkaar ne Bhaarat Par Apna Adhikar Kar Liya Tha ।

Wednesday, 12 July 2017

Indian Shahar Ahmedabad Ko 08 July 2017 UNESCO Dwara Bhaarat Ki Pehli

भारतीय शहर अहमदाबाद को 08 जुलाई 2017 को यूनेस्को द्वारा भारत की पहली वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के रूप में मान्यता प्रदान की गयी. यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के 41वें सेशन में इसे भारत के पहले वैश्विक धरोहर वाले शहर के रूप में मान्यता दी गई.इसी श्रेणी में विश्व के अन्य शहरों जैसे पेरिस, एडिनबर्ग, गाले (श्रीलंका) कायरो एवं कुछ अन्य शहर शामिल हैं। अहमदाबाद के नाम पर 20 से अधिक देशों ने सहमति प�
��रकट की. अहमदाबाद को तुर्की, लेबनान, ट्यूनीशिया, पुर्तगाल, पेरू, कजाकिस्तान, वियतनाम, फिनलैंड, अज़रबैजान, जामैका, क्रोएशिया, ज़िम्बाब्वे, तंजानिया, दक्षिण कोरिया, अंगोलम और क्यूबा जैसे देशों ने समर्थन दिया.इन देशों द्वारा कहा गया कि अहमदाबाद में हिन्दू, मुस्लिम तथा जैन समुदाय के लोग मिलजुल कर रहते हैं इसलिए इसे वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल किया जाना चाहिए. वर्ष 2011 में अह�
�दाबाद को यूनेस्को की संभावित सूची में डाला गया था.अहमदाबाद के नगर निगम आयुक्त, मुकेश कुमार के अनुसार इस शहर में 2600 से अधिक विरासत स्थल हैं जिसमें से लगभग 24 शहरों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संरक्षित किया गया है। <br/> <br/> अहमदाबाद
    अहमदाबाद की स्थापना सुल्तान अहमद शाह द्वारा 15वीं सदी में साबरमती नदी के किनारे की गयी थी.
    यूनेस्को द्वारा बताया गया कि यह शहर वास्तुकला का शानदार नमूना प्रस्तुत करता है जिसमें छोटे किले, क़िलेबंद शहर की दीवारों और दरवाज़ों के साथ कई मस्जिदों और मकबरे दर्शनीय स्थलों में शामिल हैं।
    भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अहमदाबाद प्रमुख शिविर आधार रहा है। इसी शहर में महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की और स्वुतंत्रता संघर्ष से जुड़ें अनेक आन्दोमलन की शुरुआत भी यहीं से हुई थी.
    पश्चिम भारत में बसा ये शहर, समुद्र से 174 फ़ुट की ऊंचाई पर स्थित है। शहर में कंकरिया और वस्त्रापुर तालाब दो झीलें हैं। <br/> विश्व धरोहर स्थलइसे मानवता के लिए ऐसे महत्वपूर्ण स्थानों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिन्हें आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना आवश्यक है। ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण की पहल यूनेस्को द्वारा की गयी. इस संबंध में एक अंतरराष्ट्रीय संधि क�
� गयी जो कि विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर संरक्षण को बल देती है। इसे वर्ष 1972 में लागू किया गया. इसके अंतर्गत तीन श्रेणियां आती हैं – प्राकृतिक धरोहर स्थल – ऐसे भौतिक या भौगोलिक प्राकृतिक स्थान जो भौतिक और भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत सुंदर या वैज्ञानिक महत्व के हों तथा यहां पाए जाने वाले जीव-जन्तु विलुप्ति के कगार पर खड़े हों. इस प्रकार के स्थानों को प्राकृतिक धरोहर स्थल के
रूप में जाना जाता है।सांस्कृतिक धरोहर स्थल - इस श्रेणी की धरोहर में स्मारक, स्थापत्य की इमारतें, मूर्तिकारी, चित्रकारी, स्थापत्य की झलक वाले, शिलालेख, गुफा आवास और वैश्विक महत्व वाले स्थान, इमारतों का समूह, अकेली इमारतें या आपस में संबंधित इमारतों का समूह, स्थापत्य में किया मानव का काम या प्रकृति और मानव के संयुक्त प्रयास का प्रतिफल, जो कि ऐतिहासिक, सौंदर्य, जातीय, मानवविज्ञान य�
�� वैश्विक दृष्टि से महत्व की हो, शामिल की जाती हैं।मिश्रित धरोहर स्थल - इस श्रेणी के अंतर्गत् वह धरोहर स्थल आते हैं जो कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों ही रूपों में महत्वपूर्ण होती हैं।यूनेस्को द्वारा घोषित किये गये भारतीय विश्व धरोहर स्थल हैं - <br/> काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क (1985) केवलादेव राष्ट्रीय पार्क (1985) मानस वन्यजीव सेंक्चुरी (1985) नंदा देवी (1988) तथा फूलों की घाटी (2005),सुदरबन राष्�
��्रीय पार्क (1987) <br/>


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Who: अहमदाबाद
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Where: यूनेस्को
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What: वर्ल्ड हेरिटेज सिटी
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When: 08 जुलाई 2017
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Indian Shahar Ahmedabad Ko 08 July 2017 Ko UNESCO Dwara Bhaarat Ki Pehli World Heritable City Ke Roop Me Manyata Pradan Ki Gayi. UNESCO World Heritable कमिटी Ke 41वें Session Me Ise Bhaarat Ke Pehle Vaishwik Dharohar Wale Shahar Ke Roop Me Manyata Dee Gayi.Isi Series Me Vishwa Ke Anya Shaharon Jaise Paris , एडिनबर्ग , गाले (ShriLanka) कायरो Aivam Kuch Anya Shahar Shamil Hain । Ahmedabad Ke Naam Par 20 Se Adhik Deshon ne Sahmati Prakat Ki. Ahmedabad Ko Turkey , Lebanon , Tunisia , Purtgal , Peru , Kajakistan , Vietnam , Finland , Azerbaijan , जामैका , Croatia , ज़िम्बाब्वे , Tanzania , Dakshinn Korea , अंगोलम Aur Cuba Jaise Deshon ne Samarthan Diya.In Deshon Dwara Kahaa Gaya Ki Ahmedabad Me Hindu , Muslim Tatha Jain Samuday Ke Log मिलजुल Kar Rehte Hain Isliye Ise World Heritable City Ki Soochi Me Shamil Kiya Jana Chahiye. Year 2011 Me Ahmedabad Ko UNESCO Ki Sambhavit
Soochi Me Dala Gaya Tha.Ahmedabad Ke Nagar Nigam Ayukt , mukesh Kumar Ke Anusaar Is Shahar Me 2600 Se Adhik Virasat Sthal Hain Jisme Se Lagbhag 24 Shaharon Ko Indian Puratatv Sarvekshann (ASI) Dwara Sanrakshit Kiya Gaya Hai । <br/> <br/> Ahmedabad
    अहमदाबाद Ki Sthapanaa Sultan Ahmad Shah Dwara 15th Sadee Me SabarMati Nadi Ke Kinare Ki Gayi Thi.
    यूनेस्को Dwara Bataya Gaya Ki Yah Shahar Vastukala Ka Shandaar Namuna Prastut Karta Hai Jisme Chhote Kile , क़िलेबंद Shahar Ki Diwaron Aur दरवाज़ों Ke Sath Kai Masjidon Aur Makbare Darshaniy Sthalon Me Shamil Hain ।
    भारतीय Swatantrata Sangharsh Ke Dauran Ahmedabad Pramukh Shivir Aadhaar Raha Hai । Isi Shahar Me Mahatma Gandhi ne SabarMati Aashram Ki Sthapanaa Ki Aur स्वुतंत्रता Sangharsh Se जुड़ें Anek आन्दोमलन Ki Shuruat Bhi Yahin Se Hui Thi.
    पश्चिम Bhaarat Me Basa Ye Shahar , Samudra Se 174 फ़ुट Ki Unchai Par Sthit Hai । Shahar Me कंकरिया Aur वस्त्रापुर Talab Do Jhilen Hain । <br/> Vishwa Dharohar स्थलइसे मानवता Ke Liye Aise Mahatvapurnn Sthano Ke Roop Me Paribhashit Kiya Jaa Sakta Hai Jinhe Aage Ane Wali पीढ़ियों Ke Liye Sanrakshit Karna Awashyak Hai । Aise Mahatvapurnn Sthalon Ke Sanrakhshan Ki Pahal UNESCO Dwara Ki Gayi. Is Sambandh Me Ek Antarrashtriya Sandhi Ki Gayi Jo Ki Vishwa Sanskritik Aur Prakritik Dharohar Sanrakhshan Ko Bal Deti Hai । Ise Year 1972 Me Lagu Kiya Gaya. Iske Antargat Teen Shreniyan Aati Hain - Prakritik Dharohar Sthal - Aise Bhautik Ya Geogrophical Prakritik Sthan Jo Bhautik Aur Geogrophical Drishti Se Atyant Sundar Ya Vaigyanik Mahatva Ke Ho Tatha Yahan Paye Jane Wale Jeev - Jantu विलुप्ति Ke Kagar Par Khadae Ho. Is Prakar Ke Sthano Ko Prakritik Dharohar Sthal Ke
Roop Me Jana Jata Hai । Sanskritik Dharohar Sthal - Is Series Ki Dharohar Me Smarak , Sthapatya Ki Imartein , मूर्तिकारी , Chitrakari , Sthapatya Ki Jhalak Wale , Shilalekh , Gufa Aawas Aur Vaishwik Mahatva Wale Sthan , Imaraton Ka Samuh , Akeli Imartein Ya Aapas Me Sambandhit Imaraton Ka Samuh , Sthapatya Me Kiya Manav Ka Kaam Ya Prakriti Aur Manav Ke Sanyukt Prayas Ka Pratifal , Jo Ki Aitihasik , Saundary , Jateey , मानवविज्ञान Ya Vaishwik Drishti Se Mahatva Ki Ho , Shamil Ki Jati Hain । Mishrit Dharohar Sthal - Is Series Ke अंतर्गत् Wah Dharohar Sthal Aate Hain Jo Ki Prakritik Aur Sanskritik Dono Hee Roopo Me Mahatvapurnn Hoti Hain । UNESCO Dwara Ghosit Kiye Gaye Indian Vishwa Dharohar Sthal Hain - <br/> KaziRanga Rashtriya Park (1985) Kevaladev Rashtriya Park (1985) Manas VanyaJeev सेंक्चुरी (1985) Nanda Devi (1988) Tatha Foolon Ki Ghati (2005) , सुदरबन Rashtriya Park (1987) <br
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Who: Ahmedabad
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Where: UNESCO
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What: World Heritable City
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When: 08 July 2017
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4 1 br 3 9 8 2 Vishwa Bank ne Haal Hee Me Kahaa Ki Jalwayu Pariv

विश्व बैंक ने हाल ही में कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत अग्रणी देश बनकर उभर रहा है। उसने कहा कि एशियाई देशों में उर्जा के स्रोत के तौर पर सौर उर्जा धीरे-धीरे कोयले का स्थान ले रही है। <br/> विश्व बैंक ने कहा की अपने लोगों को वर्ष 2030 तक चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए सौर उर्जा की ओर प्रतिबद्धता, नवोन्मेषी समाधान और उर्जा दक्षता पहलों के साथ भारत जलवायु �
��रिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अग्रणी बनकर उभर रहा है। विश्व बैंक के मुताबिक, अपनी वृद्धि को बढ़ाने के लिए और अधिक स्वच्छ उर्जा का इस्तेमाल करने की सचेत पसंद के साथ ही भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से धरती को बचाने के वैश्विक प्रयासों में योगदान दे रहा है। <br/> विश्व बैंक ने कहा की भारत और उसके अलावा ऊर्जा के स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा कोयले की जगह ले रही है। उसने कहा कि सौर
फोटोवॉल्टेक (पीवी) से बिजली पैदा करने की लागत वर्ष 2009 के मुकाबले एक चौथाई कम है और वर्ष 2040 तक इसके 66 फीसदी तक और कम होने की संभावना है। <br/> <br/> रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में साल में लगभग 300 दिन धूप निकलती है इसलिए भारत में सौर उर्जा का फायदा उठाने और इसका इस्तेमाल करने के लिए विश्व में सबसे अच्छी परिस्थितियां हैं। <br/> विश्व बैंक ने कहा कि भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी परियोजनाएं बनाई �
��ैं जिसमें वर्ष 2022 तक पवन चक्की और सौर उर्जा से 160 गीगावॉट तक बिजली पैदा करने का लक्ष्य शामिल है। विश्व बैंक ने कहा की यह अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत के सौर बाजार में निवेश करने का भी अच्छा मौका है। <br/> रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ सप्ताह पहले भारत ने कोयले से चलने वाले 14 गीगावॉट क्षमता वाले बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना से कदम पीछे खींच लिए क्योंकि अब सौर उर्जा से बिजल
ी पैदा करने में वहन करने योग्य लागत आती है। रिपोर्ट में इस संबंध में भारत के कदमों की तारीफ की गई है। <br/>   <br/>


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Who: विश्व बैंक
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What: भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी बन रहा है
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When: 8 जुलाई 2017
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4.1 <br/> 3.9 <br/> 3.8 <br/> 4.2 <br/> 4.2 <br/> 3.9 <br/> <br/> Vishwa Bank ne Haal Hee Me Kahaa Ki Jalwayu Parivartan Ke Khilaf Vaishwik Ladai Me Bhaarat Agranni Desh Bankar Ubhar Raha Hai । Usane Kahaa Ki Asian Deshon Me Urja Ke Strot Ke Taur Par Solar Urja Dhire - Dhire Koyale Ka Sthan Le Rahi Hai । <br/> Vishwa Bank ne Kahaa Ki Apne Logon Ko Year 2030 Tak चौबीसों Ghante Bijli Uplabdh Karane Ke Liye Solar Urja Ki Or Pratibaddhta , नवोन्मेषी Samadhaan Aur Urja Dakshta pahalon Ke Sath Bhaarat Jalwayu Parivartan Ke Khilaf Vaishwik Ladai Me Agranni Bankar Ubhar Raha Hai । Vishwa Bank Ke Mutabik , Apni Vridhi Ko Badhane Ke Liye Aur Adhik Swachh Urja Ka IsteMal Karne Ki Sachet Pasand Ke Sath Hee Bhaarat Jalwayu Parivartan Ke Prabhavon Se Dharti Ko Bachane Ke Vaishwik Prayason Me Yogdan De Raha Hai । <br/> Vishwa Bank ne Kahaa Ki Bhaarat Aur Uske ALava Urja Ke Strot Ke Roop Me Solar Urja Koyale Ki Jagah Le Rahi Hai । Usane Kahaa Ki Sol
ar फोटोवॉल्टेक (PV) Se Bijli Paida Karne Ki Lagat Year 2009 Ke Muqable Ek Chauthai Kam Hai Aur Year 2040 Tak Iske 66 Feesdi Tak Aur Kam Hone Ki Sambhawna Hai । <br/> <br/> Report Me Kahaa Gaya Hai Ki Bhaarat Me Sal Me Lagbhag 300 Din Dhoop Nikalti Hai Isliye Bhaarat Me Solar Urja Ka Fayda Uthane Aur Iska IsteMal Karne Ke Liye Vishwa Me Sabse Achhi Paristhitiyaan Hain । <br/> Vishwa Bank ne Kahaa Ki Bhaarat Sarkaar ne Matvakankshi Pariyojnayein Banai Hain Jisme Year 2022 Tak Pawan Chakki Aur Solar Urja Se 160 गीगावॉट Tak Bijli Paida Karne Ka Lakshya Shamil Hai । Vishwa Bank ne Kahaa Ki Yah Antarrashtriya Kampaniyon Ke Liye Bhaarat Ke Solar Bazar Me Nivesh Karne Ka Bhi Achachha Mauka Hai । <br/> Report Me Kahaa Gaya Hai Ki Kuch Saptah Pehle Bhaarat ne Koyale Se Chalne Wale 14 गीगावॉट Shamta Wale Bijli Sayantra Sthapit Karne Ki Yojana Se Kadam Pichhe Khinch Liye Kyonki Ab Solar Urja Se Bijli Paida Karne Me Vahan Karne Yo
gya Lagat Aati Hai । Report Me Is Sambandh Me Bhaarat Ke Kadamon Ki Tareef Ki Gayi Hai । <br/> <br/>


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Who: Vishwa Bank
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What: Bhaarat Jalwayu Parivartan Ke Khilaf Ladai Me Agranni Ban Raha Hai
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When: 8 July 2017
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Japan Ke ओकिनोशिमा Dveep Ko UNESCO Dwara 09 July 2017

जापान के ओकिनोशिमा द्वीप को यूनेस्को द्वारा 09 जुलाई 2017 को विश्व धरोहर स्थल (वर्ल्ड हेरिटेज साइट) घोषित किया गया. यह द्वीप केवल पुरुषों के लिए है जबकि यहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। यह एक धार्मिक स्थान है जहां पुरुषों को धार्मिक अनुष्ठान के तहत यहां आकर स्नान करना होता है तथा समुद्र तट पर नग्न स्नान करना होता है। इस कारण यहां महिलाओं को आने की अनुमति नहीं है। यह स्थान जापान के ल
िए धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है।जापान के दक्षिण-पश्चिम क्यूशू द्वीप तथा कोरिया के प्रायद्वीप ओकिनोशिमा के मध्य स्थित यह द्वीप चौथी शताब्दी तक समुद्री सुरक्षा के लिए प्रार्थना स्थल और चीन व कोरिया के बीच संबंधों का केंद्र था.पोलैंड में हुई यूनेस्को की वार्षिक बैठक में 700 वर्ग मीटर में फैले इस द्वीप पर इससे जुड़े रीफ और चार अन्य संबंधित स्थलों को विश्व धरोहर का दर्जा प्
रदान किया गया है। इस सूची में अब जापान के सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों की संख्या बढ़कर 21 हो गई है। <br/> <br/> ओकिनोशिमा द्वीप
    ओकिनोशिमा द्वीप पर जाने वाले लोगों को वहां की कोई यादगार वस्तु अपने साथ लाने की अनुमति नहीं है।
    यहां आने वाले श्रद्धालु अपने साथ कंकड़-पत्थर अथवा घास भी नहीं ला सकते.
    महिलाओं के प्रवेश पर रोक सहित पुराने समय से चली आ रही सभी पाबंदियां आज भी इस द्वीप पर मानी जाती हैं।
   यह द्वीप जापान से कुछ दूरी पर मौजूद है यहां पहुंचने के लिए समुद्र मार्ग से रास्ता तय करना होता है।
   यह भी कहा जाता है कि पिछले जमाने में महिलाओं के लिए समुद्री रास्ते से आना-जाना सुरक्षित नहीं माना जाता था इसलिए भी उन्हें यहां आने की मनाही थी. <br/>


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Who: ओकिनोशिमा द्वीप
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Where: जापान
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What: यूनेस्को विश्व धरोहर
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When: 09 जुलाई 2017
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Japan Ke ओकिनोशिमा Dveep Ko UNESCO Dwara 09 July 2017 Ko Vishwa Dharohar Sthal (World Heritable Site) Ghosit Kiya Gaya. Yah Dveep Kewal Purushon Ke Liye Hai Jabki Yahan Mahilaon Ka Pravesh Varjit Hai । Yah Ek Dharmik Sthan Hai Jahan Purushon Ko Dharmik Anusthan Ke Tahat Yahan Aakar Snan Karna Hota Hai Tatha Samudra Tat Par Nagn Snan Karna Hota Hai । Is Karan Yahan Mahilaon Ko Ane Ki Anumati Nahi Hai । Yah Sthan Japan Ke Liye Dharmik Drishti Se Pavitra Mana Jata Hai । Japan Ke Dakshinn - Pashchim Kyushu Dveep Tatha Korea Ke Praaydveep ओकिनोशिमा Ke Madhy Sthit Yah Dveep Chauthi Satabdi Tak Samudri Surakshaa Ke Liye Praarthna Sthal Aur China Wa Korea Ke Beech Sambandhon Ka Kendra Tha.Poland Me Hui UNESCO Ki Vaarshik Baithak Me 700 Warg Meter Me Faile Is Dveep Par Isse Jude Reef Aur Char Anya Sambandhit Sthalon Ko Vishwa Dharohar Ka Darja Pradan Kiya Gaya Hai । Is Soochi Me Ab Japan Ke Sanskritik Aur Prakritik Sthalon Ki Sankhya Badh
kar 21 Ho Gayi Hai । <br/> <br/> ओकिनोशिमा Dveep
    ओकिनोशिमा Dveep Par Jane Wale Logon Ko Wahan Ki Koi Yadgar Vastu Apne Sath Lane Ki Anumati Nahi Hai ।
    यहां Ane Wale Shraddhalu Apne Sath Kankad - Patthar Athvaa Ghaas Bhi Nahi La Sakte.
    महिलाओं Ke Pravesh Par Rok Sahit Purane Samay Se Chali Aa Rahi Sabhi पाबंदियां Aaj Bhi Is Dveep Par Mani Jati Hain ।
   Yah Dveep Japan Se Kuch Doori Par Maujood Hai Yahan Pahunchne Ke Liye Samudra Marg Se Rasta Tay Karna Hota Hai ।
   Yah Bhi Kahaa Jata Hai Ki Pichhle Jamane Me Mahilaon Ke Liye Samudri Raste Se Aana - Jana Surakshit Nahi Mana Jata Tha Isliye Bhi Unhe Yahan Ane Ki Manahi Thi. <br/>


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Who: ओकिनोशिमा Dveep
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Where: Japan
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What: UNESCO Vishwa Dharohar
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When: 09 July 2017
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Tuesday, 27 June 2017

याद करने के इन तरीकों को अपनाएं, किसी भी विषय को एक बार पढ़ेंगे तो फिर कभी नहीं भूलेंगे

याद करने के इन तरीकों को अपनाएं, किसी भी विषय को एक बार पढ़ेंगे तो फिर कभी नहीं भूलेंगे

किसी भी टॉपिक को बार-बार दोहरा कर याद करने का तरीका पुराना हो चुका है। बच्चों को शुरूआत में यह तरीका सिखाया जाता है क्यूँकि यह सबसे आसान होता है खासकर जब सिलेबस कम होता है और समय अधिक। पर जैसे जैसे बच्चे बड़े होते जाते है और बड़ी क्लासेज में जाते हैं तो सिलेबस बढ़ने लगता है और समय कम होने लगता है। तब यह तरीका फैल होने लगता है ।

जैसा की हम जानते है की हमारे पास 5 सेंस ऑर्गन्स होते है। जो ऊपर दिए गए चित्र में दर्शाए गये है और बोल-बोल के याद करने में आप सिर्फ 2 सेंस ऑर्गन्स इस्तेमाल कर रहे होते हैं और इस तरीक़े में दिमाग का बहुत कम इस्तेमाल होता है। अगर आप चाहते है कि आप जो भी पढ़ें वो एक बार में याद हो और वो भी हमेशा के लिए तो आपको अपने दिमाग का अधिकतम इस्तेमाल करना होगा। आप नीचे दिए गए तरीक़ों का इस्तेमाल करेंगे तो कुछ भी पढ़ा हुआ आसानी से याद होगा।

1 # माइंड पैलेस (Mind Palace) तकनीक का इस्तेमाल

अगर आप चाहते हैं कि आप जो पढ़े वो हमेशा के लिए याद हो जाए तो आपको उस विषय को रोजमर्रा की चीजों से रिलेट करके याद करना होगा। रोजमर्रा की चीजों से रिलेट करके किसी विषय को याद करने पर आपको वह विषय काफ़ी लम्बे समय तक याद रहता। इस तरह की तकनीक को अंग्रेजी में Mind Palace तकनीक के नाम से जाना जाता हैं। अगर अपने BBC One का सीरियल शरलॉक होम्स (Sherlock Holmes) देखा होगा तो आप इस तरीके को अच्छी तरह से जानते होंगे। इस सीरियल में शरलॉक (Sherlock) नाम का जासूस किसी भी घटना को रोजमर्रा की चीजों से रिलेट करके अपने दिमाग में स्टोर कर लेता हैं और फिर कभी नहीं भूलता या दूसरे शब्दों में वो घटनाओं को अपने माइंड पैलेस में रख लेता है। आपके दिमाग में सूचना स्टोर करने की अथाह क्षमता है।

इस तरीक़े को एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं, मान लीजिए आपको याद करना है की सलीम अली को बर्ड मैन ऑफ़ इंडिया (birdman of India) भी कहा जाता हैं, तो आप आँख बंद करके अपने दिमाग में सोचेंगे की सलीम और अली नाम के दो लड़के, इंडिया के मैप के ऊपर चिड़ियों के साथ खेल रहे हैं और फिर अचानक सब आपस में टकराकर एक सलीम-अली नाम के आदमी रूपी चिड़िया में बदल गये या बर्ड मैन ऑफ़ इंडिया बन जाते हैं। यह मात्र एक साधारण सा उदाहरण था, शुरूआत में इस तरह का तरीका अपनाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता पर कुछ अभ्यास के बाद ये तरीका बहुत आसान हो जायेगा और ख़ास बात यह है कि आप पढ़ाई के दौरान बोरियत महसूस नहीं होगी।

इन पाँच तरीकों से बना सकते गणित को एक सरल और रोचक विषय, परीक्षा में आएंगे पूरे नंबर

2 # कविता, गाना या किसी राइम्स की तरह विषय को याद करें:


अगर अपने रसायन विज्ञान पढ़ा होगा तो आपको आवर्त सारणी (या Periodic Table) के बारे में जरूर पढ़ा होगा। जिसके द्वारा हम तत्वों का नाम और एटॉमिक नंबर याद रख पाते हैं। कई छात्र मुश्किल से कुछ तत्वों के नाम और एटॉमिक नंबर याद रख पाते हैं। पर बहुत से छात्रों को पूरी टेबल याद होती है। ऐसे छात्र जिन्हे पूरी टेबल याद होती है उनमें से अधिकतर टेबल को गाने की तरह याद रखते है।
उदाहरण के लिए, इस पंक्ति पर ध्यान दे, हाँ लीना को मिल गई रूबी & She is fire [Han LiNa Ko mil gai Ruby & C is Fire] . इसे आप आसानी से टेबल के फर्स्ट ग्रुप से जोड़ कर याद कर सकते हैं।

How to Learn Periodic Table

ऊपर दिए गए चित्र से आप समझ रहे होंगे कि कुछ शब्द वाक्य पूरा करने के लिए बने हैं। इस तरह आप बहुत सारे दिलचस्प वाक्यों के द्वारा आप अपने विषय को याद रख सकते हैं।

इन 5 तरीकों से आपकी पढ़ाई करने की क्षमता दुगुनी हो जायेगी

3 # खुद को (या काल्पनिक छात्रों को) पढ़ाये


आपने कुछ पढ़ा तो उसे खुद को शीशे के सामने खड़े होकर समझाने की कोशिश करें। ऐसा करने के कई फ़ायदे हैं। सबसे पहला फ़ायदा यह है कि, आपको वो काँन्सैप्ट अच्छी तरह समझ आ जाएगा क्यूंकि समझाने से पहले आपको खुद समझ आना ज़रूरी है। पढ़ाने के दौरान आप कई सेंस ऑर्गन्स का इस्तेमाल कर रहे होते हैं जिसकी वजह से आपको वो बातें लम्बे समय तक याद रहती हैं। याद रखने के अलावा ये तरीका आपकी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में सहयोग करेगा और साथ-साथ आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ाएगा। आप चाहे तो पेन और पेपर की मदद लेकर काम कर सकते हैं। इसलिए आप कुछ भी याद करे उसे खुद को पढ़ाने की कोशिश ज़रूर करें यह बहुत लाभदायक होगा।

4 # दोहराना बहुत महत्वपूर्ण है, क्यूँकि इससे आपको अपनी रिकॉल करने की क्षमता पता चलेगी


ऊपर दिया गया तरीका आपके लिए शुरुआत में कठिन हो सकता है। अगर अपने किसी विषय को ऊपर दिए गए तरीके से याद किया है तो आपको कुछ समय के अंतराल के बाद विषय को फिर से दोहराना चाहिए। दोहराने पर ही आपको पता चलेगा की आप किस विषय को कितना जल्दी रिकॉल कर सकते हैं। अगर आपने माइंड पैलेस तकनीक का इस्तेमाल किया है तो इस बात पर ज़रूर ध्यान दीजिए कि अपने जो याद किया उसे रिकॉल करने में कितना समय लग रहा है । शुरुआत में समय ज़्यादा लगेगा पर धीरे-धीरे रिकॉल करने का समय कम होता चला जाएगा। कुछ अभ्यास के बाद आपको एक बार कुछ भी पढ़ने पर याद रहेगा वो भी बहुत लम्बे समय तक।

5 # गहरी नींद, ध्यान, दिमाग वाले खेल, शारीरिक व्यायाम और मस्तिष्क विकसित करने वाले आहार


शतरंज, सुडोकू इत्यादि कुछ ऐसे खेल हैं जो आपकी एकाग्रता शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। क्यूँकि इन सभी खेलों के लिए बहुत एकाग्रता चाहिए होती है। इन खेलों के खेलने वाले व्यक्ति की निर्णय करने की क्षमता में भी सुधार होता है।
जैसा कि हम जानते हैं कि लगातार व्यायाम करने से व्यक्ति की मांसपेशियां मजबूत बन जाती हैं। इसी प्रकार हम मस्तिष्क को भी मांसपेशी मान सकते है और शतरंज और क्रॉसवर्ड पजल्स जैसी पहेलियों को बार – बार खेल कर लंबे समय के लिए उच्च एकाग्रता शक्ति प्राप्त की जा सकती है। आप ये खेल स्मार्टफोन पर कहीं भी और कभी भी खेल सकते हैं।

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। इसलिए एकाग्रता में सुधार लाने के लिए शारीरिक व्यायाम और स्वस्थ आहार बहुत जरूरी है। जंपिंग जैक्स, दौड़ लगाना इत्यादि जैसे एरोबिक व्यायाम आपके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की सांद्रता बढ़ाते हैं। एरोबिक्स व्यायाम को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं। यह आपको फिट बनाए रखने में मदद करेगा साथ-साथ आपकी एकाग्रता शक्ति को भी बढ़ाएगा। व्यायाम के अलावा स्वस्थ आहार भी एकाग्रता के स्तर में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ ऐसे भोजन हैं जिनका व्यक्ति के मन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेर, ब्रोकली, एवाकाडो कुछ ऐसे भोजनों के उदाहरण हैं। जंक फूड खाने से बच कर और ऐसे भोजन को अपने आहार में शामिल कर, आप अपनी एकाग्रता शक्ति को मजबूत कर सकेंगे। जैसे-जैसे आपकी एकाग्रता शक्ति बढ़ेगी, वैसे-वैसे आपके याद करने की क्षमता बढ़ेगी ।

Yaad Karne Ke In Tareeko Ko Apnayein , Kisi Bhi Vishay Ko Ek Baar Padhenge To Fir Kabhi Nahi Bhoolenge

Kisi Bhi Topic Ko Baar - Baar Dohra Kar Yaad Karne Ka Tarika Purana Ho Chuka Hai । Bachhon Ko Shurooaat Me Yah Tarika Sikhaya Jata Hai Kyunki Yah Sabse Asaan Hota Hai KhasKar Jab Syllabus Kam Hota Hai Aur Samay Adhik । Par Jaise Jaise Bachhe Bade Hote Jate Hai Aur Badi Classes Me Jate Hain To Syllabus Badhne Lagta Hai Aur Samay Kam Hone Lagta Hai । Tab Yah Tarika Fail Hone Lagta Hai ।

Jaisa Ki Ham Jante Hai Ki Hamare Paas 5 Sense Organs Hote Hai । Jo Upar Diye Gaye Chitra Me Darshaye Gaye Hai Aur Bol - Bol Ke Yaad Karne Me Aap Sirf 2 Sense Organs IsteMal Kar Rahe Hote Hain Aur Is Tarike Me Dimag Ka Bahut Kam IsteMal Hota Hai । Agar Aap Chahte Hai Ki Aap Jo Bhi Padhein Wo Ek Baar Me Yaad Ho Aur Wo Bhi Hamesha Ke Liye To Aapko Apne Dimag Ka AdhikTam IsteMal Karna Hoga । Aap Niche Diye Gaye Tareeko Ka IsteMal Karenge To Kuch Bhi Padha Hua Asani Se Yaad Hoga ।

1 # Mind Palace (Mind Palace) Taknik Ka IsteMal

Agar Aap Chahte Hain Ki Aap Jo Padhe Wo Hamesha Ke Liye Yaad Ho Jaye To Aapko Us Vishay Ko Rojmarra Ki Cheejon Se Relate Karke Yaad Karna Hoga । Rojmarra Ki Cheejon Se Relate Karke Kisi Vishay Ko Yaad Karne Par Aapko Wah Vishay Kafi Lambe Samay Tak Yaad Rehta । Is Tarah Ki Taknik Ko Angreji Me Mind Palace Taknik Ke Naam Se Jana Jata Hain । Agar Apne BBC one Ka Serial शरलॉक Homes (Sherlock Holmes) Dekha Hoga To Aap Is Tarike Ko Achhi Tarah Se Jante Honge । Is Serial Me शरलॉक (Sherlock) Naam Ka Jasoos Kisi Bhi Ghatna Ko Rojmarra Ki Cheejon Se Relate Karke Apne Dimag Me store Kar Leta Hain Aur Fir Kabhi Nahi Bhoolta Ya Doosre Shabdon Me Wo Ghatnaon Ko Apne Mind Palace Me Rakh Leta Hai । Apke Dimag Me Suchna store Karne Ki Athaah Shamta Hai ।

Is Tarike Ko Ek Udaharan Ke Madhyam Se Samajhte Hain , Maan Lijiye Aapko Yaad Karna Hai Ki Salim Ali Ko Bird Main Of India (birdman Of india) Bhi Kahaa Jata Hain , To Aap Ankh Band Karke Apne Dimag Me Sochenge Ki Salim Aur Ali Naam Ke Do Ladke , India Ke map Ke Upar Chidiyon Ke Sath Khel Rahe Hain Aur Fir Achanak Sab Aapas Me Takrakar Ek Salim - Ali Naam Ke Aadmi Roopi Chidiya Me Badal Gaye Ya Bird Main Of India Ban Jate Hain । Yah Matra Ek Sadharan Saa Udaharan Tha , Shurooaat Me Is Tarah Ka Tarika Apanane Me Kathinaiyon Ka Samna Karna Pad Sakta Par Kuch Abhyas Ke Baad Ye Tarika Bahut Asaan Ho Jayega Aur Khas Baat Yah Hai Ki Aap Padhai Ke Dauran Boriyat Mehsoos Nahi Hogi ।

In Panch Tareeko Se Banaa Sakte Gannit Ko Ek Saral Aur Rochak Vishay , Pariksha Me Ayenge Pure Number

2 # Kavita , Gaana Ya Kisi Rhymes Ki Tarah Vishay Ko Yaad Karein:


Agar Apne Rasayan Vigyaan Padha Hoga To Aapko Awart Sarni (Ya Periodic Table) Ke Bare Me Jarur Padha Hoga । Jiske Dwara Ham Tatvon Ka Naam Aur Atomic Number Yaad Rakh Pate Hain । Kai Chhatra Mushkil Se Kuch Tatvon Ke Naam Aur Atomic Number Yaad Rakh Pate Hain । Par Bahut Se Chhatron Ko Puri Table Yaad Hoti Hai । Aise Chhatra Jinhe Puri Table Yaad Hoti Hai Unme Se Adheektar Table Ko Gane Ki Tarah Yaad Rakhte Hai ।
Udaharan Ke Liye , Is Pankti Par Dhyan De , Haan Leena Ko Mil Gayi Ruby & She is fire [Han LiNa Ko mil gai Ruby & C is Fire] . Ise Aap Asani Se Table Ke First Group Se Jod Kar Yaad Kar Sakte Hain ।

How To Learn Periodic Table

Upar Diye Gaye Chitra Se Aap Samajh Rahe Honge Ki Kuch Shabd Vaky Pura Karne Ke Liye Bane Hain । Is Tarah Aap Bahut Sare Dilchasp Vaakyon Ke Dwara Aap Apne Vishay Ko Yaad Rakh Sakte Hain ।

In 5 Tareeko Se Apki Padhai Karne Ki Shamta Doguni Ho Jayegi

3 # Khud Ko (Ya Kalpanik Chhatron Ko) Padhaye


Aapne Kuch Padha To Use Khud Ko Sheese Ke Samne Khade Hokar Samjhane Ki Koshish Karein । Aisa Karne Ke Kai Fayde Hain । Sabse Pehla Fayda Yah Hai Ki , Aapko Wo काँन्सैप्ट Achhi Tarah Samajh Aa Jayega Kyunki Samjhane Se Pehle Aapko Khud Samajh Aana Jaroori Hai । Padhane Ke Dauran Aap Kai Sense Organs Ka IsteMal Kar Rahe Hote Hain Jiski Wajah Se Aapko Wo baatein Lambe Samay Tak Yaad Rehti Hain । Yaad Rakhne Ke ALava Ye Tarika Apki Personality Development Me Sahyog Karega Aur Sath - Sath Apke Andar AtmVishwaas Badhayega । Aap Chahe To Pain Aur Paper Ki Madad Lekar Kaam Kar Sakte Hain । Isliye Aap Kuch Bhi Yaad Kare Use Khud Ko Padhane Ki Koshish Jarur Karein Yah Bahut Labhdayak Hoga ।

4 # Dohrana Bahut Mahatvapurnn Hai , Kyunki Isse Aapko Apni Recall Karne Ki Shamta Pata Chalegi


Upar Diya Gaya Tarika Apke Liye Shuruat Me Kathin Ho Sakta Hai । Agar Apne Kisi Vishay Ko Upar Diye Gaye Tarike Se Yaad Kiya Hai To Aapko Kuch Samay Ke Antaral Ke Baad Vishay Ko Fir Se Dohrana Chahiye । Dohrane Par Hee Aapko Pata Chalega Ki Aap Kis Vishay Ko Kitna Jaldi Recall Kar Sakte Hain । Agar Aapne Mind Palace Taknik Ka IsteMal Kiya Hai To Is Baat Par Jarur Dhyan Dijiye Ki Apne Jo Yaad Kiya Use Recall Karne Me Kitna Samay Lag Raha Hai । Shuruat Me Samay Jyada Lagega Par Dhire - Dhire Recall Karne Ka Samay Kam Hota Chala Jayega । Kuch Abhyas Ke Baad Aapko Ek Baar Kuch Bhi Padhne Par Yaad Rahega Wo Bhi Bahut Lambe Samay Tak ।

5 # Gahri Neend , Dhyan , Dimag Wale Khel , Sharirik Vyayam Aur Mastishk Viksit Karne Wale Aahar


Shatranj , Sudoku Ityadi Kuch Aise Khel Hain Jo Apki Ekagrata Shakti Ko Badhane Me Madad Karte Hain । Kyunki In Sabhi Khelon Ke Liye Bahut Ekagrata Chahiye Hoti Hai । In Khelon Ke Khelne Wale Vyakti Ki Decision Karne Ki Shamta Me Bhi Sudhar Hota Hai ।
Jaisa Ki Ham Jante Hain Ki Lagataar Vyayam Karne Se Vyakti Ki Manspeshiyan Majboot Ban Jati Hain । Isi Prakar Ham Mastishk Ko Bhi MaansPeshi Maan Sakte Hai Aur Shatranj Aur CrossWord Puzzles Jaisi Paheliyon Ko Baar - Baar Khel Kar Lambe Samay Ke Liye Uchh Ekagrata Shakti Prapt Ki Jaa Sakti Hai । Aap Ye Khel Smartphone Par Kahin Bhi Aur Kabhi Bhi Khel Sakte Hain ।

Swasth Sharir Me Hee Swasth Man Ka Niwas Hota Hai । Isliye Ekagrata Me Sudhar Lane Ke Liye Sharirik Vyayam Aur Swasth Aahar Bahut Jaroori Hai । Jumping Jacks , Daud Lagana Ityadi Jaise Aerobic Vyayam Apke Mastishk Me Oxygen Ki Saandrata Badhate Hain । Aerobics Vyayam Ko Apne Dainik Jeevan Ka Hissa Banayein । Yah Aapko Fit Banaye Rakhne Me Madad Karega Sath - Sath Apki Ekagrata Shakti Ko Bhi Badhayega । Vyayam Ke ALava Swasth Aahar Bhi Ekagrata Ke Str Me Sudhar Lane Ke Liye Mahatvapurnn Hai । Kuch Aise Bhojan Hain Jinka Vyakti Ke Man Par Sakaratmak Prabhav Padta Hai । Ber , Broccoli , एवाकाडो Kuch Aise Bhojano Ke Udaharan Hain । Junk Food Khane Se Bach Kar Aur Aise Bhojan Ko Apne Aahar Me Shamil Kar , Aap Apni Ekagrata Shakti Ko Majboot Kar Sakenge । Jaise - Jaise Apki Ekagrata Shakti Badhegi , Waise - Waise Apke Yaad Karne Ki Shamta Badhegi ।

Sunday, 18 June 2017

UPSC 2017 Civil Services Preliminary Examination GENERAL STUDIES paper

UPSC 2017: Civil Services (Preliminary) Examination
GENERAL STUDIES PAPER-I



Answer Key for Booklet Series: 'A '
No of Questions: 100

Maximum Marks: 200

Q.No. Ans.


1
D
16

B
31

C
46

C
61

B
76

D
91

A
2

C
17

D
32

A
47

A
62

D
77

B
92

A
3

A
18

C
33

C
48

A
63

B
78

C
93

C
4

A
19

C
34

C
49

B
64

B
79

C
94

D
5

A
20

B
35

D
50

D
65

B
80

B
95

B
6

B
21

D
36

D
51

C
66

C
81

C
96

B
7

B
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A
67

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82

A
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8

C
23

A
38

B
53

B
68

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83

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98

A
9

A
24

B
39

C
54

C
69

A
84

C
99

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10

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25

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40

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100

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11

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41

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86

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12

B
27

A
42

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72

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87

B
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43

A
58

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88

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Also Download below the UPSC 2017 Prelims GS Paper I Booklet Series 'A'





Answer Key GS Paper I, ICC Champions Trophy 2017, UPSC 2017 Prelims

UPSC 2017: Civil Services (Preliminary) Examination
GENERAL STUDIES paper - I



answer Key For Booklet Series: 'A'
No Of questions: 100

Maximum Marks: 200

Q.No. Ans.


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Wednesday, 24 May 2017

The drainage system of Rajasthan Rivers and lakes

The drainage system of Rajasthan: Rivers and lakes Regional classification of the rivers of Nadia State of Rajasthan derailed and the main rivers of western Rajasthan Luni river Ghagghar river Kantli river Rivers of southwestern Rajasthan Western Beasya Sabarmati river Mahi river Som River Jakhm Anas River Chambal River Kunu (Kunwar) Parvati Kali Sindh Kural Ahu Parwan Tables River Alanya Chakan Small Kali Sindh Bamni Bans river river river river (river) Yad) Kothari Ganbri Khari Mansee Masali Kalisindhra Morel Dai River Sohadra Dhail River Rivers of Eastern Rajasthan Sabbi Mentha Rupargarh River Dund / Dund Banganga River Ruparal River (Varah River) Crisp Parvati Note: - The figures of major rivers of Rajasthan for these rivers by the government Detailed survey done has been taken from the report of QKPCIIOS. So :: is completely correct. Its report exists in the IMTI quota. The statistics of the length of the state's rivers which were prevalent and still have been given in other books. They are the following types. Therefore: Observe the length of the distance from the approach of examination: 480 km Mahi 576 km Luni 350 km Banganga 380 km Chamble 965/966 km out of which Rajasthan is 153 km long

Thursday, 20 April 2017

SSC CGL Pariksha 2017 - 18 Non Verbal Reasoning Ke Liye Taiyari Tips

एसएससी सीजीएल परीक्षा 2017-18: नॉन – वर्बल रीजनिंग के लिए तैयारी टिप्स और विषय


एसएससी सीजीएल ने अपना अंतिम कार्यक्रम जारी कर दिया है. सभी छात्रों ने अपनी कमर कस ली होगी और तैयारी में जुट गए होंगे. इस परीक्षा में सफल होने के लिए छात्र जरूर अलग – अलग प्रकार की रणनीतियां बना रहे होंगे. ज्यादातर छात्र अच्छे अंकों के साथ कटऑफ अंक लाने पर ध्यान लगा रहे होंगे. अब, अच्छे अंक लाने के लिए आपको कठिन और कमजोर विषयों का विश्लेषण जरूर करना चाहिए. एसएससी सीजीएल प्रिलिम्स परीक्षा का पैटर्न यदि हम देखें तो प्रत्येक विषय बराबर रूप से बंटा है. प्रत्येक विषय से 2 अंकों वाले 25 प्रश्न पूछे जाते हैं. सबसे आसान विषय की बात करें तो, वह है जनरल इंटेलिजेंस. इसलिए, अच्छे अंक लाने के लिए आपको उसके सभी विषयों पर पकड़ बनानी चाहिए।

प्रश्नों के वितरण पर गौर करें तो 80% प्रश्न वर्बल रीजनिंग से आते हैं और बाकी के 20% नॉन – वर्बल रीजनिंग से. यदि छात्र वर्बल सेक्शन में 20 में से 18 लाने में सक्षम है तो उसे बाकी के हिस्से को हल करने की कोशिश करनी चाहिए ताकि वह 3 से 4 अंक और प्राप्त कर सके. यहां बीते वर्षों में नॉन – वर्बल सेक्शन में पूछे गए विभिन्न विषयों की तालिका दी जा रही है. इससे आपको इस सेक्शन को अच्छे से समझने में मदद मिलेगी।

नॉन – वर्बल रीजनिंग

विषय

प्रश्नों की संख्या

दर्पण और जल प्रतिबिंब

1

कागज काटना और मोड़ना ( Paper Cutting and Folding)

1

घन और पासा (Cubes and Dices)

1

अंतःस्थापित चित्र (Embedded Figures)

1

मैट्रिक्स आधारित प्रश्न (Matrix based question)

1



इस सेक्शन में कुछ विभिन्न प्रकार के विषय भी होते हैं जो सिर्फ चित्र आधारित होते हैं. इन प्रश्नों में बहुत दिमाग लगाने की जरूरत नहीं होती. उन्हें हल करने के लिए सिर्फ अभ्यास और विश्लेषण कौशलों की जरूरत होती है। ऐसे प्रश्नों को हल करने के लिए आपको सिर्फ काल्पनिक विचारों का प्रयोग करना होता है. इस सेक्शन में सफल होने के लिए आईए कुछ टिप्स पर नजर डालते हैं।

अवधारणा की समझ (कॉन्सेप्ट लर्निंग) - प्रत्येक विषय को अच्छी तरह से समझें. स्पष्ट रूप से समझें. दर्पण और जल छवि एवं पेपर कटिंग एंड फोल्डिंग विषयों में – आप वस्तुओं के जरिए प्रयोग कर सकते हैं. इनमें से ज्यादातर प्रश्न सिर्फ विकल्पों को हटा कर उत्तर चुनने की तकनीक से ही हल हो जाते हैं. विकल्पों को हटाना शुरु करें और समझदारी के साथ सही विकल्प चुनें. इसलिए सीखने के लिए प्रत्येक विषय को अलग से पढ़ना सबसे अच्छी तकनीक होगी.
पढ़ने का माध्यम- छवि आधारित प्रश्नों को पढ़ने के लिए, आपके मानसिक – दर्शन शक्ति को अच्छा होना चाहिए. इसके लिए, ऐसे सभी विषयों के वीडियो आपको जरूर देखने चाहिए. इससे आपको प्रत्येक प्रश्न को हल करने का ट्रिक भी पता चल जाएगा.
अभ्यास- अवधारणा को समझने के बाद विषय के आधार पर प्रश्नों को हल करना शुरु करें. इससे आपको अपनी स्पीड बढ़ाने में तो मदद मिलेगी ही साथ ही प्रश्न को देखते ही उसे विश्लेषित करने की आपकी क्षमता में भी सुधार आएगा.
मॉक टेस्ट के जरिए अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन करें – समयबद्ध शेड्यूल में मॉक टेस्ट दें. अपनी खामियों का पता लगाने के लिए प्रदर्शन का विश्लेषण करें. खामियों पर काम करना शुरु करें और अपनी सटीकता बढ़ाएं.
पिछले वर्ष के पेपर को हर करें – बीते वर्ष के पेपर अंतिम पेपर का आभासी प्रतिबिंब होते हैं. एसएससी परीक्षा का पैटर्न लगभग एक जैसा ही रहता है. कई बार तो, वह अपने प्रश्नों को दुहरा देता है. इसलिए, उचित समयसीमा के साथ उन्हें हल करने का प्रयास करना आपके लिए अच्छा साबित होगा.
दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करें – रीजनिंग विषय एसएससी सीजीएल परीक्षा के सिर्फ टीयर – 1 परीक्षा में ही पूछे जाते हैं लेकिन यह सबसे आसान विषयों में से एक है या यूं कह लें कि यह अधिक अंक दिलाने वाला विषय है. और जैसा कि हम सब जानते हैं कि अंकों की अंतिम गणना में प्रीलिम्स के अंक भी जोड़े जाते हैं इसलिए, इस विषय में अच्छे अंक लाकर आप अपने अंकों को बढ़ा सकते हैं और नॉन – वर्बल रीजनिंग का यह सेक्शन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसलिए, इसे हल्के में न लें और इसकी तैयारी भी अच्छी तरह से करें.

SSC CGL Pariksha 2017 - 18: Non - Verbal Reasoning Ke Liye Taiyari Tips Aur Vishay


SSC CGL ne Apna Antim Karyakram Jari Kar Diya Hai. Sabhi Chhatron ne Apni Kamar Kas Lee Hogi Aur Taiyari Me Jut Gaye Honge. Is Pariksha Me Safal Hone Ke Liye Chhatra Jarur Alag - Alag Prakar Ki RanNeetiyaan Banaa Rahe Honge. Jyadatar Chhatra Achhe Ankon Ke Sath CutOff Ank Lane Par Dhyan Laga Rahe Honge. Ab , Achhe Ank Lane Ke Liye Aapko Kathin Aur Kamjor Vishayon Ka Vishleshnan Jarur Karna Chahiye. SSC CGL Prelims Pariksha Ka Pattern Yadi Ham Dekhein To Pratyek Vishay Barabar Roop Se Banta Hai. Pratyek Vishay Se 2 Ankon Wale 25 Prashn Puchhe Jate Hain. Sabse Asaan Vishay Ki Baat Karein To , Wah Hai General Inteligence. Isliye , Achhe Ank Lane Ke Liye Aapko Uske Sabhi Vishayon Par Pakad Banani Chahiye ।

Prashno Ke Vitarann Par Gaur Karein To 80th Prashn Verbal Reasoning Se Aate Hain Aur Baki Ke 20th Non - Verbal Reasoning Se. Yadi Chhatra Verbal Section Me 20 Me Se 18 Lane Me Saksham Hai To Use Baki Ke Hisse Ko Hal Karne Ki Koshish Karni Chahiye Taki Wah 3 Se 4 Ank Aur Prapt Kar Sake. Yahan Beete Varshon Me Non - Verbal Section Me Puchhe Gaye Vibhinn Vishayon Ki talika Dee Jaa Rahi Hai. Isse Aapko Is Section Ko Achhe Se Samajhne Me Madad Milegi ।

Non - Verbal Reasoning

Vishay

Prashno Ki Sankhya

Darpan Aur Jal Pratibimb

1

Kagaj Katna Aur Modna (paper Cutting and Folding)

1

Ghan Aur Paasa (Cubes and Dices)

1

AntahSthapit Chitra (Embedded Figures)

1

Matrix Aadharit Prashn (Matrix based question)

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Is Section Me Kuch Vibhinn Prakar Ke Vishay Bhi Hote Hain Jo Sirf Chitra Aadharit Hote Hain. In Prashno Me Bahut Dimag Lagane Ki Jarurat Nahi Hoti. Unhe Hal Karne Ke Liye Sirf Abhyas Aur Vishleshnan Kaushalon Ki Jarurat Hoti Hai । Aise Prashno Ko Hal Karne Ke Liye Aapko Sirf Kalpanik Vicharon Ka Prayog Karna Hota Hai. Is Section Me Safal Hone Ke Liye आईए Kuch Tips Par Nazar Daalte Hain ।

Avadharanna Ki Samajh (Concept Learning) - Pratyek Vishay Ko Achhi Tarah Se Samjhein. Spashta Roop Se Samjhein. Darpan Aur Jal Chhavi Aivam Paper Cutting And Folding Vishayon Me - Aap Vastuon Ke Jariye Prayog Kar Sakte Hain. Inme Se Jyadatar Prashn Sirf Vikalpon Ko Hata Kar Uttar Chunane Ki Taknik Se Hee Hal Ho Jate Hain. Vikalpon Ko Hatana Shuru Karein Aur Samajhdaari Ke Sath Sahi Vikalp Chunein. Isliye seekhne Ke Liye Pratyek Vishay Ko Alag Se Padhna Sabse Achhi Taknik Hogi.
Padhne Ka Madhyam - Chhavi Aadharit Prashno Ko Padhne Ke Liye , Apke Mansik - Darshan Shakti Ko Achachha Hona Chahiye. Iske Liye , Aise Sabhi Vishayon Ke Video Aapko Jarur Dekhne Chahiye. Isse Aapko Pratyek Prashn Ko Hal Karne Ka Trick Bhi Pata Chal Jayega.
Abhyas - Avadharanna Ko Samajhne Ke Baad Vishay Ke Aadhaar Par Prashno Ko Hal Karna Shuru Karein. Isse Aapko Apni Speed Badhane Me To Madad Milegi Hee Sath Hee Prashn Ko Dekhte Hee Use Vishleshit Karne Ki Apki Shamta Me Bhi Sudhar Ayega.
Mock Taste Ke Jariye Apne Pradarshan Ka Mulyankan Karein - SamayBaddh Schedule Me Mock Taste Dein. Apni Khamiyon Ka Pata Lagane Ke Liye Pradarshan Ka Vishleshnan Karein. Khamiyon Par Kaam Karna Shuru Karein Aur Apni Sateekta बढ़ाएं.
Pichhle Year Ke Paper Ko Har Karein - Beete Year Ke Paper Antim Paper Ka Abhasi Pratibimb Hote Hain. SSC Pariksha Ka Pattern Lagbhag Ek Jaisa Hee Rehta Hai. Kai Baar To , Wah Apne Prashno Ko Duhra Deta Hai. Isliye , Uchit SamaySeema Ke Sath Unhe Hal Karne Ka Prayas Karna Apke Liye Achachha Sabit Hoga.
Deerghkalik Lakshya Nirdharit Karein - Reasoning Vishay SSC CGL Pariksha Ke Sirf Tier - 1 Pariksha Me Hee Puchhe Jate Hain Lekin Yah Sabse Asaan Vishayon Me Se Ek Hai Ya Yun Kah Lein Ki Yah Adhik Ank Dilane Wala Vishay Hai. Aur Jaisa Ki Ham Sab Jante Hain Ki Ankon Ki Antim Ganana Me Prelims Ke Ank Bhi Jode Jate Hain Isliye , Is Vishay Me Achhe Ank Lakar Aap Apne Ankon Ko Badha Sakte Hain Aur Non - Verbal Reasoning Ka Yah Section Isme Mahatvapurnn Bhumika Nibhayega. Isliye , Ise Halke Me n Lein Aur Iski Taiyari Bhi Achhi Tarah Se Karein.

Sunday, 2 April 2017

President Pranab Mukharji ne 29 March 2017 Ko Professor SuNaina Singh

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 29 मार्च 2017 को प्रोफेसर सुनैना सिंह को बिहार स्थित नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है. <br/> राष्ट्रपति ने सुनैना के नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए. राष्ट्रपति के पास इस पैनल में कुल तीन नाम भेजे गए थे. प्रोफेसर सुनैना सिंह वर्तमान में हैदराबाद की 'इंग्लिश एंड फौरन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी' (इएफएलयू) की कुलपति हैं. प्रोफेसर सुनैना सिंह कार्यकाल की अवधि पांच वर्ष होगी. <br/> नालंदा विश्वविद्यालय की मीडिया प्रभारी स्मिता पोलाईट ने आईएएनएस को बताया कि प्रोफेसर सुनैना की नियुक्ति की जानकारी केंद्र द्वारा विश्वविद्यालय के प्रभारी रजिस्ट्रार पी़ क़े चंद्रमूर्ति को दी गई. <br/> विश्विद्यालय की पहली कुलपति गोपा सब्बरवाल की सेवानिवृत्ति के बाद से यह पद खाली है. वर्तमान समय में प्रोफेसर पंकज मोहन प्रभारी कुलपति के रूप में कार्यभार संभाल रहे थे. <br/> <br/> बिहार के राजगीर स्थित नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति पंकज मोहन ने दो छात्रों के खिलाफ अपनी सहपाठी छात्राओं द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया. <br/> विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने आरोपी छात्रों के खिलाफ कारवाई करने की मांग को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया था तथा धरने पर बैठे थे. इसके बाद पंकज मोहन ने इस मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. <br/> नालंदा विश्वविद्यालय के बारे में: <br/> नालंदा विश्वविद्यालय को पुन: अस्तित्व में लाने का विचार वर्ष 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा रखा गया था. यह विश्वविद्यालय बिहार में स्थित प्राचीन स्थल के अवशेषों पर उसी नाम से बनाया जा रहा है तथा पूर्व-एशिया सम्मेलन के कई सदस्य देश इस परियोजना में शामिल हैं. <br/> केंद्र सरकार ने फिलीपींस में जनवरी, 2007 में दूसरे पूर्व एशिया सम्मेलन तथा बाद में थाइलैंड में चौथे पूर्व एशिया सम्मेलन में नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु किए गए निर्णयों को लागू करने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय अधिनियम, 2010 बनाया गया. <br/>   <br/>


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Who: प्रोफेसर सुनैना सिंह
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What: नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त
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When: 29 मार्च 2017

President Pranab Mukharji ne 29 March 2017 Ko Professor SuNaina Singh Ko Bihar Sthit Nalanda International VishwaVidyalaya Ka Kulpati Niyukt Kiya Hai. <br/> President ne SuNaina Ke Niyukti Patra Par Hastakshar Kiye. President Ke Paas Is Pannel Me Kul Teen Naam Bheje Gaye The. Professor SuNaina Singh Vartman Me Hyedrabad Ki 'English And Fauran Language University' (EFLU) Ki Kulpati Hain. Professor SuNaina Singh Karyakaal Ki Awadhi Panch Year Hogi. <br/> Nalanda VishwaVidyalaya Ki Media Prabhari smita Polite ne IANS Ko Bataya Ki Professor SuNaina Ki Niyukti Ki Jankari Kendra Dwara VishwaVidyalaya Ke Prabhari Registrar पी़ क़े ChandraMoorti Ko Dee Gayi. <br/> विश्विद्यालय Ki Pehli Kulpati Gopa Sqbbarwal Ki Sewanivritti Ke Baad Se Yah Pad Khali Hai. Vartman Samay Me Professor Pankaj Mohan Prabhari Kulpati Ke Roop Me Karyabhar Sambhal Rahe The. <br/> <br/> Bihar Ke RajGeer Sthit Nalanda International VishwaVidyalaya Ke Prabhari Kulpati Pankaj Mohan ne Do Chhatron Ke Khilaf Apni Sahpathi Chhatraaon Dwara Yaun Utpeedan Ka AaRop Lagane Ke Baad Apne Pad Se Istifa De Diya. <br/> VishwaVidyalaya Ke Chhatra - Chhatraaon ne Aropi Chhatron Ke Khilaf कारवाई Karne Ki Mang Ko Lekar VishwaVidyalaya Parisar Me Pradarshan Kiya Tha Tatha Dharne Par Baithe The. Iske Baad Pankaj Mohan ne Is Mamale Ki Naitik Jimmedari Lete Hue Apne Pad Se Istifa De Diya. <br/> Nalanda VishwaVidyalaya Ke Bare Me: <br/> Nalanda VishwaVidyalaya Ko Punah: Astitwa Me Lane Ka Vichar Year 2005 Me Tatkaleen President A P J Abdul Kalam Dwara Rakha Gaya Tha. Yah VishwaVidyalaya Bihar Me Sthit Pracheen Sthal Ke Avasheshon Par Usi Naam Se Banaya Jaa Raha Hai Tatha Poorv - Asia Sammelan Ke Kai Sadasya Desh Is Pariyojana Me Shamil Hain. <br/> Kendra Sarkaar ne Philippines Me January , 2007 Me Doosre Poorv Asia Sammelan Tatha Baad Me Thailand Me Chauthe Poorv Asia Sammelan Me Nalanda VishwaVidyalaya Ki Sthapanaa Hetu Kiye Gaye Decisions Ko Lagu Karne Ke Liye Nalanda VishwaVidyalaya Adhiniyam , 2010 Banaya Gaya. <br/> <br/>


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Who: Professor SuNaina Singh
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What: Nalanda VishwaVidyalaya Ki Kulpati Niyukt
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When: 29 March 2017

Friday, 31 March 2017

Aadhaar Card Me Hai Koi galati Ya Kho Gaya Janiye Isse Judi Chhoti

आधार कार्ड में है कोई गलती या खो गया आधार, जानिए इससे जुड़ी छोटी-बड़ी हर अहम बात <br/> <br/> नई दिल्ली:आधार कार्ड इन-दिनों चर्चा में है। हाल ही में राज्यसभा में चर्चा के दौरान पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आधार कार्ड की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए थे। वहीं इसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने जानकारी दी थी कि देश के 98 फीसद वयस्कों के पास आधार कार्ड पहुंच चुका है। ऐसे में आधार कार्ड की इतनी व्यापकता को देखते हुए आपके लिए इसके बारे में हर छोटी बड़ी बात जानना जरूरी है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको यही बताने की कोशिश करेंगे। <br/> रिटर्न भरने और पैन कार्ड के आवेदन के लिए अब जरूरी हुआ आधार कार्ड अब जब आप अपना रिटर्न फाइल करेंगे तो आपको उसमें अपने आधार नंबर की जानकारी भी दर्ज करानी होगी। सरकार ने मंगलवार (21 मार्च) को संसद में इसे प्रस्तावित किया। मंगलवार को लिए गए इस फैसले में कहा गया है कि पैन के लिए आवेदन फॉर्म भरते वक्त भी आधार कार्ड जरुरी होगा। अगर आपके पास आधार नहीं है तो आधार के लिए एनरोलमेंट आईडी देना जरूरी होगा, आधार नंबर की जानकारी दिए बिना पैन अवैध माना जाएगा। आपको बता दें कि सरकार इससे पहले गैस कनेक्शन की सब्सिडी लेने के लिए, मिड डे मिल के लिए और पॉलीटेक्निक की परीक्षा के लिए आधार कार्ड को पहले ही जरूरी कर चुकी है। <br/> इन कामों के लिए जरूरी होता है आधार:इनकम टैक्स: 1 जुलाई से अगर आप अपना इनकम टैक्स भरना चाहते हैं, तो आप को आधार नंबर की जरूरत पड़ेगी। जिन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं है,वो अपना आईटीआर आधार एनरोलमेंट नंबर से भर सकते हैं। जुलाई से पहले आप को अपना आधार कार्ड पेन कार्ड से लिंक करना होगा। आधार के बिना आईटीआर को वैध नहीं माना जाएगा। <br/> पेन कार्ड: अगर आप को पेन कार्ड के लिए अप्लाई करना है, तो आप के पास आधार नंबर होना अनिवार्य है। 1 जुलाई 2017 से ये नियम सभी पर लागू हो जाएगा। <br/> पेंशन: इंप्ला ई प्रोविडेंट फंड के जरिए मिलने वाली पेंशन के लिए अब से आधार कार्ड जरूरी हो गया है। सभी पेंशनर्स से आधार नंबर जमा करने के लिए कहा गया है। डिफेंस पेंशन के लिए भी आधार कार्ड जरूरी होता है।पेमेंट: आधार पेमेंट एप के जरिये सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना चाहती है। अगर आप के पास आधार नंबर है तो आप को डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जरूरत नहीं पडेगी। आप को कार्ड स्वाइप करने की भी जरूरत नहीं होगी। ये यूनिवर्सल एप यूएसएसडी कोड के जरिये काम करती है। आधार नंबर के जरिये आप किसी भी बैंक से पेमेंट कर सकते हैं। इसके लिये आप को इंटरनेट की भी जरूरत नहीं होगी। <br/> एलपीजी: फ्री एलपीजी कनेक्शन के लिए भी आप को आधार नंबर की जरूरत होगी। प्रधानमंत्री उज्व्ेक ला योजना के तहत जिसे भी फ्री कनेक्शन न चाहिए, उसके पास आधार नंबर होना अनिवार्य है। एलपीजी सब्सिडी लेने के लिए भी आप को आधार नंबर की जरूरत होगी। <br/> ई-एनपीएस खाता: आप ई-एनपीएस के जरिये अपना पेंशन खाता खोल सकते हैं। इसके लिये आपके पास आधार कार्ड होना चाहिये। एनपीएस की ऑफीशियल साइट पर आधार कार्ड के जरिये आप ई-एनपीएस खाता बना सकते हैं। <br/> पासपोर्ट: पासपोर्ट बनवाने के लिये अब से आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है। पासपोर्ट बनवाने के लिये अभी तक ढेरों डॉक्यूमेंट की जरूरत होती थी। कई बार एंटी नेशनल लोग भी पासपोर्ट आसानी से बनवा लेते थे। अब से पासपोर्ट बनवाने के लिये आधार नंबर अनिवार्य हो गया है। <br/> अटेंडेन्स: केन्द्र और राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों की अटेंडेन्स के लिये आधार इनेबल्ड बायोमेट्रिक अटेंडेन्स सिस्टम तैयार किया है। जिसके जरिये सभी कर्मचारियों की उपस्थिति का पता लगता है। भविष्य में हर जगह अटेंडेन्स के लिये आधार नंबर अनिवार्य हो गया है। <br/> रेलवे टिकट: रेलवे टिकट बुकिंग के लिये आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है। आप आधार नंबर के जरिये रेलवे टिकट बुक करवा सकते हैं। <br/> राशन की दुकान: राशन की दुकानों पर सामान लेने के लिये आधार कार्ड अनिवार्य हो गया है। बिना आधार कार्ड और आधार नंबर के राशन की दुकानों से सामान नहीं लिया जा सकता है। <br/> फोन कनेक्शन और मोबाइल फोन के लिए: नया फोन कनेक्शन और मोबाइल फोन लेने के लिए भी आधार कार्ड को जरूरी कर दिया गया है। इसके बिना आपको दोनों में से कोई भी सुविधा नहीं मिलेगी।  <br/> घर बैठे दूर करें आधार कार्ड में दर्ज गलतियां, समझिए स्टेप बाई स्टेप तरीका <br/> आधार कार्ड को अब लगभग अधिकांश जरूरी कामों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। आपको बता दें कि जितना आसान आधार कार्ड बनवाना है उतना ही आसान इसमें दर्ज गलतियों में सुधार करना है। आधार का आवेदन ऑनलाइन माध्यम से होता है लेकिन अक्सर आवेदन के दौरान कुछ लोग इसमें गलतियां कर देते हैं। लेकिन इसे भी आसानी से दुरुस्त किया जा सकता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें..... <br/> आधार कार्ड के बिना नहीं मिलेगा इन सरकारी योजनाओं का लाभ, जानिए <br/> आधार कार्ड की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ रही है। सरकार ने अब लगभग अधिकांश कामकाजों के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है, हाल ही में सरकार की ओर से आईटीआर फाइलिंग और पैन कार्ड आवेदन के लिए भी पैन कार्ड को अनिवार्य बता दिया है। तमाम सरकारी योजनाओं के लिए इसे पहले ही अनिवार्य किया जा चुका है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...... <br/>

Aadhaar Card Me Hai Koi galati Ya Kho Gaya Aadhaar , Janiye Isse Judi Chhoti - Badi Har Aham Baat <br/> <br/> Naee Delhi:Aadhaar Card In - Dino Charcha Me Hai । Haal Hee Me RajyaSabha Me Charcha Ke Dauran Poorv Vitt Mantri Aur Congress Neta P Chidambaram ne Aadhaar Card Ki Surakshaa Ko Lekar Sawal Khadae Kiye The । Wahin Iska Jawab Dete Hue Vitt Mantri ne Jankari Dee Thi Ki Desh Ke 98 Feesad Vayaskon Ke Paas Aadhaar Card Pahunch Chuka Hai । Aise Me Aadhaar Card Ki Itni Vyapakta Ko Dekhte Hue Apke Liye Iske Bare Me Har Chhoti Badi Baat Janana Jaroori Hai । Ham Apni Is Khabar Ke Madhyam Se Aapko Yahi batane Ki Koshish Karenge । <br/> return Bharne Aur Pen Card Ke Awedan Ke Liye Ab Jaroori Hua Aadhaar Card Ab Jab Aap Apna return File Karenge To Aapko Usme Apne Aadhaar Number Ki Jankari Bhi Darj Karani Hogi । Sarkaar ne MangalVaar (21 March) Ko Sansad Me Ise Prastavit Kiya । MangalVaar Ko Liye Gaye Is Faisle Me Kahaa Gaya Hai Ki Pen Ke Liye Awedan Form Bharate Waqt Bhi Aadhaar Card Jaroori Hoga । Agar Apke Paas Aadhaar Nahi Hai To Aadhaar Ke Liye Enrollment ID Dena Jaroori Hoga , Aadhaar Number Ki Jankari Diye Bina Pen Avaidh Mana Jayega । Aapko Bata Dein Ki Sarkaar Isse Pehle Gas Connection Ki Subsidy Lene Ke Liye , Mid Day Mil Ke Liye Aur Politechnic Ki Pariksha Ke Liye Aadhaar Card Ko Pehle Hee Jaroori Kar Chuki Hai । <br/> In Kaamon Ke Liye Jaroori Hota Hai Aadhaar:Income Tax: 1 July Se Agar Aap Apna Income Tax Bharna Chahte Hain , To Aap Ko Aadhaar Number Ki Jarurat Padegi । Jin Logon Ke Paas Aadhaar Card Nahi Hai , Wo Apna ITR Aadhaar Enrollment Number Se Bhar Sakte Hain । July Se Pehle Aap Ko Apna Aadhaar Card Pain Card Se Link Karna Hoga । Aadhaar Ke Bina ITR Ko Vaidh Nahi Mana Jayega । <br/> Pain Card: Agar Aap Ko Pain Card Ke Liye Apply Karna Hai , To Aap Ke Paas Aadhaar Number Hona Anivarya Hai । 1 July 2017 Se Ye Niyam Sabhi Par Lagu Ho Jayega । <br/> Pension: इंप्ला Ee Provident Fund Ke Jariye Milne Wali Pension Ke Liye Ab Se Aadhaar Card Jaroori Ho Gaya Hai । Sabhi Pensioners Se Aadhaar Number Jama Karne Ke Liye Kahaa Gaya Hai । Defense Pension Ke Liye Bhi Aadhaar Card Jaroori Hota Hai । Payment: Aadhaar Payment App Ke Jariye Sarkaar Digital Payment Ko Badhawa Dena Chahti Hai । Agar Aap Ke Paas Aadhaar Number Hai To Aap Ko Debit Aur Credit Card Ki Jarurat Nahi Padegi । Aap Ko Card Swipe Karne Ki Bhi Jarurat Nahi Hogi । Ye Universal App USSD Kod Ke Jariye Kaam Karti Hai । Aadhaar Number Ke Jariye Aap Kisi Bhi Bank Se Payment Kar Sakte Hain । Iske Liye Aap Ko Internet Ki Bhi Jarurat Nahi Hogi । <br/> LPG: Free LPG Connection Ke Liye Bhi Aap Ko Aadhaar Number Ki Jarurat Hogi । Pime Minister उज्व्ेक La Yojana Ke Tahat Jise Bhi Free Connection n Chahiye , Uske Paas Aadhaar Number Hona Anivarya Hai । LPG Subsidy Lene Ke Liye Bhi Aap Ko Aadhaar Number Ki Jarurat Hogi । <br/> Ee - NPS Khata: Aap Ee - NPS Ke Jariye Apna Pension Khata Khol Sakte Hain । Iske Liye Apke Paas Aadhaar Card Hona Chahiye । NPS Ki Official Site Par Aadhaar Card Ke Jariye Aap Ee - NPS Khata Banaa Sakte Hain । <br/> Passport: Passport Banawane Ke Liye Ab Se Aadhaar Card Anivarya Ho Gaya Hai । Passport Banawane Ke Liye Abhi Tak Dheron Document Ki Jarurat Hoti Thi । Kai Baar Anti National Log Bhi Passport Asani Se Banwa Lete The । Ab Se Passport Banawane Ke Liye Aadhaar Number Anivarya Ho Gaya Hai । <br/> Attendance: Center Aur Rajya Sarkaron ne Apne Karmchariyon Ki Attendance Ke Liye Aadhaar Enabled Biometric Attendance System Taiyaar Kiya Hai । Jiske Jariye Sabhi Karmchariyon Ki Upastithiti Ka Pata Lagta Hai । Bhavishya Me Har Jagah Attendance Ke Liye Aadhaar Number Anivarya Ho Gaya Hai । <br/> Railway Ticket: Railway Ticket Booking Ke Liye Aadhaar Card Anivarya Ho Gaya Hai । Aap Aadhaar Number Ke Jariye Railway Ticket Book Karwa Sakte Hain । <br/> Rashan Ki Dukan: Rashan Ki Dukanon Par Saman Lene Ke Liye Aadhaar Card Anivarya Ho Gaya Hai । Bina Aadhaar Card Aur Aadhaar Number Ke Rashan Ki Dukanon Se Saman Nahi Liya Jaa Sakta Hai । <br/> Phone Connection Aur Mobile Phone Ke Liye: Naya Phone Connection Aur Mobile Phone Lene Ke Liye Bhi Aadhaar Card Ko Jaroori Kar Diya Gaya Hai । Iske Bina Aapko Dono Me Se Koi Bhi Suvidha Nahi Milegi । <br/> Ghar Baithe Door Karein Aadhaar Card Me Darj Gatiyan , Samajhiye Step Bai Step Tarika <br/> Aadhaar Card Ko Ab Lagbhag Adhikansh Jaroori Kaamon Ke Liye Anivarya Kar Diya Gaya Hai । Aapko Bata Dein Ki Jitna Asaan Aadhaar Card Banwana Hai Utna Hee Asaan Isme Darj galatiyon Me Sudhar Karna Hai । Aadhaar Ka Awedan Online Madhyam Se Hota Hai Lekin Aksar Awedan Ke Dauran Kuch Log Isme Gatiyan Kar Dete Hain । Lekin Ise Bhi Asani Se Durust Kiya Jaa Sakta Hai । Puri Khabar Padhne Ke Liye Click Karein..... <br/> Aadhaar Card Ke Bina Nahi Milega In Sarakari Yojnaon Ka Labh , Janiye <br/> Aadhaar Card Ki Sweekaryata Teji Se Badh Rahi Hai । Sarkaar ne Ab Lagbhag Adhikansh Kaamkaajon Ke Liye Aadhaar Card Ko Anivarya Kar Diya Hai , Haal Hee Me Sarkaar Ki Or Se ITR Filling Aur Pen Card Awedan Ke Liye Bhi Pen Card Ko Anivarya Bata Diya Hai । Tamaam Sarakari Yojnaon Ke Liye Ise Pehle Hee Anivarya Kiya Jaa Chuka Hai । Puri Khabar Padhne Ke Liye Click Karein...... <br/>